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आंध्र प्रदेश की वो पूर्व मंत्री, जिन्हें तीन भाइयों के अपहरण के आरोप में गिरफ्तार कर लिया गया

बड़े राजनीतिक परिवार से आती हैं, लंबा इतिहास रहा है.

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TDP नेता भूमा अखिला प्रिया, इन्हें ही किडनैपिंग के आरोपों में गिरफ्तार किया गया है. (फोटो- फेसबुक)
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लालिमा
8 जनवरी 2021 (Updated: 8 जनवरी 2021, 19:54 IST)
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भूमा अखिला प्रिया. 32 बरस की हैं. आंध्र प्रदेश में तेलुगु देशम पार्टी (TDP) की बड़ी नेता हैं. विधायक भी रह चुकी हैं. अभी खबरों में हैं, क्योंकि तीन आदमियों की किडनैपिंग के आरोप में इन्हें गिरफ्तार कर लिया गया है. ये पूरा मामला एक ज़मीन विवाद से जुड़ा हुआ है. क्या है ये ज़मीन विवाद और कौन हैं भूमा अखिला प्रिया, सब बताएंगे, लेकिन पहले जान लें कि आखिर ये तथाकथित किडनैपिंग हुई कब?


जिनको किडनैप किया गया वो तीनों भाई हैं

'इंडिया टुडे' से जुड़े पत्रकार आशीष पांडे की रिपोर्ट के मुताबिक, जिन तीन आदमियों की किडनैपिंग के आरोप में भूमा अखिला गिरफ्तार हुई हैं, वो तीनों भाई हैं. उनके नाम हैं- प्रवीण राव, सुनील राव और नवीन राव, तीनों बिज़नेसमेन हैं. हैदराबाद में रहते हैं. तीनों के एक रिश्तेदार ने हैदराबाद सिटी पुलिस में शिकायत की. बताया कि 5 जनवरी की रात करीब साढ़े सात बजे 10-15 आदमी इनके घर आए. आदमियों ने खुद को इनकम टैक्स विभाग का अधिकारी बताया. एक आदमी ने पुलिस की ड्रेस पहनी हुई थी, बाकी सब सादे कपड़ों में थे. अपने आईडी कार्ड्स दिखाए और घर पर रेड डालने की बात कही. पूरे घर की छानबीन की और घर के सभी लोगों को एक जगह इकट्ठा किया. नवीन, प्रवीण और सुनील के नाम का सर्च वॉरंट दिखाया. फिर तीनों को पूछताछ का हवाला देकर हॉल में बैठाया और बाकी घरवालों को दूसरे कमरे में बंद कर दिया.

पुलिस ने इस मामले में एक प्रेस रिलीज़ भी जारी की है, जिसमें शिकायतकर्ता के मुताबिक, घटना की जानकारी दी गई है. इस प्रेस रिलीज़ के मुताबिक, घर की एक महिला इस वाकये के दौरान पड़ोस के घर में थी. वो रात करीब 8 बजकर 20 मिनट पर घर में आई, तो देखा कि बाहर से दरवाज़ा बंद है. उसने दरवाज़ा खोला और तब कहीं जाकर कमरे में बंद लोग बाहर आए. तब पता चला कि प्रवीण, सुनील और नवीन गायब हैं. घरवालों ने घर में लगा CCTV फुटेज देखा, तब वो इस नतीजे पर आए कि जो लोग उनके घर आए थे, वो कोई सरकारी अधिकारी नहीं थे, बल्कि तीनों आदमियों को किडनैप करने के लिए नकली पहचान बताकर आए थे.


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हैदराबाद कमिश्नर ऑफ पुलिस अंजनी कुमार, मामले की जानकारी देते हुए. (फोटो- फेसबुक)

पुलिस ने प्रेस कॉन्फ्रेंस में क्या कहा?

हैदराबाद सिटी की कमिश्नर ऑफ पुलिस अंजनी कुमार ने इस मामले में प्रेस कॉन्फ्रेंस की. बताया कि 5 जनवरी की रात घटना के करीब एक घंटे बाद घरवालों का कॉल आया. शिकायत मिलने पर पुलिस ने टीमें बनाईं और गाड़ियां रोकने के लिए कुछ-कुछ रोड पर पुलिस तैनात किए. अंजनी कुमार ने आगे कहा,

"हर जगह पुलिस को देखकर ये लोग (आरोपी) समझ गए कि किडनैप किए गए लोगों को लेकर जाना मुमकिन नहीं है. और इसलिए सुबह तीन- साढ़े तीन बजे के बीच नारसिंगी के पास तीनों आदमियों को गाड़ी से उतार दिया. फिर जब इन्होंने मोबाइल फोन चालू किए, तब हम उन्हें ट्रेस कर पाए. और उनका बचाव किया जा सका."

