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अचानक हार्ट अटैक, ब्रेन स्ट्रोक का कारण है ये 'साइलेंट किलर'

हाई कोलेस्ट्रॉल जिसका कोई संकेत नज़र नहीं आता, लेकिन ये स्थिति जानलेवा हो सकती है.

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cholesterol is the silent killer behind brain stroke and heart attack
अगर खून में काफ़ी समय तक कोलेस्ट्रॉल का लेवल हाई रहता है तो खून की धमनियों में वो जमा होने लगता है.
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सरवत
7 सितंबर 2023 (Updated: 7 सितंबर 2023, 24:41 IST)
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हाई कोलेस्ट्रॉल (High Cholesterol) को साइलेंट किलर कहा जाता है. और ये वाकई एक साइलेंट किलर है. आमतौर पर क्या होता है, जब आप बीमार पड़ते हैं तो आपका शरीर कुछ लक्षण दिखाता है. या अगर आपके शरीर में कोई गड़बड़ है तो उसका पता कैसे लगता है? कुछ लक्षणों से. आप बीमार पड़ जाएंगे. या आपको दर्द होगा. यानी कुछ न कुछ संकेत तो मिल ही जाता है कि 'भई, सब ठीक नहीं है, तुरंत डॉक्टर को दिखाओ.' आप तब जाकर डॉक्टर को दिखाते हैं और इलाज होता है. अब सोचिए. अगर आपके शरीर को अंदर ही अंदर नुकसान हो रहा है, पर इसका पता आपको रत्ती भर भी नहीं लग रहा. क्यों? क्योंकि शरीर कुछ बता ही नहीं रहा है. आपको लग रहा है सब चंगा है, आप मज़े में ज़िंदगी बिता रहे हैं. अपने मन का खा रहे हैं. ऐश ही ऐश. पर फिर एक दिन लगता है झटका. तब इंसान कहता है कि, 'अरे! ऐसे कैसे हो गया. अभी तक तो सब ठीक था. अचानक से ऐसा कैसे हो गया?' तो सुनिए अचानक से कुछ नहीं होता. अचानक से आने वाला हार्ट अटैक भी नहीं. अंदर बहुत कुछ हो रहा होता है, जिसका पता बस आपको नहीं चलता क्योंकि आपका शरीर डायरेक्ट बताता नहीं है.

ठीक यही होता है हाई कोलेस्ट्रॉल के साथ. पता नहीं चलता, पर ये अंदर ही अंदर मर्डर का प्लान बना रहा होता है. पर इसका मतलब ये नहीं है कि कोलेस्ट्रॉल आपका दुश्मन है. ये आपके लिए ज़रूरी है. कंफ्यूज़ हो गए? कोई बात नहीं. आपके सारे डाउट क्लियर करते हैं. 

कोलेस्ट्रॉल क्या होता है?

ये हमें बताया डॉ. प्रवीण कुलकर्णी ने.

Dr Praveen Kulkarni | Cardiologist | Global Hospital Mumbai
डॉ. प्रवीण कुलकर्णी, सीनियर कंसल्टेंट, कार्डियोलॉजी, ग्लोबल हॉस्पिटल्स, मुंबई

-खून में पाई जाने वाली चर्बी को कोलेस्ट्रॉल कहा जाता है.

-अच्छी सेहत के लिए ये ज़रूरी चर्बी है.

-पर सही मात्रा में हो तभी.

-जब इसकी मात्रा खून या शरीर में बढ़ जाती है तो वो हानिकारक है.

-शरीर के हर सेल को माइक्रोन्यूट्रिएंट के तौर पर कोलेस्ट्रॉल की ज़रूरत होती है.

-इसलिए ये एक ज़रूरी फैट है.

-लेकिन जब कोलेस्ट्रॉल का लेवल खून में ज़्यादा बढ़ जाता है, तो वो काफ़ी हानिकारक होता है.

शरीर में कोलेस्ट्रॉल क्यों बढ़ता है?

