The Lallantop
Advertisement

लड़की को घूरना और पीछा करना केवल तब अपराध है जब ये बार-बार होः बॉम्बे हाईकोर्ट

आरोपी को बरी करते हुए हाईकोर्ट ने और क्या कहा?

Advertisement
Stalking
अगर कोई आदतन पीछा करता है तब ही उसे स्टॉकिंग कहा जाएगा.
pic
सोनल पटेरिया
14 सितंबर 2022 (Updated: 14 सितंबर 2022, 19:48 IST)
font-size
Small
Medium
Large
font-size
Small
Medium
Large
whatsapp share

किसी लड़की का पीछा करना, उसके आगे-पीछे घूमना केवल तब अपराध माना जाएगा जब ये बार-बार हो. एक बार ऐसा होना घटना को अपराध नहीं बनाता है. ये कहना है बॉम्बे हाईकोर्ट का. कोर्ट ने कहा कि इंडियन पीनल कोड यानी IPC की धारा 354-D (1) के तहत स्टॉकिंग को तब ही अपराध माना जाएगा जब ये 'रिपिटेटिव बिहेवियर' हो. माने जब कोई बार-बार या लंबे समय से पीछा करे. बेंच ने ये कहते हुए महाराष्ट्र के चंद्रपुर में रहने वाले शख्स पर लगे आरोपों को रद्द कर दिया.

29 साल के महादेव भुसरी पर  स्टॉकिंग के आरोप लगे थे. ट्रायल कोर्ट ने POCSO के तहत उसे दो साल की सज़ा सुनाई थी.

बॉम्बे हाईकोर्ट की नागपुर बेंच ने इस फैसले को रद्द कर दिया. जस्टिस गोविंदा सनप ने कहा,

"सेक्शन 354 D के खंड 1 में स्पष्ट रूप से लिखा है कि महिला के मना करने के बाद भी अगर कोई आदतन पीछा करता है तब ही उसे अपराधी माना जाएगा. बार-बार पीछा करना यहां सबसे मूल आधार है जो इस केस में नहीं था."

महादेव पर आरोप था कि उसने एक नाबालिग लड़की को प्रपोज़ किया और उसका हाथ पकड़ने की कोशिश की. लड़की चीख उठी और उसकी आवाज़ सुन आस-पास काम करने वाले किसान उसे बचाने आए. आठ चश्मदीद गवाह जिसमें लड़की के दोस्त भी शामिल थे, उनके बयानों के आधार पर चंद्रपुर के वरोरा में निचली अदालत ने सज़ा सुनाई थी.

सेशन कोर्ट के इस फैसले को हाईकोर्ट में चुनौती दी गई.

हाईकोर्ट में सुनवाई के दौरान जस्टिस सनप ने कहा कि पीड़िता ने इस बात पर जोर नहीं दिया था कि आरोपी उसका और उसकी दोस्त का लगातार पीछा कर रहा है. उसने केवल इस बात का ज़िक्र किया था कि वो सीटी बजाता था और गाने गाता था. जस्टिस ने कहा,

"याचिकाकर्ता पर पीछा करने का आरोप केवल इस बयान के ज़रिए लगाया गया. लड़की और उसकी दोस्त ने जो सबूत पेश किए वो बहुत हवा हवाई हैं और ये 354 d के तहत अपराध साबित करने के लिए नाकाफ़ी हैं."

बेंच ने ये भी कहा लड़की की शिकायत में इसे (बार-बार पीछा करने) को लेकर कोई स्पष्ट जानकारी नहीं है.

इसके पहले भी बॉम्बे हाईकोर्ट ने स्टॉकिंग के आरोपी को बेल देते हुए कहा था कि नाबालिग लड़की का हाथ पकड़ना स्टॉकिंग के तहत अपराध नहीं है. शख्स पर POCSO के तहत अपराध दर्ज हुआ था क्योंकि उसने नाबालिग लड़की का हाथ पकड़ा था, जब वो घर पर अकेली थी. उसने लड़की को अपने साथ जबरदस्ती ले जाने की कोशिश की थी. कोर्ट ने उसे जमानत देते हुए कहा था कि अगले छह महीने तक वो गांव नहीं जा सकता. ये लड़की और उसकी परिवार वालों की सुरक्षा के लिए ज़रूरी है. 

वीडियो: ये ‘मैरिज मटेरियल’ लड़की है, ये बोलते ही फंस जाएंगे!

Comments
thumbnail

Advertisement

Advertisement