BJP के चर्चित नेता का बेटा जिस अंकिता मर्डर केस में घिरा, उसकी दिल दहलाने वाली कहानी
हत्या के बाद आरोपियों ने खुद लिखवाई थी गुमशुदगी की रिपोर्ट, ताकि किसी को उन पर शक न हो.
उत्तराखंड के जनपद पौड़ी के श्रीकोट की रहने वाली अंकिता भंडारी. 19 साल की थी और गंगा भोगपुर स्थित वनतरा रिजॉर्ट में रिसेप्शनिस्ट का काम करती थी. अंकिता 18 सितंबर से लापता थी. अब जानकारी आई है कि अंकिता की रिजॉर्ट के संचालक समेत तीन सहकर्मियों ने मिलकर हत्या कर दी. पुलिस के मुताबिक, आरोपियों ने चीला रोड स्थित नहर में धक्का देकर अंकिता की हत्या की. इस मामले में रिजॉर्ट के संचालक पुलकित आर्य समेत तीन लोगों को गिरफ्तार किया गया है. मुख्य आरोपी पुलकित आर्य पूर्व राज्य मंत्री विनोद आर्य का बेटा है. तीनों को 14 दिन की न्यायिक हिरासत में भेज दिया गया है. इस मामले में ये भी सामने आ रहा है कि 18 सितंबर को अंकिता के लापता होने के बाद पुलकित आर्य ने ही उसकी गुमशुदगी की रिपोर्ट राजस्व पुलिस में दर्ज करवाई थी. घटना सामने आने के बाद सोशल मीडिया पर #JusticeForAnkita ट्रेंड कर रहा है और तीनों आरोपियों को कड़ी सज़ा देने की मांग हो रही है. फिलहाल SDRF की टीमें अंकिता के शव की तलाश में जुटी हैं.
क्या है अंकिता भंडारी की हत्या का पूरा मामला?उत्तराखंड के डीजीपी अशोक कुमार ने इस मामले में बताया कि अंकिता भंडारी 4-5 दिन से गायब थी. जिस इलाके से अंकिता गायब हुई वो राजस्व पुलिस का क्षेत्र है और पटवारी ने अंकिता की गुमशुदगी की रिपोर्ट लिखी थी. उन्होंने बताया कि 22 सितंबर को मामला रेगुलर पुलिस के पास आया और लक्ष्मण झूला थाने ने मामले की जांच शुरू की. उन्होंने बताया कि मामला पुलिस के पास आने के बाद 24 घंटे के अंदर जांच के बाद उन्होंने तीनों आरोपियों को गिरफ्तार कर लिया है.
पौड़ी गढ़वाल पुलिस से मिली जानकारी के मुताबिक, शुरुआत में इलेक्ट्रॉनिक सर्विलांस और सीसीटीवी फुटेज की जांच में पुलिस को पता चला कि 18 सितंबर की रात करीब आठ से नौ के बीच में अंकिता पुलकित, सौरभ और अंकित के साथ ऋषिकेश गई और वहां से वापस आई थी. रिजॉर्ट के कर्मचारियों ने पुलिस को बताया कि 18 सितंबर की शाम को अंकिता काफी परेशान थी और एक कर्मी से फोन पर बात करते हुए रो रही थी. रिपोर्ट के मुताबिक, वॉट्सऐप पर भी अंकिता ने अपने एक परिचित को अपने परेशान होने की बात बताई थी. रिजॉर्ट कर्मियों ने ये भी पुलिस को बताया कि अंकिता उस रात करीब आठ बजे तीनों आरोपियों के साथ निकली थी और रात 10:30-11 बजे के करीब केवल तीनों आरोपी ही वापस आए थे. अंकिता उनके साथ नहीं थी.
उस रात तीनों ने कुक से खाना बनवाया और अंकिता का खाना अंकित उर्फ पुलकित गुप्ता ने खुद उसके कमरे में पहुंचाने की बात कही. पुलिस के मुताबिक, रिजॉर्ट के कर्मचारियों से पूछताछ के बाद पुलिस पुलकित आर्य, अंकित उर्फ पुलकित गुप्ता और सौरभ भास्कर को पूछताछ के लिए थाने लेकर गई. यहां पूछताछ के दौरान तीनों ने अंकिता को नहर में धक्का देने की बात स्वीकार की. आरोपियों ने जो पुलिस को बताया उसके मुताबिक,
18 सितंबर की शाम अंकिता और पुलकित के बीच किसी बात को लेकर विवाद हुआ था. तब पुलकित ने अंकिता को ऋषिकेश घुमाकर लाने की बात अंकित और सौरभ से कही. इसके बाद एक बाइक और एक स्कूटी से चारों लोग ऋषिकेश के लिए निकले.चारों AIIMS ऋषिकेश पहुंचे और वहां से लौट आए. वापसी में बैराज चौकी से करीब डेढ़ किलोमीटर की दूरी पर पुलकित और अंकिता अंधेरे में एक जगह पर रुके थे.चीला रोड पर नहर के किनारे. वहीं रुककर चारों ने मोमोज़ खाए और तीनों लड़कों ने शराब पी. इस दौरान अंकिता और पुलकित के बीच फिर विवाद होने लगा.
