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'फुटबॉल की तरह लातें मारीं, महिलाएं खुश हो रही थीं', मणिपुर हिंसा की एक और पीड़िता की आपबीती

इस पीड़िता ने सीएम बीरेन सिंह से सवाल किया, "कितने वीडियो सामने आने पर मानेंगे?"

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Manipur violence against women
यौन हिंसा वाली घटना के खिलाफ ITLF नाम के संगठन द्वारा चुराचांदपुर में किए गए विरोध प्रदर्शन की एक तस्वीर. (फोटो- पीटीआई)
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साकेत आनंद
21 जुलाई 2023 (Updated: 21 जुलाई 2023, 17:42 IST)
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मणिपुर में महिलाओं के साथ यौन हिंसा का वीडियो वायरल होने के बाद राज्य सरकार पर लगातार सवाल उठ रहे हैं. राज्य में जारी जातीय हिंसा के बीच एक और महिला के साथ उत्पीड़न की घटना सामने आई है. अंग्रेजी अखबार ‘द टेलीग्राफ’ ने इस घटना पर खबर छापी है. मणिपुर में एक हेल्थकेयर इंस्टीट्यूट में पढ़ाई करने वाली स्टूडेंट ने बताया है कि 4 मई को मैतेई समुदाय के लोगों ने उसके साथ उत्पीड़न किया. पीड़ित स्टूडेंट ने मणिपुर के मुख्यमंत्री एन बीरेन सिंह के बयान पर भी सवाल उठाया है. उसने कहा कि महिलाओं के खिलाफ हिंसा के कितने वीडियो सामने आने पर मुख्यमंत्री मानेंगे कि एक समुदाय की महिलाओं को सिर्फ उनकी जातीय पहचान के कारण टारगेट किया जा रहा है.

पीड़ित स्टूडेंट ने द टेलीग्राफ से बातचीत में बताया, 

"हमारे मुख्यमंत्री ने गुरुवार को कहा कि समाज में ऐसी घटनाओं के लिए कोई जगह नहीं है. मुझे नहीं पता वे ये सब अब क्यों बोल रहे हैं. सिर्फ इसलिए क्योंकि उन्होंने वायरल वीडियो देख लिया? उन्होंने जो कुछ भी कहा है उसका मेरे लिए कोई मतलब नहीं है क्योंकि FIR दर्ज कराए 65 दिन हो गए हैं और मैं न्याय का इंतजार कर रही हूं. FIR में मैंने बताया था कि किस तरह हथियार लिए करीब 150 पुरुष और महिलाओं ने 4 मई की शाम 4 बजे हमारे इंस्टीट्यूट पर हमला किया था और मेरे साथ उत्पीड़न किया."

स्टूडेंट के मुताबिक, इम्फाल के अस्पताल में कुछ दिन इलाज के बाद उसे दिल्ली AIIMS लाया गया था. यहां से डिस्चार्ज होने के बाद उसने सबसे पहले दिल्ली के उत्तम नगर थाने में जीरो FIR (घटना कहीं भी हो, किसी भी थाने में दर्ज हो सकती है) दर्ज करवाई थी. मणिपुर लौटने के बाद 30 मई को चुराचांदपुर थाने में एक और जीरो FIR दर्ज करवाई. दोनों FIR में स्टूडेंट के बयान के आधार पर हथियारों से हमले, महिला का अपमान, मर्डर के लिए अपहरण, उत्पीड़न जैसे आरोप दर्ज हुए. बाद में दोनों FIR को इंस्टीट्यूट के क्षेत्राधिकार में आने वाले थाने में ट्रांसफर किया गया.

