सर्दी में हीटर चलाना कब हो सकता है जानलेवा? ये बातें जानना जरूरी
हीटर चलाते समय कुछ सावधानियां बरतने की जरूरत है. जैसे कि वो हीटर इस्तेमाल करें जिसमें एलिमेंट खुले में ना हों.
सर्दियों में अगर बस चले तो इंसान घर से बाहर ही न निकले. कमरे में रज़ाई ओढ़कर, हीटर खोलकर हाथ सेकता रहे. कड़ाके की सर्दी में बिना हीटर के काम भी नहीं चलता. कई लोग घंटों हीटर चलाए रखते हैं. कुछ तो लोग हीटर चलाए-चलाए सो भी जाते हैं. वो भी कमरा एकदम बंद कर के. आपको अंदाज़ा भी नहीं है कि ये कितना ख़तरनाक हो सकता है. जानलेवा हो सकता है. आज हम डॉक्टर से जानेंगे कि हीटर आपकी सेहत को कैसे नुकसान पहुंचाते हैं. किस तरह के हीटर आपको इस्तेमाल करने चाहिए और इनको इस्तेमाल करते हुए, किन बातों का ध्यान रखना ज़रूरी है.
रूम हीटर सेहत को कैसे नुकसान पहुंचाते हैं?ये हमें बताया डॉक्टर राजीव गुप्ता ने.
ठंड के मौसम में आमतौर पर हीटर का इस्तेमाल होता है. कई तरह के हीटर होते हैं, जैसे कुछ में एलिमेंट लगा होता है और कुछ में फैन. कुछ हीटर तेल से चलते हैं तो कुछ कंवेक्शन हीटर भी होते हैं. वैसे हर तरह के हीटर के अपने फायदे और नुकसान हैं. लेकिन हीटर से आमतौर पर जो नुकसान होता है वो ये कि हवा में मॉइस्चर की कमी हो जाती है. हीटर चलाने से हवा का मॉइस्चर कम हो जाता है और हवा ड्राई हो जाती है. ऐसा होने पर आंखों में जलन, खुजली और कंजक्टिवाइटिस की समस्या हो सकती है.
स्किन भी ड्राई हो सकती है. सांस की नली में भी ड्राइनेस आ सकती है जिससे अस्थमा और क्रोनिक ब्रोंकाइटिस की समस्या हो सकती है. यहां तक कि दिल के मरीज को भी इस ड्राई हवा से परेशानी हो सकती है. जिन हीटर (अंगीठी) में आग जलती है उनसे कार्बन मोनोऑक्साइड गैस निकलती है. अगर ये अंगीठी बंद कमरे में जलायी गई तो कार्बन मोनोऑक्साइड पॉइज़निंग भी हो सकती है. इस वजह से कभी किसी की मौत भी हो सकती है. कार्बन मोनोऑक्साइड पॉइज़निंग में मरीज को शुरुआत में सिरदर्द, घबराहट, उल्टी-दस्त, पेट दर्द जैसे लक्षण दिख सकते हैं. बाद में मरीज़ बेहोश हो सकता है. इस दौरान मरीज़ की जान भी जा सकती है.
क्या-क्या परेशानियां/बीमारियां हो सकती हैं?हीटर की वजह से लोगों को कई तरह की एलर्जी हो सकती है, जैसे कि स्किन, सांस या आंख की एलर्जी.
किन बातों का ध्यान रखना ज़रूरी है?
हीटर चलाते समय कुछ सावधानियां बरतने की जरूरत है. जैसे कि वो हीटर इस्तेमाल करें जिसमें एलिमेंट खुले में ना हों. वो हीटर इस्तेमाल करें जिसमें ह्यूमिडिफायर लगा हो ताकि हवा में मॉइस्चर बना रहे. अगर ह्यूमिडिफायर नहीं लगा है तो हीटर के सामने एक बर्तन में पानी भरकर रख दें. इससे हवा ड्राई नहीं होती इसमें मॉइस्चर बना रहता है. हीटर को किसी सुरक्षित जगह रखकर चलाएं. बच्चों की पहुंच से हीटर को दूर रखें. हमेशा सोने से पहले हीटर को बंद कर दें.
इसके साथ ही हीटर बनाने वाले कंपनी ने जो गाइडलाइन दी हैं, उनका पालन करें. समय-समय पर हीटर की सफाई करते रहें. हीटर का ज़्यादा इस्तेमाल न करें, ज्यादा ठंड होने पर ही हीटर चलाएं. कई बार हीटर की गर्म हवा से अचानक बाहर ठंडी हवा में जाने से भी कई बीमारियां हो सकती हैं. जिन लोगों को सांस की एलर्जी और अस्थमा है उन्हें ज़्यादा परेशानी होगी. इसलिए एकदम से ठंडी हवा में न जाएं.
(यहां बताई गई बातें, इलाज के तरीके और खुराक की जो सलाह दी जाती है, वो विशेषज्ञों के अनुभव पर आधारित है. किसी भी सलाह को अमल में लाने से पहले अपने डॉक्टर से ज़रूर पूछें. दी लल्लनटॉप आपको अपने आप दवाइयां लेने की सलाह नहीं देता.)