The Lallantop
Advertisement

पीटने वाले बॉयफ़्रेंड पर अनन्या ने क्या बोल दिया?

कॉफी विद करण शो में अनन्या पांडे के साथ आए विजय देवरकोंडा ने क्यों कहा- किसी महिला पर हाथ नहीं उठा सकता

Advertisement
ANANYA-VIJAY
विजय देवरकोंडा-अनन्या पांडे/ तस्वीर- Disney Hotstar
pic
नीरज कुमार
29 जुलाई 2022 (Updated: 29 जुलाई 2022, 22:45 IST)
font-size
Small
Medium
Large
font-size
Small
Medium
Large
whatsapp share

‘अगर आप अपनी गर्लफ्रेंड को जहां चाहे वहां थप्पड़ नहीं मार सकते , छू नहीं सकते, किस नहीं कर सकते , मुझे वहां कोई इमोशन नहीं नज़र नहीं आता’

आज से ठीक 3 साल, 1 महीना और 8 दिन पहले एक फिल्म रिलीज़ हुई थी. फिल्म का हीरो मल्टी टैलेंटेड था. वो फुटबॉल का चैंपियन था जो गोल करने के बाद हार का गम झेल रही विरोधी टीम को दौड़ा-दौड़ा कर पीटता था. चाकू की नोक पर लड़कियो के कपड़े उतरवाता था. फिल्म में प्रेमिका बनी हीरोइन को थप्पड़ मारता था. और तो और गीला-सूखा सभी तरह का नशा करता था. तो भाई फिल्म है तो डायरेक्टर भी होंगे ही. शुरू में लाल रंग से लाइनें लिखी हैं वो अद्भुत वाक्य इसी फिल्म के डायरेक्टर के कंठ से फूटा था.

समझ तो आप गए ही होंगे लेकिन फिर भी जान लीजिए उस फिल्म का नाम है कबीर सिंह, जो तेलुगु फिल्म अर्जुन रेड्डी की रीमेक थी.आप अभी ये सोच रहे होंगे कि इस फिल्म के रिलीज़ होने के इतने दिनों के बाद इस पर बात करने की ज़रूरत क्यों आन पड़ी? दरअसल इस फिल्म ने एक ऐसी बहस को जन्म दिया जो अब तक चल रही है. फिल्म में कबीर सिंह के किरदार ने टॉक्सिक मस्कुलिनिटी के नए आयाम गढ़े.

कबीर सिंह फिल्म का एक सीन

तो हुआ ये कि कबीर सिंह जिस अर्जुन रेड्डी फिल्म पर बनी थी, उसमें लीड रोल निभाया था विजय देवरकोंडा ने. 28 जुलाई को करण जौहर के चैट शो कॉफी विद करन का नया एपिसोड आया. इसमें विजय देवरकोंडा और अनन्या पांडे पहुंचे थे. करण जौहर ने विजय देवरकोंडा से पूछा अर्जुन रेड्डी जैसी फिल्म को आप महिला विरोधी फिल्म की तरह देखते हैं या फिर एक प्रेम कहानी की तरह. इस पर विजय देवरकोंडा ने कहा कि बतौर एक्टर वो कैरेक्टर को जज नहीं करते. उन्होंने अर्जुन रेड्डी की क्योंकि वो उसके कैरेक्टर और प्रीति के साथ उसके बिहेवियर को समझते हैं. विजय ने ये भी कहा कि उन्हें ये फिल्म एंटी फेमिनिस्ट नहीं लगी. अर्जुन ने प्रीति पर हाथ उठाया ये सही है या नहीं वे नहीं बता सकते. विजय ने कहा कि वो ये मानते हैं कि ये फिल्म किसी ऐसी लड़की के लिए ट्रॉमैटिक हो सकती है जो अब्यूसिव रिलेशनशिप में रही हो, ऐसी कोई लड़की फिल्म की आलोचना करेगी तो वो उसे स्वीकार करेंगे.

इसके बाद करण जौहर ने पूछा कि क्या विजय देवरकोंडा कभी रियल लाइफ में अर्जुन रेड्डी बनना चाहेंगे इस पर विजय देवरकोंडा ने कहा

नहीं, मैं कभी अपना हाथ नहीं उठाऊंगा. अगर बात वहां तक पहुंचती है जहां मुझे किसी महिला पर इस कदर गुस्सा आएगा तो मैं वॉकआउट करूंगा’. 

इस मुद्दे पर करण जौहर ने कहा कि अब्यूसिव रिश्तों को ये कहकर नॉर्मलाइज़ किया जाता है कि जब उस रिश्ते में इनवॉल्व दो लोग उसमें कम्फर्टेबल हैं, तो आपको उससे क्या दिक्कत है?

