The Lallantop
Advertisement

पसीने से दाद, खाज, खुजली हो जाती है, डॉक्टर्स की ये सलाह हमेशा के लिए निजात दिलाएगी!

पसीने के कारण शरीर को तरह-तरह की बीमारियों का सामना करना पड़ता है

Advertisement
पसीने की वजह से गीलापन और चिपचिपापन रहता है?
पसीने की वजह से गीलापन और चिपचिपापन रहता है?
font-size
Small
Medium
Large
12 सितंबर 2022 (Updated: 12 सितंबर 2022, 22:55 IST)
Updated: 12 सितंबर 2022 22:55 IST
font-size
Small
Medium
Large
whatsapp share

(यहां बताई गईं बातें, इलाज के तरीके और खुराक की जो सलाह दी जाती है, वो विशेषज्ञों के अनुभव पर आधारित है. किसी भी सलाह को अमल में लाने से पहले अपने डॉक्टर से ज़रूर पूछें. दी लल्लनटॉप आपको अपने आप दवाइयां लेने की सलाह नहीं देता.)

नित्या 28 साल की हैं और मुंबई की रहने वाली हैं. हालांकि मुंबई की बारिश किसे पसंद नहीं, पर नित्या को बारिश और गर्मी के मौसम से सख्त चिढ़न है. वजह है उमस. इस मौसम में उनको हद से ज़्यादा पसीना आता है, जिसकी वजह से हर साल उन्हें फंगल इन्फेक्शन हो जाता है. उन्हें दाद, खाज और खुजली की परेशानी होती रहती है. उमस के कारण उन्हें और ज़्यादा चिपचिपापन लगता है. ऐसे में उन्हें ज़्यादा खुजली होती है, स्किन पर पपड़ी सी जम जाती है. नित्या चाहती हैं कि हम उनकी मदद करें. हर साल होने वाले फंगल इन्फेक्शन से बचने के तरीके उन्हें बताएं.

वैसे पसीने से फंगल इन्फेक्शन होने की समस्या सिर्फ़ नित्या की नहीं है. ख़ासतौर पर इस मौसम में हमें कई लोगों ने मेल कर के बताया कि वो इस समस्या से जूझ रहे हैं. वो एक्सपर्ट्स से कुछ आसान टिप्स जानना चाहते हैं, जो उनकी मदद करें. तो भई बिलकुल बताएंगे. पर उससे पहले, एक और ज़रूरी बात. कुछ लोगों को दूसरे के मुकाबले ज़्यादा पसीना आता है. और इसका किसी ख़ास मौसम से लेना-देना नहीं है. इस पसीने के कारण उन्हें इन्फेक्शंस भी ज़्यादा होते हैं. ऐसे में पहले उन कारणों के बारे में जान लेते हैं जिनकी वजह से स्वेटिंग ज़्यादा होती है.

ज़्यादा पसीना किन कारणों से आता है?

ये हमें बताया डॉक्टर तृप्ति डी अगरवाल ने.

Dr. Trupti Agarwal - Best Dermatologist in Mumbai - Kokilaben Hospital
डॉक्टर तृप्ति डी अगरवाल,  कंसल्टेंट, डर्मेटोलॉजिस्ट, कोकिलाबेन धीरुभाई अंबानी हॉस्पिटल, मुंबई

-तनाव

-शरीर में हॉर्मोनल बदलाव

-स्मोकिंग

-डायबिटीज

-मोटापा

-ज़्यादा पॉवर वाली एंटीबायोटिक

-मेनोपॉज़

-थायरॉइड ग्रंथी की बीमारी

-ऑइली और कैफ़ीन युक्त चीज़ों का सेवन

-शरीर की सफ़ाई न रखने वालों को भी ज़्यादा पसीना आ सकता है

-शरीर में फ्री फैटी एसिड्स की मात्रा बढ़ने की वजह से भी ज़्यादा पसीना आता है

-हमारे शरीर में दो तरह की पसीने की ग्रंथियां होती हैं

-एपोक्राइन और ईक्राइन

-इनमें ओवर एक्टिविटी या इन्फेक्शन होने के कारण ज़्यादा पसीना आने की समस्या होती है

पसीने से किस तरह के स्किन इन्फेक्शन हो सकते हैं?

-शरीर के तापमान को नियंत्रित रखने के लिए पसीना ज़रूरी है

-पर ज़्यादा पसीना आना हमारे स्वास्थ के लिए हानिकारक भी हो सकता है

-गर्मियों के मौसम में ज़्यादा पसीना आने से शरीर से बदबू आने लगती है

Misdiagnosis of Cutaneous Fungal Infections Leads to Missed Opportunities  for Treatment - Advances in Dermatology
पसीने के कारण शरीर को तरह-तरह की बीमारियों का सामना करना पड़ता है

-ज़्यादा पसीने की वजह से बैक्टीरियल, फंगल इन्फेक्शन होने और फैलने का डर रहता है

-बैक्टीरियल इन्फेक्शन जैसे स्टैफिलोकोकल इन्फेक्शन

-सेल्यूलाइटिस

-बालतोड़

-प्रोक्टोकोलाइटिस

-चेहरे पर मुहांसे होने का डर लगा रहता है

-दाद, खाज, खुजली जैसे फंगल इन्फेक्शन हमारे बगलों, जांघों के बीच, प्राइवेट पार्ट्स और पैरों की उंगलियों के बीच में हो सकते हैं

किन लक्षणों को देखकर सतर्क हो जाने की ज़रुरत है?

