ज्यादा सेक्सुअली एक्टिव हैं तो HPV से होने वाले कैंसर का खतरा ज्यादा है! जानिए बचें कैसे
HPV यानी ह्यूमन पैपिलोमा वायरस (Human papillomavirus). महिलाओं और पुरुषों, दोनों को ही ये संक्रमित कर सकता है. जैसे महिलाओं में यह सर्विकल कैंसर की वजह बनता है. वहीं पुरुषों को भी इसकी वजह से कैंसर हो सकता है. जो लोग सेक्सुअली एक्टिव होते हैं. उनमें HPV होने की संभावना ज़्यादा होती है. बचाव के लिए क्या करें?
इस साल फरवरी में फाइनेंस मिनिस्टर निर्मला सीतारमण ने अंतरिम बजट पेश किया. इसमें उन्होंने ऐलान किया कि महिलाओं में सर्विकल कैंसर को रोकने के लिए 9 से 14 साल की लड़कियों को HPV वैक्सीन लगाई जाएगी. इसके लिए पूरे देश में वैक्सीनेशन ड्राइव चलाई जाएगी. अब महिलाओं में सर्विकल कैंसर का कारण है HPV यानी ह्यूमन पैपिलोमा वायरस (Human papillomavirus).
WHO के मुताबिक, हमारे देश में साल 2022 में सर्विकल कैंसर के 1 लाख 27 हज़ार से ज़्यादा नए मामले सामने आए. इन आंकड़ों को देखते हुए, सरकार की ये मुहिम तारीफ़ के काबिल है. और इसके बारे में जागरूकता होने बेहद ज़रूरी है, पर HPV केवल महिलाओं का दुश्मन नहीं है. ये पुरुषों के लिए भी बेहद ख़तरनाक है और कैंसर की एक बड़ी वजह भी है. इसलिए HPV से बचाने वाली वैक्सीन केवल महिलाओं को ही नहीं, पुरुषों को भी लगवाने की ज़रुरत है.
देखिए, HPV महिलाओं और पुरुषों, दोनों को ही संक्रमित कर सकता है. अनप्रोटेक्टेड सेक्स की वजह से ये एक इंसान से दूसरे इंसान में फैल सकता है. जैसे महिलाओं में यह सर्विकल कैंसर की वजह बनता है. वहीं पुरुषों को भी इसकी वजह से कैंसर हो सकता है. ऐसे में HPV वैक्सीन को बचपन में ही लगा दिया जाए तो कैंसर का खतरा कम किया जा सकता है.
हाल ही में हुई एक स्टडी से पता चला है कि HPV वैक्सीन पुरुषों में सिर और गर्दन के कैंसर का रिस्क कम कर सकती है. इस स्टडी के लिए रिसर्चर्स ने अमेरिका में 9 से 39 साल के 35 लाख लोगों का डेटा लिया. ये ऐसे लोग थे जिन्होंने साल 2010 से लेकर 2023 के बीच HPV या कोई दूसरी वैक्सीन ली थी. 35 लाख लोगों में से 15 लाख पुरुष थे. इनमें आधे से ज़्यादा पुरुषों ने HPV वैक्सीन लगवाई थी. HPV वैक्सीन लेने और नहीं लेने वालों के डेटा की जांच की गई. पता चला कि जिन पुरुषों ने वैक्सीन ली थी, उनमें HPV से जुड़े कैंसर, खासकर सिर और गर्दन के कैंसर का रिस्क चौवन फीसदी कम था. इस स्टडी को अमेरिकन सोसायटी ऑफ क्लिनिकल ऑन्कोलॉजी कॉन्फ्रेंस में पेश किया जाना है.
HPV वैक्सीन हमें नौ तरह के एचपीवी वायरस से भी बचाती है. इनमें से दो वायरस, कैंसर के ज़्यादातर मामलों के लिए ज़िम्मेदार होते हैं. ऐसे में आज हम डॉक्टर से जानेंगे कि HPV क्या होता है? HPV से पुरुषों में किस तरह की बीमारियां होती हैं? इससे बचाने वाली वैक्सीन क्या पुरुषों को लग सकती है? और, वैक्सीन की कितनी डोज़ लेना ज़रूरी है?
HPV क्या होता है?ये हमें बताया डॉ. विनीत कौल ने.
