(यहां बताई गई बातें, इलाज के तरीके और खुराक की जो सलाह दी जाती है, वो विशेषज्ञोंके अनुभव पर आधारित है. किसी भी सलाह को अमल में लाने से पहले अपने डॉक्टर से ज़रूरपूछें. दी लल्लनटॉप आपको अपने आप दवाइयां लेने की सलाह नहीं देता.)आपने किडनी स्टोन के बारे में सुना होगा. गॉल ब्लैडर स्टोन के बारे में सुना होगा.पर क्या आपने टॉन्सिल स्टोन के बारे में सुना है? जी, आपके टॉन्सिल में भी स्टोनहोते हैं. हमें सेहत पर मेल आया पवन का. 32 साल के हैं. पटना के रहने वाले हैं.उन्हें हमेशा से ही टॉन्सिल से जुड़ी प्रॉब्लम्स होती रहती हैं. जब भी वो कुछ ठंडाखा या पी लेते हैं तो उनकी टॉन्सिल सूज जाती हैं. निगलने में दर्द होने लगता है.कुछ दिनों बाद ये प्रॉब्लम ठीक भी हो जाती है.पर कुछ महीने पहले उन्हें खाना खाने में ज़्यादा तकलीफ़ होने लगी. टॉन्सिल में सूजनमहसूस होने लगी. उन्होंने डॉक्टर को दिखाया. उनकी जांच हुई. पता चला उनके टॉन्सिलमें स्टोन हैं. जिसे निकालने के लिए उन्हें एक छोटी सी सर्जरी करवानी पड़ी. पवनचाहते हैं हम टॉन्सिल स्टोन के बारे में अपने शो पर बात करें. ये क्या होते हैं,क्यों होते हैं, इनका इलाज क्या है, ये सब डॉक्टर्स से बात करके लोगों को बताएं. तोसबसे पहले जान लीजिए टॉन्सिल स्टोन क्या होते हैं.टॉन्सिल क्या होते हैं?ये हमें बताया डॉक्टर अतुल कुमार मित्तल ने.डॉक्टर अतुल कुमार मित्तल, डायरेक्टर, ईएनटी, फ़ोर्टिस, गुरुग्राम-टॉन्सिल आपके गले के पीछे अंडे के शेप के दो टिश्यू (ऊतक) होते हैं.-जो शरीर में बैक्टीरिया, वायरस को पनपने से रोकते हैं.-शरीर को कई बीमारियों से बचाते हैं.टॉन्सिल स्टोन क्या होता है?-टॉन्सिल के अंदर बहुत सारी दरारें, सुरंग या गड्ढे होते हैं.-जिनको क्रेप्स कहते हैं.-इन दरारों में गंदगी, बैक्टीरिया और डेड टिश्यू फंस जाते हैं.-जिसमें बैक्टीरिया के कारण छोटे-छोटे स्टोन यानी पत्थर बनने शुरू हो जाते हैं.-टॉन्सिल की हालत बिगड़ने से यहां पर सफ़ेद रंग का दाना बन जाता है.-जिसको टॉन्सिल स्टोन कहते हैं.-ये टॉन्सिल स्टोन दाल के बराबर का होता है.-टॉन्सिल स्टोन का साइज़ इस बात पर निर्भर करता है कि क्रेप्स का गड्ढा कितना बड़ाहै.-विशेष रूप से टॉन्सिल स्टोन तंग नहीं करता है.-पेशेंट को पता भी नहीं चलता कि उसके मुंह में टॉन्सिल स्टोन है.-जब तक वो पूरी तरह से मुंह न खोले.-ऐसा करने पर सफ़ेद रंग का पैच मिलता है.-कभी-कभी पेशेंट बहुत भयभीत हो जाते हैं कि ये इन्फेक्शन या पस है.टॉन्सिल की हालत बिगड़ने से यहां पर सफ़ेद रंग का दाना बन जाता है-इसलिए ज़रूरत न होने पर एंटीबायोटिक भी खाने लगते हैं.-जो कि नहीं खानी चाहिए.