आरोपियों ने पुलिस को बताया कि अंकिता अपने दोस्तों के बीच उन्हें बदनाम करती थी और उनकी बातें अपने दोस्तों को बताती थी. आरोपियों ने पुलिस को बताया कि अंकिता अपने दोस्तों को बताती थी कि आरोपी उसे रिजॉर्ट के ग्राहकों के साथ संबंध बनाने के लिए कहते हैं. इसी को लेकर अंकिता की तीनों लड़कों के साथ झड़प हो गई.लड़ते हुए अंकिता ने पुलकित का मोबाइल फोन छीनकर नहर में फेंक दिया. इसके बाद अंकिता की आरोपियों से हाथापाई होने लगी और आरोपियों ने उसे नहर में धक्का दे दिया.
अंकिता को धक्का देने के बाद आरोपियों ने क्या कहानी बनाई?अंकिता के डूबने के बाद चारों आरोपियों ने बचने के लिए नया प्लान बनाया. आरोपियों को अंकिता के साथ रिजॉर्ट से निकलते हुए अभिनव और कुश नाम के दो कर्मचारियों ने देख लिया था. इस वजह से वो डरे हुए थे. प्लान के तहत आरोपियों ने शेफ मनवीर को फोन किया और चार लोगों के लिए खाना बनाने को कहा. शेफ ने जब अंकिता के बारे में पूछा तो आरोपियों ने कहा कि वो उनके साथ नहीं है. इसके बाद आरोपी रिजॉर्ट पहुंचे. प्लान के तहत अंकित ने शेफ से कहा कि अंकिता का खाना वो उसके कमरे में दे देगा, ताकि शेफ और दूसरे कर्मचारियों को ये लगे कि अंकिता अपने कमरे में ही है. अगले दिन पुलकित और अंकित हरिद्वार चले गए, पुलकित ने नया मोबाइल खरीदा और एक सिम खरीदा. इसके बाद एक कर्मचारी सौरभ बिष्ट को आरोपियों ने फोन किया कि अंकिता के कमरे से उसका फोन ले आए. ताकि सौरभ ये देखे कि अंकिता कमरे में नहीं है और सबको यही बताए कि अंकिता नहीं है और न ही उसका फोन है. यही हुआ भी. इसके बाद आरोपियों ने खुद जाकर पुलिस की गुमशुदगी की रिपोर्ट दर्ज करवाई ताकि किसी को उन पर शक न हो.
बीजेपी नेता विनोद आर्य का बेटा है पुलकित आर्यपुलकित आर्य बीजेपी नेता विनोद आर्य का बेटा है. विनोद राज्य मंत्री रहे हैं. बीजेपी ओबीसी मोर्चा की राष्ट्रीय कार्यकारिणी के सदस्य हैं और यूपी के सह-प्रभारी हैं. विनोद आर्य के बड़े बेटे अंकित आर्य दर्जा प्राप्त राज्यमंत्री हैं और इस वक्त वो राज्य पिछड़ा आयोग में उपाध्यक्ष हैं. इससे पहले पुलकित आर्य का नाम लॉकडाउन के वक्त भी विवाद में आया था. तब पुलकित विवादों में रहने वाले नेता अमरमणि त्रिपाठी के साथ उत्तरकाशी के प्रतिबंधित क्षेत्र में पहुंच गया था. अमरमणि त्रिपाठी मधुमिता शुक्ला की हत्या मामले में दोषी है.
गांववालों ने प्रदर्शन किया, आरोपियों को पीटाहत्या की बात सामने आने के बाद कोटद्वार के रास्ते में सैकड़ों ग्रामीणों ने प्रदर्शन किया और अंकिता के लिए इंसाफ की मांग की. आरोपियों को कोर्ट में पेश करने के लिए ले जाने के दौरान, ग्रामीणों ने रास्ते में पुलिस की गाड़ी को रोक लिया और शीशे से हाथ डालकर आरोपियों के साथ मारपीट की. ग्रामीणों ने आरोपियों को इतना पीटा कि उनके कपड़े तक फाड़ दिए.
मुख्यमंत्री ने कहा- कड़ी कार्रवाई होगीमामले में बीजेपी नेता के बेटे का नाम जुड़ने के चलते इस पर राजनीतिक कॉमेंट्स भी आ रहे हैं. उत्तराखंड कांग्रेस की प्रवक्ता गरिमा दसौनी ने पुलिस और सरकार पर इस मामले में लापरवाही बरतने और मामले को टालने के आरोप लगाए. उन्होंने कहा कि अंकिता 18 सितंबर से लापता थी, उनके परिवार रोज़ केस दर्ज करने की गुहार लगा रहे थे लेकिन पुलिस एक्शन नहीं ले रही थी. चौथे दिन मामला दर्ज किया गया और पता चला कि उसकी हत्या का मुख्य आरोपी पुलकित आर्य है जिसके पिता बीजेपी के चर्चित और रसूखदार नेता हैं.
वहीं, उत्तराखंड के मुख्यमंत्री पुष्कर सिंह धामी ने अंकिता भंडारी की मौत को दुखद बताया. उन्होंने आरोपियों को कड़ी सज़ा दिलवाने की बात कही है. उन्होंने कहा कि पुलिस अपना काम कर रही है और ये सुनिश्चित किया जाएगा कि आरोपियों को सज़ा हो.
तारीखः गुजरात के मुख्यमंत्री की हत्या करने वाले ने 46 साल बाद चिट्ठी लिखकर क्या कहा?