HPV यानी ह्यूमन पैपिलोमा वायरस. ये एक तरह का वायरस है. संक्रमण के बाद ये हमारे शरीर के तरल पदार्थों में पाया जाता है. इसकी वजह से हमें वार्ट्स पैपिलोमा (स्किन पर होने वाला छोटा-सा मांसल मस्सा) और कैंसर हो सकता है.
HPV से पुरुषों को किस तरह की समस्याएं होती हैं?आमतौर पर HPV, पुरुषों में ओरोफैरिंक्स को संक्रमित करता है. ओरोफैरिंक्स यानी मुंह का पिछला हिस्सा. पुरुषों में इसका संक्रमण शारीरिक संपर्क से होता है. ऐसा संक्रमित इंसान के शरीर में पाए जाने वाले तरल पदार्थों के संपर्क में आने से होता है. HPV के इंफेक्शन से गले में ऐसा छाला बन सकता है जो ठीक नहीं हो पाता खाना खाते समय दर्द हो सकता है या निगलने में तकलीफ हो सकती है.
HPV वैक्सीन क्या पुरुषों को लग सकती है?HPV से बचाने के लिए एक वैक्सीन उपलब्ध है. पुरुषों के गले में HPV की समस्या आमतौर पर HPV-16 स्ट्रेन से होती है. इसके लिए एक वैक्सीन उपलब्ध है. हालांकि इसके इस्तेमाल को लेकर भारत में कोई गाइडलाइन नहीं हैं, लेकिन पश्चिमी देशों में गाइडलाइंस हैं. इसके मुताबिक, 9 साल से अधिक उम्र के लड़के और लड़कियों को HPV की वैक्सीन लगानी चाहिए. इससे गले के कैंसर का रिस्क काफी कम हो जाता है. कैंसर आमतौर पर स्मोकिंग या पान-मसाला, गुटखा चबाने से होता है, लेकिन इसके मामले कम हो रहे हैं. अब HPV से होने वाले कैंसर के मामले बढ़ रहे हैं. खासकर उन लोगों में जिन्होंने कभी स्मोकिंग नहीं की, तंबाकू नहीं खाई. पुरुषों को HPV वैक्सीन लगाने से ऑरोफेरिंजियल कैंसर यानी मुंह के पिछले हिस्से का कैंसर होने की संभावना कम हो जाती है. बाज़ार में वैक्सीन कई नामों से उपलब्ध है. आप कोई भी वैक्सीन ले सकते हैं, सब उतनी ही प्रभावशाली हैं.
वैक्सीन की कितनी डोज़ लेना ज़रूरी है?वैक्सीन लेने की एक स्पेसिफिक डोज़ है. कुछ लोग सोचते हैं कि बस एक वैक्सीन लेनी है. ऐसा नहीं है. हमारे लिए वैक्सीन के दो डोज़ लेना ज़रूरी हैं. एक डोज़ तुरंत ली जा सकती है. दूसरी डोज़ पहली वैक्सीन के छह महीने बाद ली जाती है. इसके बाद हम HPV टिटर टेस्ट करते हैं. अगर आपका टिटर सामान्य है तो एक साल बाद एक और वैक्सीन लेने की ज़रूरत नहीं है, लेकिन अगर टिटर कम है तो आपको वैक्सीन की तीसरी डोज़ लेनी होगी. लड़कियों में HPV से सर्वाइकल कैंसर होता है, इसलिए इसके बारे में काफ़ी बात की जाती है. हालांकि पुरुषों में भी HPV के कारण कैंसर होता है. हमें इसके बारे में जागरूकता फैलाने की काफी ज़रूरत है.
जो लोग सेक्सुअली एक्टिव होते हैं. उनमें HPV होने की संभावना ज़्यादा होती है. इस वायरस के हमारे शरीर में होने से हमारा इम्यून सिस्टम बीमारियों से लड़ नहीं पाता. फिर धीरे-धीरे इंफेक्शन इतना ज़्यादा बढ़ जाता है कि वो कैंसर में बदल जाता है. ऐसे में ज़रूरी है कि समय पर इसकी वैक्सीन ले ली जाए. और शरीर के किसी भी हिस्से में मस्से निकलने पर डॉक्टर से संपर्क किया जाए.
(यहां बताई गई बातें, इलाज के तरीके और खुराक की जो सलाह दी जाती है, वो विशेषज्ञों के अनुभव पर आधारित है. किसी भी सलाह को अमल में लाने से पहले अपने डॉक्टर से जरूर पूछें. दी लल्लनटॉप आपको अपने आप दवाइयां लेने की सलाह नहीं देता.)
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