-महज़ नमक के पानी से गरारा करने पर टॉन्सिल स्टोन अपने आप निकल जाते हैं.-टॉन्सिल स्टोन मुंह खोलने पर सख्त पत्थर की तरह नज़र आते हैं.-अक्सर पाया जाता है कि जो लोग मुंह से सांस लेते हैं.-जो लोग मुंह की सफ़ाई नहीं रखते.-साइनस के मरीज़ होते हैं.-या वो लोग जिनको बार-बार टॉन्सिल में इन्फेक्शन होता है.-उनमें ये अक्सर पाए जाते हैं.-हालांकि टॉन्सिल स्टोन बहुत भयंकर रूप से आपको तकलीफ़ नहीं देते हैं.लक्षण-कुछ केसेस में टॉन्सिल स्टोन काफ़ी हद तक तंग करते हैं.-ऐसे में टॉन्सिल स्टोन के अंदर इन्फेक्शन हो जाता है.-टॉन्सिल का साइज़ बढ़ा होना शुरू हो जाता है.-पेशेंट को बुखार आ सकता है.-खाना खाने में तकलीफ़ होती है.-निगलने में परेशानी होती है.-टॉन्सिल स्टोन में सबसे बड़ी प्रॉब्लम होती है मुंह से बदबू आना.-कान में दर्द होना.-परेशान करने वाला कफ़ होना.टॉन्सिल स्टोन मुंह खोलने पर सख्त पत्थर की तरह नज़र आते हैं-इसमें ड्राई कफ़ होता है.इलाज-अगर ये परेशानी लगातार रहे, एंटीबायोटिक देने के बाद भी इससे आराम न मिले तब इलाजसर्जरी से होता है.-या तो टॉन्सिल को लेज़र की मदद से पूरी तरह से निकाल दिया जाता है.-नहीं तो एक नई टेक्नीक का इस्तेमाल किया जाता है.-जिसे कहते हैं कोबलेशन टेक्नीक.-इसमें टॉन्सिल की पॉकेट को खत्म कर दिया जाता है.-1 पॉकेट बना दी जाती है.-ताकि उसमें खाना न फंसे.बचाव-अगर बचाव किया जाए तो घरेलू उपचार से ही टॉन्सिल स्टोन को ठीक किया जा सकता है.-जैसे मुंह की सफाई.-नियमित रूप से सुबह और शाम ब्रश करना.-जीभ को साफ़ रखना.-जीभ को ब्रश से साफ़ करना.अगर ये परेशानी लगातार रहे, एंटीबायोटिक देने के बाद भी इससे आराम न मिले तब इलाजसर्जरी से होता है-अगर एसिडिटी रहती है तो चाय, कॉफ़ी, मसाले या फ्राइड फ़ूड से दूर रहें.-स्मोकिंग और तंबाकू से दूर रहें.-पानी पिएं.-जिन लोगों में टॉन्सिल स्टोन बनते हैं और मुंह से बदबू आती है वो नमक और मीठा सोडागुनगुने पानी में डालकर गरारा करें.-इससे न केवल गंद खत्म हो जाती है बल्कि जहां टॉन्सिल स्टोन फंसे हुए होते हैं, वोअपने आप निकल जाते हैं.-जिन मरीजों में टॉन्सिल स्टोन की वजह से दर्द होता है, सूजन आ जाती है या ये स्टोननियमित रूप से बनते हैं.-उनमें लेज़र द्वारा और कोबलेशन टेक्नीक से इन क्रेप्स को खत्म कर दिया जाता है.-ये पॉकेट्स बंद हो जाती हैं.-पेशेंट हमेशा के लिए ठीक हो जाता है.जैसे डॉक्टर साहब ने बताया, टॉन्सिल स्टोन वैसे तो कोई दिक्कत नहीं देता, पर अगरइनका साइज़ बढ़ गया तो गड़बड़ हो जाती है. इसलिए अगर आपको डॉक्टर के बताए गए लक्षणमहसूस हो रहे हैं तो डॉक्टर से मिलें ताकि सही इलाज मिल सके.