ऑफिस जाने वालों को क्यों ज्यादा हो रहा हार्ट अटैक और स्ट्रोक? डॉक्टर ने बताई वजह
ऑफिस में कई घंटे काम करने और लाइफस्टाइल खराब होने से स्ट्रेस होता है. जिसका सीधा असर दिल पर पड़ता है.
‘दस दस- बारह बारह’ घंटों की ऑफिशियल और अनऑफिशियल शिफ्ट. काम का ढेर सारा प्रेशर. खाने के नाम पर बाहर की चीज़ें. और, फिज़िकल एक्टिविटी ‘ज़ीरो’. ऑफिस जाने वाले बहुत से लोगों का यही लाइफस्टाइल है. खासकर 30-35 साल के युवाओं की. लेकिन, काम का यही स्ट्रेस, दूसरी और वजहों के साथ मिलकर उनमें हार्ट अटैक और स्ट्रोक का रिस्क बढ़ा रहा है. कैसे? ये हमने जाना डॉक्टर सुखबिंदर सिंह सिबिया से.
डॉक्टर सिबिया कहते हैं कि हर हफ्ते 50-55 घंटे काम करने और स्ट्रेस में रहने से हमारे शरीर में एड्रेनलिन रश (adrenaline rush) होता है. एड्रेनलिन एक हॉर्मोन है. जब भी हम बहुत स्ट्रेस में होते हैं. तब हमारे दिल की धड़कनें बढ़ जाती हैं. पसीना आने लगता है. तब एड्रेनल ग्रंथि हमारे खून में एड्रेनलिन हॉर्मोन रिलीज़ करती है. इससे शरीर में एक रिएक्शन होता है. जिसे एड्रेनलिन रश कहते हैं. लगातार एड्रेनलिन रश रहने से दिल की आर्टीज़ यानी धमनियां सिकुड़ने लगती हैं.
देखिए, हमारे दिल की तीन मुख्य आर्टरी होती हैं जो खून को शरीर में आगे ले जाने का काम करती हैं. इससे दिल को ऑक्सीजन और मज़बूती मिलती है. अब अगर कोई आर्टरी बंद हो जाए या वो सिकुड़ने लगे तो खून का फ्लो कम हो जाता है. उनमें प्लाक, जो एक तरह का फैट है, वो तेज़ी से जमने लगता है और अंदरूनी सूजन आ जाती है. आर्टरी को किसी भी तरह का नुकसान यानी देर-सवेर हार्ट अटैक.
बहुत ज़्यादा स्ट्रेस लेने से शरीर में कोर्टिसोल हॉर्मोन का लेवल भी बढ़ जाता है. ऐसे में दिल तेज़ धड़कने लगता है. हमारा ब्लड प्रेशर बढ़ जाता है. फिर धीरे-धीरे दिल को नुकसान पहुंचना शुरू हो जाता है. साथ ही, हमारे खून में शुगर और बैड कोलेस्ट्रॉल का लेवल भी बढ़ने लगता है. इससे हार्ट अटैक आ सकता है.
सिर्फ यही नहीं, हमें स्ट्रोक का भी खतरा है. असल में लगातार स्ट्रेस से हार्ट रिदम यानी दिल की लय अनियमित हो जाती है. इससे हमारे दिल के लेफ्ट एट्रियम चेंबर में खून जमा होने लगता है. जिससे खून का थक्का बन जाता है. ये थक्का दिल से होते हुए दिमाग में जा सकता है. और, फिर स्ट्रोक पड़ सकता है.
इसलिए, जितने भी ऑफिस जाने वाले लोग हैं. जिन्होंने कंप्यूटर स्क्रीन के सामने खुद को झोंक रखा है. वो अपने आपको थोड़ा ब्रेक दें. काम के घंटे तय करें. और, उसी में काम पूरा भी करें. घर का बना खाना खाएं. एक्सरसाइज़ करें. टहलने जाएं. अच्छी नींद लें. तभी आप खुद को हार्ट अटैक और स्ट्रोक से बचा पाएंगे.
(यहां बताई गई बातें, इलाज के तरीके और खुराक की जो सलाह दी जाती है, वो विशेषज्ञों के अनुभव पर आधारित है. किसी भी सलाह को अमल में लाने से पहले अपने डॉक्टर से जरूर पूछें. दी लल्लनटॉप आपको अपने आप दवाइयां लेने की सलाह नहीं देता.)
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