-पसीने के कारण शरीर को तरह-तरह की बीमारियों का सामना करना पड़ता है

-जैसे दाद, खाज, खुजली

-दाने

-दाने धीरे-धीरे मिलकर चकत्ते का रूप ले लेते हैं

-तलवों में लालीमा

-फोड़े

-फुंसी

-घमोरियां

-स्किन लाल हो जाती है

Types of Fungal Infection and their Treatments
दाने धीरे-धीरे मिलकर चकत्ते का रूप ले लेते हैं

-रैशेज़

-पसीने की वजह से गीलापन और चिपचिपापन रहने लगता है

-जाघों के बीच और प्राइवेट पार्ट्स में पपड़ीदार स्किन निकलने लगती है

-जिसकी वजह से बहुत ज़्यादा असहजता महसूस होती है

-ज़्यादा पसीना निकलने के कारण एक्जिमा और मुहांसे हो सकते हैं

बचाव

-नहाने से पहले पूरे शरीर पर नारियल का तेल लगाना चाहिए

-गर्म पानी से नहीं नहाना चाहिए

-गीले शरीर पर कपड़े नहीं पहनने चाहिए

-कॉटन या पसीना सोखने वाले लूज़ फ़िटिंग के कपड़े पहनने चाहिए

-नमी और गीलेपन से बचने के लिए एंटी फंगल डस्टिंग पाउडर इस्तेमाल करना चाहिए

-दिन में दो बार एंटी-बैक्टीरियल साबुन से नहाना चाहिए

-मिर्च मसाले वाला खाना, कैफ़ीन, शराब से परहेज़ करना चाहिए

-ख़ुद को रिलैक्स करने के लिए योगा और एक्सरसाइज करनी चाहिए

-पसीना आने के लिए एंटीपर्सपिरेंट स्प्रे का इस्तेमाल कर सकते हैं

Fungal Infection Treatment Cost, Clinic in Meerut | Ojasvi Clinic
ज़्यादा पसीने की वजह से बैक्टीरियल, फंगल इन्फेक्शन होने और फैलने का डर रहता है

-पानी का सेवन ज़्यादा करना चाहिए

-पानी शरीर के तापमान को नियंत्रित करने में मदद करता है

-उससे पसीना कम आता है

-शरीर के तापमान को बनाए रखने के लिए कैल्शियम रिच फ़ूड खाना चाहिए

-जैसे लो फैट दूध, दही और पनीर का सेवन करना चाहिए

-अपने खाने में खट्टे फलों और सब्जियों का सेवन करना चाहिए

-जैसे अंगूर

-मौसंबी

-संतरा

-खरबूज़ा

-तरबूज़

इलाज

-एंटीपर्सपिरेंट स्प्रे जिसमें एल्युमीनियम क्लोराइड हो, वो इस्तेमाल करें (बिना डॉक्टर की सलाह के न लें)

-नर्व ब्लॉक करने वाली दवाइयां ले सकते हैं (बिना डॉक्टर की सलाह के न लें)

-ट्राइसाइक्लिक एंटीडिप्रेसेंट्स ले सकते हैं (बिना डॉक्टर की सलाह के न लें)

-एंटी-कोलोजेनिक दवाइयां जैसे- ग्लाइकोपाइरोलेट ले सकते हैं (बिना डॉक्टर की सलाह के न लें)

-पसीना और नमी कम करने के लिए एंटी-फंगल पाउडर जैसे- अब्सोर्ब या कैंडिड का इस्तेमाल कर सकते हैं

-नहाने के लिए एंटी-बैक्टीरियल साबुनों का इस्तेमाल करना चाहिए

-मुहांसों पर एंटी-एक्ने क्रीम लगानी चाहिए

-चकत्ते होने पर ओरल एंटी-फंगल टैबलेट्स ले सकते हैं (बिना डॉक्टर की सलाह के न लें)

-टॉपिकल क्रीम्स का इस्तेमाल कर सकते हैं

-खुजली के लिए एंटी-एलर्जिक दवाइयां ले सकते हैं

-एडवांस ट्रीटमेंट में बोटोक्स इंजेक्शन दिए जाते हैं

-जो पसीने की ग्रंथियों को ब्लॉक कर देते हैं

तो भई जिन-जिन लोगों को पसीने से फंगल इन्फेक्शन की समस्या रहती है, वो डॉक्टर तृप्ति की बताई गई टिप्स ज़रूर फॉलो करें. असर देखने को मिलेगा.

वीडियो देखें :

thumbnail

Advertisement

Advertisement