विजय देवरकोंडा-अनन्या पांडे/ तस्वीर- Disney Hotstar

अब अगला नंबर अनन्या का था करण ने अनन्या से पूछा कि क्या आप उन लड़कियों में से हैं जिन्हें अर्जुन रेड्डी पसंद हैं. इस पर अनन्या ने जवाब दिया कि फिल्म के गाने उन्हें पसंद थे लेकिन फिल्म में जिस तरह से रिलेशनशिप को दिखाया गया है वो ठीक नहीं है. अनन्या ने ये भी कहा कि कुछ लोग फिल्म में दिखाई गई बातों को असल जीवन में भी एप्लाई करना ठीक मानने लगते हैं.

अनन्या पांडे की ये बात असल मायनों में ठीक लगती है क्योंकि मैंने भी अपने आसपास ऐसे कई लोगों को देखा है जिनके पार्टनर उन्हें मेंटली और फिज़िकली अब्यूस करते हैं. बावजूद इसके वो किसी तरह रिलेशनशिप को ढो रहे होते हैं. फिलहाल सबसे पहले तो हम ये समझ लेते हैं कि अब्यूसिव रिलेशनशिप है क्या? अगर आपका पार्टनर भी अब्यूसिव है तो क्या करना चाहिए? ये जानने के लिए हमने बात की मेंटल हेल्थ एक्सपर्ट अखिल अग्रवाल से उन्होंने कहा


'जब किसी रिलेशनशिप में म्यूचुअल रिस्पेक्ट खत्म हो जाती है तो वो अब्यूसिव रिलेशनशिप की कैटेगरी में आता है. अगर किसी का रिलेशन इस कैटेगरी में आता है तो 'नो' कहना, विरोध करना सीखिए. अगर आप ऐसा नहीं करेंगे तो सामने वाले को पता ही नहीं चलेगा कि वो गलत कर रहा है'

मेंटल हेल्थ एक्सपर्ट का मानना है कि जब रिलेशनशिप में म्यूचूअल रिस्पेक्ट खत्म हो जाता है तो रिलेशनशिप को अब्यूसिव बनने में देर नहीं लगती लेकिन ऐसे रिलेशनशिप को झेल रहे लोगों की मेंटल हेल्थ पर इस पर मेंटल हेल्थ एक्सपर्ट ने कहा


'अब्यूसिव रिलेशनशिप का सबसे ज्यादा दुष्प्रभाव मेंटल हेल्थ पर पड़ता है. जो लोग इसे झेल रहे होते हैं उन्हें घबराहट, बैचेनी, और डिप्रेशन जैसी कई बीमारियां हो सकती हैं.'

इतनी बात सुनने के बाद कई लोग ऐसे भी होंगे जो हमें ब्लेम करेंगे कि मर्दों के पीछे पड़ी रहती हो. हम ये नहीं कह रहे कि अब्यूसिव रिलेशनशिप में सिर्फ लड़कों का हाथ होता है. हमारे एक मेल कलीग हैं जिनके फोन की घंटी बजते ही उनके माथे से पसीना छूटने लगता है. मैंने कई बार नोटिस किया फिर उनसे पूछा बात क्या है तो उन्होंने बताया कि उनकी पार्टनर को ऐसा लगता है कि फोन ना उठाकर वो उसे इग्नोर कर रहे हैं. इसलिए उन्हें किसी भी हालत में फोन रिसीव करना ही पड़ता है. मैं उनके पार्टनर को तो नहीं समझा पाई लेकिन अपने कलीग से बात कर उनकी परेशानी सुनी और उसे अपने स्तर से हल करने की कोशिश की फिलहाल अगर आप अपने सामने किसी को ऐसे रिश्ते में देखते हैं, और उन्हें समझाना चाहते हैं, तब आप क्या करें?

‘सबसे पहले ऐसे लोगों की मनोस्थिति समझें. ये पता लगाएं कि वो बात करने की स्थिति में हैं भी या नहीं. उनसे बॉन्डिंग बढ़ाएं. अगर वो डिप्रेशन जैसी स्थिति में हैं तो डॉक्टर के पास जाएं.’

हमें उम्मीद है कि अब्यूसिव रिलेशनशिप का तिया-पांचा आप समझ गए होंगे. किसी ऐसे रिश्ते को झेलना जिसमें आपको इस बात का भी अंदाजा न हो कि आपका पार्टनर आप पर कब हाथ छोड़ देगा, आप अपने पार्टनर के प्रेम से ज्यादा उसके डर में रहें तो सोचिए ये कितना खतरनाक है.

एक्ट्रेस ने ‘अर्जुन रेड्डी’ के हीरो के सामने बैठकर उसे खराब फिल्म बोला था, अब हीरो का जवाब आया है

Comments
thumbnail

Advertisement

Advertisement