(यहां बताई गई बातें, इलाज के तरीके और खुराक की जो सलाह दी जाती है, वो विशेषज्ञोंके अनुभव पर आधारित है. किसी भी सलाह को अमल में लाने से पहले अपने डॉक्टर से ज़रूरपूछें. दी लल्लनटॉप आपको अपने आप दवाइयां लेने की सलाह नहीं देता.)हमें मेल आया नंदन का. जयपुर के रहने वाले हैं. उनकी मम्मी की उम्र 49 साल है.पिछले साल दिसंबर में उनको सिर में तेज़ दर्द उठा. पहले उन्होंने फार्मसी से लेकरदवाई खाई. पर उसका कोई असर नहीं हुआ. जब दर्द लगातार चौथे दिन रहा तो उन्होंनेडॉक्टर को दिखाया. डॉक्टर ने कुछ दवाई दीं पर उनसे भी आराम नहीं मिला. कुछ हफ़्तोंबाद नंदन की मम्मी को दौरे पड़ने लगे. घरवालों ने उन्हें एक नए डॉक्टर को दिखाया.उन्हें कुछ और लक्षण भी थे, जैसे धुंधला दिखना, थकान, और उल्टियां आना. उनके कुछटेस्ट हुए. पता चला नंदन की मम्मी को ब्रेन ट्यूमर है. अब उनका इलाज चल रहा है.पर ब्रेन ट्यूमर क्या होता है, क्यों होता है, इसके लक्षण और इलाज क्या हैं, आज हमइसी पर बात करेंगे.The International Association of Cancer Registries के मुताबिक, हिंदुस्तान में हरसाल 28 हज़ार से ज़्यादा ब्रेन ट्यूमर के केसेस रिपोर्ट होते हैं. वहीं 24 हज़ार लोगोंकी मौत होती है, हर साल. ब्रेन ट्यूमर एक सीरियस कंडीशन है. अगर ये सही समय पर पकड़में न आए और सही समय पर इसका इलाज न शुरू हुआ, तो ये जानलेवा है.क्या होता है ब्रेन ट्यूमर?ये हमें बताया डॉक्टर संदीप ने.डॉक्टर संदीप वैश्य, न्यूरोसर्जन, फ़ोर्टिस मेमोरियल रिसर्च इंस्टिट्यूट, गुरुग्रामट्यूमर का मतलब होता है गठान ( गांठ ). दिमाग में होने वाली किसी भी गठान को ब्रेनट्यूमर कहते हैं. अब यह गठान चाहे कैंसर हो या नहीं, लेकिन हम उसको ब्रेन ट्यूमर हीबोलेंगे, ब्रेन ट्यूमर किसी भी उम्र में हो सकता है, महिला हो या पुरुष किसी को भीब्रेन ट्यूमर हो सकता है.ब्रेन ट्यूमर के प्रकारब्रेन ट्यूमर दो प्रकार के होते हैं एक होते हैं. कैंसर वाले और नॉन कैंसरस. नॉनकैंसरस ट्यूमर को बिनाइन टयूमर भी कहते हैं.जो नॉन कैंसर ट्यूमर होते हैं वह ज्यादातर ब्रेन के बाहर होते हैं. ब्रेन के अंदरहोने वाले ट्यूमर अधिकतर कैंसर वाले होते हैं. जो ब्रेन के बाहर ट्यूमर पैदा होतेहैं उनमें सबसे कॉमन मेनिंगियोमा होता है दूसरा एकॉस्टिक टयूमर होता है. यह नर्व याब्रेन की कवरिंग से पैदा होते हैं और ब्रेन को दबाते हैं. इनका इलाज काफी सिंपलहोता है और इसके रिजल्ट भी काफी अच्छे होते हैं.दिमाग में होने वाली किसी भी गठान को ब्रेन ट्यूमर कहते हैंजो कैंसर वाले ट्यूमर होते हैं वह ब्रेन के प्राइमरी ट्यूमर हो सकते हैं. मतलबब्रेन के सेल से ही पैदा होते हैं या मेटासेल्स होते हैं, यानी शरीर में और कहींकैंसर होता है और वो फैलकर दिमाग में पहुंच जाते हैं. कई बार किसी मरीज को 30-40 तकट्यूमर हो सकते हैं. जो प्राइमरी कैंसर होता है वो एक ही है और एक ही जगह होता है.