यहां बताई गई बातें, इलाज के तरीके और खुराक की जो सलाह दी जाती है, वो विशेषज्ञोंके अनुभव पर आधारित है. किसी भी सलाह को अमल में लाने से पहले अपने डॉक्टर से ज़रूरपूछें. दी लल्लनटॉप आपको अपने आप दवाइयां लेने की सलाह नहीं देता.सेहत पर हमें मेल आया लतेश का. लल्लनटॉप के व्यूअर हैं. कैनाडा में सेटल्ड हैं.उनका एक बेटा है. सात साल का. उसे मायोपिया की दिक्कत है. जब लतेश ने डॉक्टर से बातकी तो पता चला एशियाई देशों से आने वाले बच्चों में ये दिक्कत बहुत ज़्यादा है. अबलतेश चाहते हैं हम डॉक्टर्स से बात करके मायोपिया के ऊपर उन्हें सही जानकारी दें.तो देखिए सबसे पहले तो ये जान लेते हैं कि मायोपिया आख़िर होता क्या है और क्योंहोता है?क्या होता है मायोपिया?ये जानने के लिए हमने बात की डॉक्टर कौशल शाह से.डॉक्टर कौशल शाह, ऑय स्पेशलिस्ट, ऑय हील कंप्लीट विज़न केयर, मुंबई-जब इंसान को दूर की चीज़ें कम या धुंधली दिखाई देती हैं, तो उस कंडीशन को मायोपियाकहते हैं. इस केस में नज़दीक की चीज़ें सही और साफ दिखाई देती हैं.कारण- मायोपिया होने का एक मुख्य कारण है. जिन लोगों में आईबॉल की लंबाई ज़्यादा होतीहै, उन्हें मायोपिया होता हैलक्षण-दूर की चीज़ें साफ़ दिखाई नहीं देतीं-नज़दीक जाकर उन चीज़ों को देखना पड़ता है-कई बच्चे टीवी एकदम करीब जाकर देखते हैं. इन बच्चों में मायोपिया होने के चांसेज़ज़्यादा होते हैं-बार-बार सिर दर्द होना-तिरछी आंखें. यानी आंखों को बहुत ज़्यादा छोटी करके देखने की कोशिशकारण हमें पता चल गए. अब जानते हैं कि क्या मायोपिया के कारण आंखों की रोशनी जासकती है? और इसका इलाज क्या है?जब हाई मायोपिया होता है तो जिस भाग से हम देखते हैं वो पतला होते जाता हैमायोपिया से आंखों की रोशनी जा भी सकती है. कभी-कभी मायोपिया के पेशेंट्स मेंरेटिना (आंखों के अंदर एक परत) में छेद पाए जाते हैं. इसमें परदे का खिसकना मुमकिनहोता है, अगर पर्दा खिसका और उसका इलाज टाइम पर नहीं किया गया तो रोशनी जा भी सकतीहै. इसके साथ ही जब हाई मायोपिया होता है तो जिस भाग से हम देखते हैं वो पतला होताजाता है, इस पतलेपन के कारण आंखों के सेंटर वाले एरिया (मैक्यूला) में दोष पायाजाता है और आंखों की रोशनी जा सकती है.इलाज-सबसे आम और आसान इलाज है चश्मा, मायोपिया में चश्मे माइनस नंबर में मिलते हैं.-दूसरा तरीका है कांटैक्ट लेंसेस. ज़्यादातर युवा लोग कांटैक्ट लेंसेस इस्तेमाल करतेहैं, ये कांटेक्ट लेंसेस माइनस पॉवर के होते हैं. कलर्ड और नॉन-कलर्ड मिलते हैं.-तीसरा इलाज परमानेंट है. वो है लेसिक. लेसिक सर्जरी से मायोपिया को ठीक किया जासकता है-चौथा इलाज भी परमानेंट है. वो है ICL. Intracameral Lens. आंखों के अंदर लेंस लगाएजाते हैं जिससे मायोपिया ठीक हो सकता है-पांचवा इलाज है PRK. यानी Photorefractive keratectomy. ये एक लेज़र सर्जरी हैएक्स्ट्रा कटःहमारे आसपास बहुत से लोग ऐसे हैं जो चश्मे के प्लस और माइनस नंबर में कन्फ्यूज़ होजाते हैं या उनका फर्क नहीं समझते हैं. दरअसल, जब आपको दूर की चीज़ें नहीं दिखतींतो उस कंडीशन को मायोपिया (निकट दृष्टि दोष) कहते हैं और उस कंडीशन में माइनस नंबरवाला चश्मा लगता है. वहीं, जब आपको पास की चीज़ें ठीक से नहीं दिखतीं तो उस कंडीशनको हाईपरमेट्रोपिया (दूर दृष्टि दोष) कहते हैं. इस कंडीशन में प्लस नंबर वाला चश्मालगता है.उम्मीद है लतेश और जो भी लोग मायोपिया से जूझ रहे हैं, ये जानकारी उनके काम आएगी.--------------------------------------------------------------------------------वीडियो