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आपको पता है पहले चॉकलेट खाने की नहीं, पीने की चीज़ हुआ करती थी

पहले चॉकलेट मीठी नहीं मसालेदार हुआ करती थी. फिर इसे मीठा किसने बनाया?

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Chocolate day thumb
चॉकलेट से जुड़े मज़ेदार फैक्ट्स
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गरिमा बुधानी
7 जुलाई 2022 (Updated: 7 जुलाई 2022, 19:19 IST)
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WORLD CHOCOLATE DAY 2022.  पूरी दुनिया में 7 जुलाई को चॉकलेट डे के रूप में मनाया जाता है. अब आप कहेंगे के ये चॉकलेट डे है तो वैलेंटाइन डे वाले हफ्ते में आने वाले चॉकलेट डे का क्या? वो भी चॉकलेट डे है, लेकिन उस वाले और इस वाले में बेसिक अंतर ये हैं कि इसमें हम चॉकलेट को सेलिब्रेट करते हैं और उसमें चॉकलेट के जरिए किसी के प्रति अपने प्रेम को.

बचपन में चॉकलेट खाने के लिए मम्मी से हमेशा डांट पड़ती थी. वो बोलती थीं कि ज्यादा चॉकलेट खाने से दांत खराब हो जाते हैं. लेकिन जब बड़े हुए तो इसके कई फायदे भी पता चले. कभी जब एंग्जायटी हो रही हो या पीरियड्स के टाइम पर दर्द हो तो मैं एक चॉकलेट खा लेती हूं मुझे थोड़ा बेटर फील होने लगता है. तो ये तो हुई चॉकलेट के इस्तेमाल की बात. लेकिन आज हम आपको बताएंगे आपकी प्यारी चॉकलेट के बारे में कुछ इंटरेस्टिंग फैक्ट्स.

दिलचस्प है इसका इतिहास

'चॉकलेट' का  इतिहास (History of chocolate)काफी पुराना है. सबसे पहले इसका ज़िक्र एज़्टेक और माया सभ्यता में मिलेगा. जो सेंट्रल अमेरिका से ताल्लुक रखती हैं. जब आप चॉकलेट' सुनते या पढ़ते हैं तो दिमाग में क्या आता है? कुछ मीठा और टेस्टी सा. जिसमें नट्स हों अलग-अलग तरह के फ्लेवर्स हों..जिसे आप चलते-फिरते, काम करते, मेट्रो में, बस में कहीं भी खा सकें. हैं ना? लेकिन इतिहास में ऐसा कतई नहीं था. उस वक़्त चॉकलेट खाने की नहीं बल्कि पीने (Chocolate Drink) की चीज हुआ करती थी. और टेस्ट ऐसा कि आप एक घूंट न पी सकें. एकदम कड़वी. सबसे पहले चॉकलेट मैक्‍सि‍को और सेंट्रल अमेरि‍का के लोगों ने बनाई थी और स्वाद में कड़वी होने की वजह से अमेरिका के लोग इसे वेनिला, काली मिर्च और दूसरे मसालों के साथ मिलाकर पिया करते थे. मतलब मीठी नहीं उस वक़्त चॉकलेट स्पाइसी हुआ करती थी. इसे मीठा बनाने का पूरा क्रेडिट यूरोप को जाता है. उन्होंने इसमें से मिर्च हटाई और इसमें चीनी और दूध का मिलाना शुरू किया.

कैकाओ का पेड़ 
कैकाओ बीन्स का करेंसी की तरह इस्तेमाल

वहीं एज़्टेक सभ्यता के लोगों का मानना था कि कैकाओ बीन्स उन्हें भगवान का दिया हुआ गिफ्ट है. मतलब बहुत प्रेशियस. इसलिए वो चॉकलेट ड्रिंक्स के तो मज़े लेते ही थे साथ ही कैकाओ बीन्स का इस्तेमाल खाने की चीज़ें और दूसरे सामान खरीदने के लिए भी किया करते थे. क्या आप जानते हैं कि एज़्टेक कल्चर में कैकाओ बीन्स सोने से भी ज़्यादा वैल्युएबल माने जाते थे?

एक और इंटरेस्टिंग बात जानना चाहेंगे? एज़्टेक रूलर मोंटेजुमा सेकंड चॉकलेट का इतना बड़ा फैन था कि वो दिन में कई गैलन चॉकलेट पी जाया करता था.

 कोको बीन्स
कैसी बनती है चॉकलेट?

सबसे पहले कैकाओ के छिलके से बीन्स को निकालकर फरमेंट किया जाता है. उसके बाद उन्हें सुखाया जाता है. सुखाने के बाद उन्हें भूनकर तैयार किये जाते हैं कोको बीन्स.अब इन बीन्स के अंदर से कोको निब्स को अलग किया जाता है और उसका लिक्विड तैयार किया जाता है. इस लिक्विड से बनता है कोको पाउडर और चॉकलेट.

कोको निब्स
चॉकलेट हाथ में क्यों पिघल जाती है?

आपने सोचा है अक्सर चॉकलेट हाथ में बहुत देर तक रखने पर वो पिघल क्यों जाती है? ऐसा इसलिए होता है क्यूंकि चॉकलेट का अपना एक मेल्टिंग पॉइंट होता है जो 86°F और 90°F के बीच होता है और ये टेम्पेरेचर ह्यूमन बॉडी टेम्परेचर से भी कम है. इसलिए चॉकलेट हाथ में लेने पर आसानी से पिघल जाती है.

एंग्जायटी और डिप्रेशन को करती है कम

डिप्रेशन और एंग्जायटी नाम के जर्नल में छपी एक रिसर्च के अनुसार, चॉकलेट खासकर डार्क चॉकलेट डिप्रेशन और एंग्जायटी से लड़ने और इसके सिम्पटम्स को कम करने में आपकी मदद कर सकती है.

अब इस से पहले कि आप चॉकलेट बार या केक लेकर उसे खाने बैठ जाएं ये याद रखिये कि स्वादिष्ट और टेम्पटिंग लगने वाली इस चॉकलेट का ज़्यादा सेवन आपके लिए नुकसानदायक भी हो सकता है.

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