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साइकलिस्ट का आरोप- कोच जबरन मेरे कमरे में घुसे, मुझे अपने साथ सोने को कहा

साइकलिस्ट की शिकायत के बाद भी आरोपी कोच ट्रेनिंग में बना रहा. 8 जून की शाम को आरोपी कोच का कॉन्ट्रैक्ट टर्मिनेट किया गया है. विक्टिम को 3 जून को ही भारत वापस भेज दिया गया था.

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Cyclist accuses coach
कोच पर लगा फॉरेन कैम्प में साइकलिस्ट के यौन शोषण का आरोप/ सांकेतिक फोटो- Pexel
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8 जून 2022 (Updated: 8 जून 2022, 21:14 IST)
Updated: 8 जून 2022 21:14 IST
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एशियन चैम्पियनशिप की तैयारी के लिए स्लोवेनिया में एक कोचिंग कैम्प लगा है. कई भारतीय खिलाड़ी वहां ट्रेनिंग के लिए गए हैं. 14 जून तक ये ट्रेनिंग चलनी है. लेकिन भारत की स्पोर्ट्स अथॉरिटी (SAI) ने एक महिला साइकलिस्ट को वापस बुला लिया है. इस साइकलिस्ट ने भारतीय टीम के साथ गए स्प्रिंट कोच आरके शर्मा पर अनुचित व्यवहार का आरोप लगाया है. और साइकलिस्ट की सुरक्षा का हवाला देकर उन्हें वापस बुला लिया गया. इस मामले में 8 जून की शाम खबर आई कि SAI ने आरोपी कोच आरके शर्मा का कॉन्ट्रैक्ट टर्मिनेट कर दिया है. इसके साथ ही SAI ने साइकलिंग की पूरी टीम को वापस बुला लिया है.

साइकलिस्ट ने कोच पर गंभीर आरोप लगाए हैं

खिलाड़ी ने SAI को पत्र लिखा है. इस पत्र में उन्होंने आरके शर्मा पर गंभीर आरोप लगाए हैं. इंडियन एक्सप्रेस की एक रिपोर्ट के मुताबिक, साइकलिस्ट ने अपनी शिकायत में बताया है कि शर्मा ने कथित तौर पर उन्हें अपनी पत्नी बनने और साथ सोने के लिए कहा था. शिकायत के मुताबिक, जब खिलाड़ी ने कोच की बात मानने से इनकार किया तो कोच ने धमकी दी कि वो उन्हें नैशनल सेंटर ऑफ एक्सीलेंस यानी NCOE से बाहर निकलवा देगा और ये सुनिश्चित करेगा कि वो सड़क पर सब्ज़ी बेचे. वहीं जब कोच की हरकतों से परेशान एथलीट ने कैम्प छोड़कर भारत लौटने की बात कही तो कोच ने उनके घर पर फोन किया और एथलीट की शादी करा देने को कहा. कोच ने परिवार से कहा कि साइकलिस्ट का खेल में कोई भविष्य नहीं है.

खिलाड़ी द्वारा लगाए गए आरोपों पर थोड़ा डिटेल में बात कर लेते हैं. शिकायत में खिलाड़ी ने एक जगह लिखा है,

“मुझे 15 मई से 14 जून तक स्लोवेनिया में आयोजित साइकलिंग ट्रेनिंग कैम्प में हिस्सा लेना था. सारे अरेंजमेंट हो चुके थे. मेरे ट्रैवल डेट से तीन दिन पहले मेरे पास कोच आरके शर्मा का फोन आया. उन्होंने मुझे बताया कि मुझे स्लोवेनिया में उनके साथ होटल का कमरा शेयर करना होगा.”

इस जानकारी ने खिलाड़ी को पैनिक कर दिया और उन्हें एन्जायटी होने लगी. उन्हें सोने में दिक्कत आने लगी. इसके बाद उन्होंने NCOE के स्पोर्ट्स साइकोलॉजिस्ट की मदद ली. अपनी शिकायत में खिलाड़ी ने लिखा है,

“मेरे पास इतना वक्त नहीं था कि मैं कोच की बात को ठीक से प्रोसेस कर पाती. मैं कन्फ्यूज़ थी और डर में थी कि कहीं विदेश में ट्रेनिंग का मौका मुझसे छिन न जाए. इसलिए  मैंने सोचा कि स्लोवेनिया जाने के बाद मैं अपने रहने के लिए दूसरी व्यवस्था के लिए रिक्वेस्ट करूंगी.”

16 मई को पहुंचने के बाद खिलाड़ी ने अलग कमरे की मांग की. लेकिन उस पर कोई सुनवाई नहीं हुई. शर्मा ने उल्टा उन्हें ताना दिया कि इससे बेहतर तो उन्हें भारत में ही रुक जाना था. खिलाड़ी और कोच को एक ही कमरा असाइन किया गया. खिलाड़ी ने शिकायत में लिखा है कि टीम के सपोर्ट स्टाफ की मदद से ये मामला SAI की अथॉरिटीज़ तक पहुंचा और उसके बाद उन्हें अलग कमरा असाइन किया गया.