"फुटबॉल की तरह किक मार रहे थे"

अखबार की रिपोर्ट के मुताबिक, आज तक पीड़िता से कोई बयान दर्ज कराने तक नहीं आया. जबकि वो कई दिनों तक थाने से कुछ दूरी पर स्थित अस्पताल में भर्ती थीं. स्टूडेंट ने बताया, 

"4 मई को मेरे साथ जो हुआ उसे मैं आज भी नहीं भूल पाई हूं. डॉरमेटरी में करीब 90 छात्र थे. वे सभी आइडेंटिटी कार्ड देखकर कुकी स्टूडेंट्स को परेशान कर रहे थे. हम 10 लोगों में दो को पुलिस ने बचा लिया और 6 लोग भाग गए. मुझे और मेरे दोस्त को आरांबाई तेंगोल और मैतेई लिपुन के पुरुष और महिलाओं ने घेर लिया. करीब आधे घंटे तक सभी फुटबॉल की तरह हमें लात मारते रहे. मर्दों का समूह हम पर कूद रहा था...जो हुआ उसे मैं शब्दों में नहीं बता सकती."

स्टूडेंट ने ये भी बताया कि वो उन महिलाओं की आवाज नहीं भूल सकतीं जो इस घटना के दौरान खुशी से चिल्ला रही थीं और हमें मारने के लिए मर्दों को उकसा रही थीं. वो बेहोश हो गई थीं. स्टूडेंट के मुताबिक, उन्होंने हमें शायद इसलिए छोड़ दिया क्योंकि उन्हें लगा कि हम मर गए हैं. जब होश आया तो मैं जवाहरलाल नेहरू इंस्टीट्यूट ऑफ मेडिकल साइंस, इम्फाल के ICU में भर्ती थी. मुझे बताया गया कि पुलिस वाले मुझे सड़क किनारे से उठाकर यहां लाए. अगर आप चुराचांदपुर के रिलीफ कैंप जाएंगे तो ऐसी सैकड़ों महिलाएं मिल जाएंगी जिनके साथ ऐसी घटनाएं हुई हैं.

छात्रा ने कहा कि उसे मुख्यमंत्री से कोई उम्मीद नहीं है. लेकिन वो सिर्फ उनसे एक सवाल पूछना चाहती हैं. 

“मुख्यमंत्री ने मणिपुर के सभी लोगों की सेवा और रक्षा करने की शपथ ली थी, चाहे वो किसी भी धर्म, जाति और पहचान के हों. मणिपुर की सभी उत्पीड़ित महिलाओं के लिए उन्हें जवाब देना चाहिए.”

मुख्यमंत्री ने क्या कहा था?

19 जुलाई को दो महिलाओं के साथ यौन उत्पीड़न का वीडियो वायरल होने के बाद मणिपुर के मुख्यमंत्री एन बीरेन सिंह ने कहा था कि इस तरह के सैकड़ों केस हैं. 20 जुलाई को बीरेन सिंह ने इंडिया टुडे से बातचीत में कहा था, 

"रोज हिंसा हो रही है. बहुत लोग मारे गए हैं. हजारों FIR दर्ज हुई हैं. आप लोग को एक केस दिख रहा, यहां सैकड़ों इसी तरह के केस हैं, इसी तरह के...ये वीडियो कल लीक हुआ...इसीलिए इंटरनेट बैन किया हुआ है."

इसके अलावा, समाचार एजेंसी ANI से बात करते हुए मुख्यमंत्री ने कहा था कि राज्य सरकार दोषियों को फांसी की सजा दिलाने की कोशिश करेगी. 20 जुलाई को ही बीरेन सिंह ने कहा था, 

"हमने वीडियो देखा और मुझे बहुत बुरा लगा. यह मानवता के खिलाफ अपराध है. मैंने तुरंत पुलिस को दोषियों को गिरफ्तार करने का आदेश दिया. जो भी संदिग्ध हैं, ऑपरेशन लॉन्च करके उन्हें पकड़ा जाए. राज्य सरकार आरोपियों के लिए मौत की सजा सुनिश्चित करने का प्रयास करेगी."

4 मई के वायरल वीडियो मामले में अब तक चार आरोपियों को गिरफ्तार किया गया है. मणिपुर पुलिस ने आरोपियों को पकड़ने के लिए कुल 12 टीमें गठित की हैं.

वीडियो: मणिपुर वायरल वीडियो में दिखे 24 आरोपी, इनमें से कितनों को पहचान पाई पुलिस?

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