(यहां बताई गई बातें, इलाज के तरीके और खुराक की जो सलाह दी जाती है, वो विशेषज्ञोंके अनुभव पर आधारित है. किसी भी सलाह को अमल में लाने से पहले अपने डॉक्टर से ज़रूरपूछें. दी लल्लनटॉप आपको अपने आप दवाइयां लेने की सलाह नहीं देता.वंदना 40 साल की हैं. नागपुर की रहने वाली हैं. पिछले काफी समय से उन्हें हाथों मेंदर्द, झनझनाहट, कमज़ोरी और हाथ सुन्न हो जाने की शिकायत रही है. पहले तो उन्होंनेइतना ध्यान नहीं दिया. पर समय के साथ ये प्रॉब्लम और बढ़ती गई. अब जब वो कोई सामानउठाती हैं, चाहे फ़ोन या न्यूज़पेपर ही हो, उनको हाथों में झनझनाहट होती है. जबउन्होंने डॉक्टर को दिखाया तो पता चला उन्हें कार्पल टनल सिंड्रोम है. ये एक बहुतही आम कंडीशन है, जिसके कारण हाथों में झनझनाहट होती है. वंदना को डॉक्टर ने एकछोटी सी सर्जरी करवाने की सलाह दी है. वंदना चाहती हैं कि एक्सपर्ट्स से बात करकेकार्पल टनल सिंड्रोम पर एक एपिसोड बनाएं. ये क्या होता है, क्यों होता है, इसकाइलाज क्या है, ये लोगों को बताएं. क्योंकि कई लोगों को हाथों में दर्द, झुनझुनाहट,सुन्न होने की प्रॉब्लम होती है, पर उन्हें ये पता नहीं होता कि ऐसा क्यों हो रहाहै. इसलिए लोग इसपर ध्यान नहीं देते और प्रॉब्लम बढ़ती रहती है. ऐसा कहीं आपके साथभी तो नहीं हो रहा? तो सबसे पहले जान लीजिए कार्पल टनल सिंड्रोम क्या है?कार्पल टनल सिंड्रोम क्या होता है?ये हमें बताया डॉक्टर कौशल कांत मिश्रा ने.डॉक्टर कौशल कांत मिश्रा, एसोसिएट डायरेक्टर, ऑर्थोपीडिक, फ़ोर्टिस, नई दिल्ली-कार्पल टनल सिंड्रोम एक बहुत ही आम बीमारी है-ये महिलाओं में ज़्यादा पाई जाती है-जैसे-जैसे उम्र बढ़ती है, इस बीमारी का चांस भी बढ़ता है-कभी-कभी ये हॉर्मोन बिगड़ने के कारण भी पेशेंट्स में होती है-इसमें सर्वाइकल नर्व जो हाथों तक जाती है, वो हथेली के नीचे पहुंचकर दब जाती हैकारण-दबने के दो कारण हैं-या तो बाकी स्ट्रक्चर का साइज़ बढ़ जाए-या आसपास के टिश्यू में कोई सूजन या बीमारी हो-आमतौर पर देखा जाता है कि औरतों में शरीर के अंदर वॉटर रिटेंशन ज़्यादा होता है-इस कारण कार्पेल टनल के नीचे जो नर्व होती है वो दब जाती हैलक्षण-इसकी वजह से हाथों में दर्द होता है-या तो पहली दो उंगलियों में दर्द होता है या आखिर की तीन उंगलियों में दर्द होताहै-ये दर्द ज़्यादातर रात में होता हैइसमें सर्वाइकल नर्व जो हाथों तक जाती है, वो हथेली के नीचे पहुंचकर दब जाती है-जैसे-जैसे दिन में काम करते हैं, दर्द कम होने लगता है-रात में फिर से बढ़ जाता है-शुरुआत में कम होता है-आगे जाकर ये दर्द हाथ से शुरू होकर कंधे तक जाता है-कभी-कभी गर्दन के पीछे तक दर्द होता है-डॉक्टर जब हिस्ट्री लेते हैं, तब पता चलता है कि दर्द उंगलियों में ज़्यादा होता हैडायग्नोसिस-इसका बहुत सिंपल सा टेस्ट होता है-दोनों हाथों को उलटकर आपस में जोड़ लें-अगर ऐसा करने से हाथों में दर्द हो रहा है तो मतलब ये बीमारी है-दो मिनट तक हाथ ऐसे रखें-अगर दो मिनट के अंदर हाथों में, उंगलियों में झनझनाहट या दर्द होता है और कंधे तकजाता है तो मतलब कार्पल टनल सिंड्रोम है-इसका डायग्नोसिस करने के लिए केवल एक टेस्ट की ज़रुरत होती है, जिसे कहते हैंEMGNCV-उस टेस्ट को करवाने से पुख्ता तौर पर पता चल जाता है-कभी-कभी सर्वाइकल स्पाइन का MRI भी किया जाता हैडॉक्टर जब हिस्ट्री लेते हैं तब पता चलता है कि दर्द उंगलियों में ज़्यादा होता है,रात में दर्द बढ़ बढ़ता हैइलाज-माइल्ड से लेकर मोड्रेट केस तक, दवाइयां ही दी जाती हैं-कुछ पेशेंट में जिनमें सूजन हो, उम्र के कारण समस्या हो या हाई थायरॉइड कंट्रोलमें न हो-उनमें बहुत ज़्यादा दर्द होता है-जब दर्द कंट्रोल में नहीं होता है तो एक बहुत ही छोटी सर्जरी की जाती है-इस सर्जरी में केवल 30 से 40 सेकंड लगते हैं-मरीज़ सुबह आकर शाम को घर जा सकता है-ये बहुत सेफ़ सर्जरी है-लेकिन सर्जरी तभी करवानी चाहिए जब दवाइयों का मेडिकल कोर्स पूरा हो गया हो-अगर 3 महीनों तक दवाइयां से आराम न मिले तो सर्जरी करानी चाहिए-स्प्रिंट लगाने से कोई फ़ायदा नहीं होता है, इसका कोई ख़ास रोल नहीं हैकार्पल टनल सिंड्रोम एक बहुत ही आम बीमारी है-नस दबने के पीछे जो भी कारण हैं, जैसे अगर थायरॉइड कंट्रोल में नहीं है तो थायरॉइडको कंट्रोल में करना चाहिए-अगर शुगर है तो शुगर को कंट्रोल करना चाहिए-ऐसी चीज़ों को दवाओं से कंट्रोल किया जाता है-पर ज़्यादातर मामलों में अगर लगातार दर्द हो रहा है तो सर्जरी करवानी चाहिए-पहले दवाइयां लें, फ़ायदा न हो तो सर्जरी करवाएंकार्पल टनल सिंड्रोम क्या होता है, ये तो आपको समझ में आ ही गया होगा. अगर डॉक्टरसाहब के बताए गए लक्षण आपको महसूस हो रहे हैं तो देरी न करें. डॉक्टर से मिले औरइलाज करवाएं.