रिपोर्ट्स के मुताबिक, तीनों भाइयों का परिवार तेलंगाना के मुख्यमंत्री के चंद्रशेखर राव का रिश्तेदार है. पुलिस ने जब तीनों भाइयों को तथाकथित किडनैपिंग से बचाया, तो परिवार वालों ने इस वारदात में भूमा अखिला प्रिया, उनके पति भार्गव और अपने रिश्तेदार ए.वी सुब्बा रेड्डी पर शक जताया. तीनों पर एक ज़मीन विवाद के चलते शक जताया गया. पुलिस ने 6 जनवरी की सुबह करीब साढ़े 11 बजे भूमा अखिला प्रिया और उनके पति को हैदराबाद के कुकटपल्ली इलाके में स्थित उनके घर से गिरफ्तार किया. इसके अलावा ए.वी सुब्बा रेड्डी की भी गिरफ्तारी की गई. बाकी इस केस में पुलिस ने आरोपी नंबर एक सुब्बा रेड्डी को बनाया है. आरोपी दो भूमा अखिला प्रिया हैं. और आरोपी नंबर तीन भार्गव हैं.

क्या है भूमि विवाद?

भूमा अखिला प्रिया के पिता थे भूमा नागी रेड्डी. TDP के मेंबर थे, विधायक भी रह चुके थे. भूमा नागी रेड्डी के करीबी सहयोगी थे एवी सुब्बा रेड्डी. साल 2016 में प्रवीण राव, जो बैडमिंटन प्लेयर भी रह चुके हैं, उन्होंने हैदराबाद के हफीजपेट इलाके में 25 एकड़ की ज़मीन खरीदी. इस ज़मीन को लेकर उस वक्त कुछ दिक्कतें सामने आईं, जिसे ए.वी सुब्बा रेड्डी ने भूमा नागी रेड्डी की मदद से हल करने की कोशिश की. 2017 में भूमा नागी रेड्डी की कार्डियक अरेस्ट से मौत हो गई. इसके बाद सीन में आईं भूमा अखिला प्रिया. पुलिस के मुताबिक, उन्होंने प्रवीण से ज़मीन में शेयर मांगा. प्रवीण ने तब कहा कि उन्होंने ज़मीन से जुड़े सारे ट्रांजेक्शन ए.वी सुब्बा रेड्डी के साथ पूरे कर दिए हैं. इसलिए अगर अखिला प्रिया को ज़मीन से जुड़ी कोई भी दिक्कत है, तो वो सुब्बा रेड्डी के पास जाएं. इस पर अखिला प्रिया ने प्रवीण को अंजाम भुगतने की धमकी दी.


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अखिला प्रिया अपने पिता भूमा नागी रेड्डी के साथ. (फोटो- फेसबुक)

पुलिस कमिश्नर अंजनी कुमार ने बताया कि हफीजपेट ज़मीन विवाद के चलते 2020 में भी प्रवीण ने ए.वी सुब्बा रेड्डी के खिलाफ केस दर्ज कराया था. सुब्बा रेड्डी पर धमकाने के आरोप लगाए थे. पुलिस ने आगे कहा कि इसी ज़मीन विवाद के चलते ये किडनैपिंग की वारदात को अंजाम दिया गया है.

खैर, अभी ये मामला जांच के दायरे में है. भूमा अखिला प्रिया पर अभी किडनैपिंग के केवल आरोप लगे हैं, असल में उनका हाथ है या नहीं, ये तो जांच के बाद ही पता चलेगा और कोर्ट के फैसले के बाद ही. लेकिन इस पूरी भसड़ ने भूमा अखिला प्रिया के नाम को चर्चा में लाया है, तो ये जानना ज़रूरी हो गया है कि वो आखिर हैं कौन?


कौन हैं भूमा अखिला प्रिया?

जर्नलिस्ट आशीष पांडे ने हमें इसकी जानकारी दी. आंध्र प्रदेश में एक इलाका है रायलसीमा. चार ज़िले आते हैं इस इलाके में. ये पूरा इलाका रेड्डियों का राजनीतिक गढ़ माना जाता है. इस इलाके की राजनीति में परिवारवाद का काफी बोलबाला रहा है. इन्हीं परिवारों में से एक है भूमा परिवार. इसी का हिस्सा हैं भूमा अखिला प्रिया.