-कोलेस्ट्रॉल बढ़ने के पीछे दो वजहें होती हैं.

-पहली है अनहेल्दी लाइफस्टाइल.

-जैसे ख़राब डाइट, एक्सरसाइज की कमी, मोटापा.

-इनके कारण लाइफस्टाइल से जुड़े डिसऑर्डर होते हैं, जैसे हाई कोलेस्ट्रॉल.

-दूसरा रिस्क फैक्टर है फेमिलियल हाई कोलेस्ट्रॉल.

Cholesterol | cdc.gov
जब कोलेस्ट्रॉल का लेवल खून में ज़्यादा बढ़ जाता है तो वो काफ़ी हानिकारक होता है

-यानी जेनेटिक कारणों से जन्म से ही लिवर और खून में आगे जाकर हाई कोलेस्ट्रॉल की समस्या होती है.

ये भी पढ़ें- इन गलतियों से बढ़ रहा है आपका कोलेस्ट्रॉल

लक्षण

-हाई कोलेस्ट्रॉल के सीधे लक्षण बहुत कम देखने को मिलते हैं.

-ये केवल ब्लड टेस्ट से ही पता चल पाता है.

-कुछ पेशेंट्स में जब कोलेस्ट्रॉल का लेवल बहुत हाई होता है, तो कोलेस्ट्रॉल के धब्बे आंखों, कोहनी, घुटनों के इर्दगिर्द दिखाई देते हैं.

-पर ये काफ़ी रेयर है.

-आमतौर पर हाई कोलेस्ट्रॉल का निदान केवल ब्लड टेस्ट से ही हो पाता है.

हाई कोलेस्ट्रॉल से शरीर को क्या नुकसान होता है?

-अगर खून में काफ़ी समय तक कोलेस्ट्रॉल का लेवल हाई रहता है, तो खून की धमनियों में वो जमा होने लगता है.

-इसको एथेरोस्क्लेरोसिस कहा जाता है.

-जमावट के कारण नसों का रास्ता सिकुड़ने लगता है.

-दिल, ब्रेन और किडनी की नसें जाम होने लगती हैं.

-कुछ पेशेंट्स में पैरों में जाने वाली नसों में रुकावट होती है.

-ऐसा नसों में कोलेस्ट्रॉल का प्लाक जमा होने के कारण होता है.

-उस प्लाक पर और कोलेस्ट्रॉल जमा होता है, जिससे नसों में ब्लॉकेज आ जाती है.

-इसको स्टेनोसिस कहा जाता है.

What Does It Matter If You Have High Cholesterol?
अगर खून में काफ़ी समय तक कोलेस्ट्रॉल का लेवल हाई रहता है तो खून की धमनियों में वो जमा होने लगता है

-अगर ऐसा ब्रेन की नसों में होता है तो स्ट्रोक या पैरालिसिस हो सकता है.

-दिल की नसों में ऐसा होने के कारण हार्ट अटैक आता है.

-कोलेस्ट्रॉल से डायरेक्टली कोई शिकायत नहीं होती.

-लेकिन इसके बढ़ने से जो जमावट होती है, उससे बीमारियां होती हैं.

अब समझे कोलेस्ट्रॉल को साइलेंट किलर क्यों कहते हैं? बहुत शातिर खिलाड़ी है ये. इसलिए ज़रूरी है कि आप एक हेल्दी डाइट रखें, एक्सरसाइज ज़रूर करें, अच्छी नींद लें और शराब, सिगरेट से दूरी बना लें. साथ ही समय-समय पर एक सिंपल ब्लड टेस्ट की मदद से अपना कोलेस्ट्रॉल ज़रूर चेक करवाते रहें. 

(यहां बताई गईं बातें, इलाज के तरीके और खुराक की जो सलाह दी जाती है, वो विशेषज्ञों के अनुभव पर आधारित है. किसी भी सलाह को अमल में लाने से पहले अपने डॉक्टर से जरूर पूछें. दी लल्लनटॉप आपको अपने आप दवाइयां लेने की सलाह नहीं देता.)

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