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ये औरत नहीं होती तो आज मौसम की जानकारी देने वाले बुद्धू बने बैठे रहते!

भारत की वो मौसम वैज्ञानिक जिनकी वजह से आज हम मौसम का सटीक पूर्वानुमान लगा पा रहे हैं.

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Anna Mani Google Doodle
इस महिला को Weather Woman of India के नाम से भी जाना जाता है.
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सोनल पटेरिया
23 अगस्त 2022 (Updated: 23 अगस्त 2022, 12:33 IST)
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गूगल डूडल (Google Doodle) में दिखने वाली इस महिला को Weather Woman of India के नाम  से भी जाना जाता है. इनका नाम है अन्ना मणि (Anna Mani). भारत की पहली महिला वैज्ञानिकों में एक नाम अन्ना का भी है. उनके 104वें जन्मदिन पर गूगल (Google) ने ये खास डूडल बनाया है.

कौन हैं अन्ना मणि?

अगर एक लाइन में अन्ना का परिचय देना हो तो कहा जा सकता है कि ये भारत की वो मौसम वैज्ञानिक (physicist and meteorologist) हैं जिनकी वजह से आज हम मौसम का सटीक पूर्वानुमान लगा पा रहे हैं.

अन्ना का जन्म 23 अगस्त, 1918 को केरल के पीरूमेडू में हुआ. बचपन से ही किताबें पढ़ने का खूब शौक था. 12 साल की उम्र में उन्होंने घर के पास वाली पब्लिक लाइब्रेरी की सारी किताबें पढ़ ली थी. वो महात्मा गांधी से भी काफी प्रभावित थीं. छोटी उम्र से ही उन्होंने खादी के कपड़े पहनना शुरू कर दिया था. शुरू में अन्ना को डांस में इंटरेस्ट था लेकिन फिज़िक्स में दिलचस्पी के चलते उन्होंने इसी में करियर बनाने का फैसला किया.

चेन्नई से लंदन तक का सफर..

अन्ना ने 1939 में चेन्नई के प्रेसिडेंसी कॉलेज से फिज़िक्स और केमेस्ट्री से ग्रेजुएशन किया. 1940 में उन्हें इंडियन इंस्टिट्यूट ऑफ साइंस (बैंगलोर) से रिसर्च करने के लिए स्कॉलरशिप मिली. यहां नोबेल पुरस्कार विजेता सी वी रमन के मार्गदर्शन में स्पेक्ट्रोस्कोपी की पढ़ाई की. 1942 से 1945 के बीच उन्होंने पांच पेपर प्रकाशित किए और अपनी पीएचडी पूरी की. इसके बाद वो पहुंची लंदन के इम्पीरीयल कॉलेज. यहां उन्होंने मौसम संबंधी उपकरणों (meteorological instrumentation) में स्पेशलाइज़ेशन किया.

1948 में अन्ना भारत लौटीं और मौसम विभाग में नौकरी शुरू की.  मौसम का अनुमान लगाने वाले उपकरणों में अन्ना की खूब दिलचस्पी थी. इसलिए इसी पर काम करना शुरू किया और कई रिसर्च पेपर लिखे. उन्होंने देश को अपने स्वयं के मौसम उपकरण डिजाइन करने और बनाने में मदद की. नतीजा ये रहा कि 1953 में वो अपने डिविजन की हेड बन गई.

वैकल्पिक ऊर्जा स्त्रोतों (Sustainable and renewable energy) पर भी मणि का शुरू से ज़ोर था. उन्होंने एक कंपनी की भी स्थापना की जो हवा की गति और सौर्य ऊर्जा (Solar and Wind Energy) मापने वाले उपकरण बनाती थी.

पुरुष प्रधान समझे जाने वाले क्षेत्र में अन्ना मणि को भारत के मशहूर वैज्ञानिकों में गिना जाने लगा. आगे जाकर वो Indian Meteorological Department की डायरेक्टर जनरल बनीं. वो यूएन में मौसम विज्ञान संगठन के कई प्रमुख पदों पर रहीं.

मौसम विज्ञान के क्षेत्र में योगदान के लिए अन्ना मणि को 1987 में INSA K. R. Ramanathan Medal से नवाज़ा गया. 16 अगस्त 2001 को केरल के तिरुवनंतपुरम में निधन हुआ.

कहानी भारतीय ग्रैंडमास्टर आर प्रग्ननंदा की, जिन्होंने 6 महीने में तीसरी बार वर्ल्ड चैम्पियन को हराया है

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