कारणकई लोगों को लगता है कि बचपन में चोट लगने के कारण उन्हें ब्रेन ट्यूमर हो जाता है,लेकिन ये गलत है. ब्रेन ट्यूमर होने के पीछे कोई खास कारण नहीं होता, कभी- कभार ऐसाहोता है कि बचपन में रेडिएशन के कारण लोगों को ब्रेन ट्यूमर हो जाता है लेकिन ऐसाबहुत कम होता है. अधिकतर लोगों में कोई कारण नहीं होता, बिना कारण के ही ब्रेनट्यूमर हो जाते हैं.कई बार किसी मरीज को 30-40 तक ट्यूमर हो सकते हैंलक्षणअधिकतर मरीजों को सिर में दर्द होता है. ये दर्द लगातार होता है. तो अगर किसी केसिर में बहुत दिनों तक लगातार दर्द बना रहे तो उसे डॉक्टर से कंसल्ट करनाचाहिए. दर्द के साथ अगर उल्टी आए, पैरालिसिस हो जाए या फिर इंसान को डबल दिखाईपड़ने लगे और मिर्गी के दौरे पड़ने लगें तो यह सब ब्रेन ट्यूमर के लक्षण होते हैं.कुछ ब्रेन ट्यूमर में जैसे एकॉस्टिक ट्यूमर जो की कान की सुनने वाली नर्व से शुरूहोता है, इसमें लोगों को उस कान से सुनाई पड़ना बंद हो जाता है, ब्रेन ट्यूमर दिमागके किस हिस्से में पैदा हो रहा है, उस हिसाब से लक्षण अलग हो सकते हैं. अगर दिमागकी ताकत वाले हिस्से में ट्यूमर है तो इंसान पैरालाइज़ हो सकता है. अगर ट्यूमर आंखकी नस के पास में है तो आंख से दिखना कम हो सकता है. कभी-कभी कुछ ट्यूमर से दौरा पड़सकता है तो कई बार दिमाग में पानी भर जाता है. जिसकी वजह से लगातार दर्द होता रहताहैअगर किसी को सिर में बहुत दिनों तक लगातार दर्द बना रहे तो उसे डॉक्टर से कंसल्टकरना चाहिएबचावब्रेन ट्यूमर का कोई कारण नहीं है तो इससे बचाव भी संभव नहीं है, जिसको होना हैउसको हो जाएगा. पता तभी चलेगा जब या तो कोई लक्षण हों या फिर किसी और कारण की वजहसे सीटी स्कैन, एमआरआई वगैरह हो, जैसे कभी चोट लग जाती है तो सीटी स्कैन होता है तबपता चल सकता है.इलाजब्रेन ट्यूमर का नाम सुनते ही लोगों को दहशत हो जाती है कि यह उनकी जिंदगी का अंतहै, लेकिन ऐसा नहीं है. बहुत सारे ब्रेन ट्यूमर का इलाज सक्सेसफुली संभव है. कईट्यूमर्स हमेशा के लिए ठीक हो जाते हैं. कैंसर ट्यूमर की पहले सर्जरी करनी होती है,उसके बाद उन्हें रेडियोथेरेपी और कीमोथेरेपी दी जाती है. नॉन कैंसर टयूमर्स अधिकतरसर्जरी से ठीक हो जाते हैं.ब्रेन ट्यूमर का कोई कारण नहीं है तो इससे बचाव भी संभव नहीं हैलेकिन कुछ जो छोटे ट्यूमर होते हैं, उनमें बिना सर्जरी के इलाज संभव होता है, उसमेंहम हाई डोज रेडिएशन दी जाती है. उसको रेडियोथैरेपी कहते हैं.जैसे डॉक्टर साहब ने बताया, ब्रेन ट्यूमर का पता सीटी स्कैन और एमआरआई से चलता.इसलिए डॉक्टर के बताए गए लक्षण दिखने पर, ये टेस्ट ज़रूर करवाएं. जितना जल्दी ट्यूमरपकड़ में आ जाएगा, उतना जल्दी इसका इलाज शुरू हो सकता है. जान बच सकती है. हलाकिट्यूमर ज़रूरी नहीं कैंसर ही हो. पर ये जांच में साफ़ होता है. इसलिए सही समय परटेस्ट करवाएं.