आजादी के अमृत महोत्सव पर लड़कियों ने बताया उनके लिए आज़ाद होने का मतलब क्या?
स्वतंत्रता के वक़्त महिलाओं की जो साक्षरता दर 8.9% थी वो आज 70.9 है.
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आज़ादी 15 अगस्त, 1947 को मिली एक चाबी नहीं है. बल्कि ये वो द्वार है जो कई आयाम खोलता है. और यही वजह है कि हमने स्वतंत्रता पाने के बाद न केवल एक देश बल्कि समाज के तौर पर भी बहुत तरक्की की है. देश की आधी आबादी के रूप में पहचाने जाने वाली लड़कियों और महिलाओं की स्थिति में भी बदलाव आये हैं. स्वतंत्रता के वक़्त महिलाओं की जो साक्षरता दर 8.9% थी वो आज 70.9 है. अब कई महिलाओं के नाम पर संपत्ति भी है और बैंक खाते भी. आज वो उन क्षेत्रों में भी कदम रख रही हैं जिसे एक वक़्त तक केवल पुरुषों के लायक ही माना जाता था. चाहे फिर वो ट्रक चलाना हो या लड़ाकू विमान, सेना में जाना हो या स्टार्ट अप खोलना, हर क्षेत्र में महिलाएं आगे आ रही है.लेकिन औरतों के लिए आज़ादी के असल मायने क्या हैं? देखिए वीडियो.