शिकायत के मुताबिक, 19 मई को शर्मा ने कथित तौर पर खिलाड़ी को अपने कमरे में बुलाया. शर्मा का कहना था कि खिलाड़ी को पोस्ट ट्रेनिंग मसाज की ज़रूरत है. खिलाड़ी कमरे में नहीं गई. शिकायत के मुताबिक, 25 मई को खिलाड़ी को एक इवेंट के लिए जर्मनी जाना था, पुरुष टीम के साथ. लेकिन शर्मा ने कथित तौर पर उन्हें ले जाने से मना कर दिया. अलग कमरा न होने की बात कहकर.

खिलाड़ी की शिकायत के मुताबिक,

“29 मई को कोच जर्मनी से लौटे. सुबह सात बजे मेरे कमरे के दरवाज़े पर खटखट हुई. मैंने दरवाज़ा खोला, तो कोच सामने थे. वो जबरदस्ती मेरे कमरे में घुस गए. मेरे बेड पर लेट गए. जब मैंने उनसे जाने की रिक्वेस्ट की तो वो मुझे अपनी तरफ खींचने लगे. मुझे अपने साथ सोने के लिए कहा. उन्होंने कहा कि मुझे उनकी पत्नी की तरह बर्ताव करना चाहिए क्योंकि वो मुझे बहुत पसंद करते हैं और मुझे अपनी पत्नी बनाना चाहते हैं.”

खिलाड़ी ने अपनी शिकायत में लिखा कि इस घटना ने उन्हें शॉक और पैनिक में डाल दिया. उन्हें अपनी सुरक्षा की चिंता होने लगी. इस घटना के कुछ घंटों बाद खिलाड़ी ने स्पोर्ट्स साइकोलॉजिस्ट से घटना की शिकायत की. खिलाड़ी को कोच का इस तरह का व्यवहार बर्दाश्त नहीं था. उन्होंने कैम्प छोड़ने का फैसला किया और टार्गेट ओलंपिक पोडियम स्कीम के CEO पुष्पेंद्र गर्ग से बात की, जिन्होंने खिलाड़ी का टिकट बुक किया.

आरोपी कैम्प में बना रहा, विक्टिम बाहर हो गई

खिलाड़ी की शिकायत के मुताबिक, कोच उनके साथ जबरदस्ती करने की कोशिश कर रहा था. बात नहीं मानने पर करियर खत्म करने की धमकी दे रहा था. परिवार पर उसकी शादी करवा देने का दबाव बना रहा था और कोच की हरकत से परेशान होकर खिलाड़ी को एक फॉरेन ट्रेनिंग कैम्प से बाहर होना पड़ा.

SAI और साइकलिंग फेडरेशन ऑफ इंडिया ने इस केस में अपनी अलग-अलग जांच कमिटी बनाई है. और खिलाड़ी को न्याय दिलाने की बात कही है. लेकिन आरोपी 8 जून तक ट्रेनिंग कैम्प में बना रहा और विक्टिम ट्रेनिंग से बाहर हो गई है. इस केस में कहा जा सकता है कि विक्टिम ने खुद कैम्प से बाहर होने की बात कही थी. लेकिन विक्टिम के इस फैसले के पीछे वो डर था जो कोच की हरकतों की वजह से उसके मन में आया.

खिलाड़ी ने स्पोर्ट्स साइकोलॉजिस्ट से बात की, सीनियर अधिकारियों से बात की और सबको 'उनकी सुरक्षा' के नाम पर ये सही लगा कि उन्हें वापस भेज दिया जाए. जबकि जो आरोपी है, जिसके ऊपर जांच बैठाई जानी चाहिए उसके ऊपर एक्शन लेने में 10 दिन लग गए. जबकि होना ये चाहिए था कि शिकायत के तुरंत बाद आरोपी पर जांच बिठाई जाती, जांच पूरी होने तक उसकी जिम्मेदारियां किसी और को दी जातीं, उसे भारत वापस बुलाया जाता और खिलाड़ी की काउंसलिंग करवाई जाती, उसे कैम्प में रखा जाता ताकि उसकी ट्रेनिंग पूरी हो सके. 

और ये यौन शोषण का पहला मामला नहीं है जो SAI में आया है. इंडियन एक्सप्रेस की रिपोर्ट के अनुसार, बीते 10 साल में SAI में यौन शोषण के 45 मामले आए हैं. इनमें से 29 मामले कोच के खिलाफ दर्ज किए गए हैं.  इनमें से कई मामलों में आरोपियों को छोटी-मोटी सज़ा देकर छोड़ दिया गया. सज़ा क्या? पेंशन में कटौती, ट्रांसफर. कई मामले सालों से लटके पड़े हैं, उन पर कोई ऐक्शन नहीं लिया गया. SAI से जुड़ी कई एथलीट्स गरीब परिवारों से आती हैं, उनके लिए खेल एक ज़रिया होता अपनी आर्थिक और सामाजिक स्थिति सुधारने का. ऐसे में कई प्लेयर्स अपने साथ होने वाली इस तरह की घटनाओं को नज़रअंदाज़ करती हैं, कई प्लेयर्स करियर खत्म होने के डर में शिकायत नहीं कर पाती हैं. और इसी का फायदा खराब नीयत वाले कोच उठाते हैं.

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