अखिला प्रिया के पिता भूमा नागी रेड्डी और मां शोभा नागी रेड्डी. दोनों ही राजनीति में एक्टिव थे. शोभा नागी कुरनूल ज़िले के तहत आने वाली अल्लागड्डा विधानसभा सीट से विधायक थीं. पहले TDP में थीं, फिर प्रजा राज्यम पार्टी में गईं. फिर YSR कांग्रेस पार्टी में शामिल हुईं. 2012 में अलगड्डा विधानसभा सीट पर उपचुनाव में वो जीती थीं. 2014 के आंध्र प्रदेश में विधानसभा चुनाव अलगड्डा सीट से सिटिंग विधानसभा शोभा नागी ही खड़ी हुई थीं, YSRCP के टिकट पर. लेकिन चुनाव प्रचार के दौरान शोभा नागी की गाड़ी हादसे का शिकार हो गई और उनकी मौत हो गई. इसके बाद YSRCP टिकट पर अलगड्डा से शोभा की बेटी भूमा अखिला प्रिया चुनावी मैदान में उतरीं. अलगड्डा भूमा परिवार का 30 साल पुराना गढ़ था, दूसरा शोभा की मौत के बाद लोगों की सहानुभूति भी थी, अखिला प्रिया चुनाव जीत गईं.

2016 में भूमा अखिला प्रिया और उनके पिता भूमा नागी रेड्डी के TDP में शामिल हो गए. अखिला प्रिया को राज्य सरकार में पर्यटन, तेलुगु भाषा और संस्कृति मंत्री का पद भी दिया गया. लेकिन फिर हुआ 2019 का विधानसभा चुनाव, और अखिला प्रिया को हार का सामना करना पड़ा. YSRCP के उम्मीदवार गंगुला बिजेंद्र रेड्डी 35 हज़ार वोटों के मार्जिन से जीत गए.


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भूमा अखिला की मां शोभा और पिता भूमा नागी रेड्डी. (फोटो- फेसबुक)

कैसे अखिला प्रिया हार तक पहुंचीं?

अब भई राजनीति है. हार-जीत तो चलती रहती है. लेकिन फिर भी अखिला प्रिया के डाउनफॉल का जो विश्लेषण किया गया, तो पता चला कि इसकी शुरुआत हुई साल 2017 से. तब जब अखिला के पिता का निधन हुआ. एवी सुब्बा रेड्डी, भूमा नागी रेड्डी के काफी करीबी सहयोगी माने जाते थे. एक तरह से उनके 'चीफ एडवाइज़र' थे. लेकिन पिता के निधन के एक साल बाद अखिला प्रिया का सुब्बा रेड्डी से विवाद हो गया. और दरार पड़ गई. सुब्बा रेड्डी की अलगड्डा विधानसभा क्षेत्र में काफी पकड़ थी. कुछ लोगों का तो ये तक कहना है कि नन्दयाल और अलगड्डा सीटों में शोभा नागी रेड्डी और भूमा नागी रेड्डी की जीत सुब्बा रेड्डी के बिना मुमकिन नहीं थी.

आशीष पांडे की रिपोर्ट के मुताबिक, सूत्रों का कहना है कि भूमा नागी रेड्डी के जाने के बाद अखिला प्रिया के लिए भी सुब्बा रेड्डी 'चीफ एडवाइज़र' का काम करने वाले थे. लेकिन कई सारे पब्लिक विवादों के बाद उन्होंने ऐसा नहीं किया. TDP के काफी करीबी सूत्रों का कहना है कि सुब्बा रेड्डी ने अलगड्डा सीट से चुनावी टिकट मांगा था, लेकिन उन्हें नहीं दिया गया. इस बात से नाराज़गी के बाद न तो सुब्बा रेड्डी ने और न ही उनके समर्थकों ने TDP के लिए चुनावी अभियान किया. कुछ का तो ये तक कहना है कि सुब्बा रेड्डी के समर्थकों ने YSRCP के लिए चुनाव प्रचार किया था.

अखिला प्रिया की हार का दूसरा कारण कुछ लोग उनकी भार्गव से शादी भी मानते हैं. अखिला की पहली शादी YSRCP प्रेसिडेंट वाई.एस जगन मोहन रेड्डी के एक अंकल के बेटे से हुई थी. लेकिन एक ही साल बाद शादी टूट गई. फिर अगस्त 2018 में अखिला प्रिया ने दूसरी शादी की भार्गव से, जो एक इंडस्ट्रियलिस्ट हैं. हालांकि शादी एक व्यक्तिगत मामला है, लेकिन कहा जाता है कि अलगड्डा के लोगों ने इस शादी को सही नहीं माना.


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