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सर्जरी की वजह बन सकती है एसिडिटी, जानें कब और क्यों?

अगर बार-बार सीने में जलन हो रही है तो इसका मतलब पेट में ज़्यादा एसिड बन रहा है. अगर ये एसिड बार-बार ऊपर आता है तो इससे कई तरह की समस्याएं हो सकती हैं. जैसे हमारे खाने की नली पतली हो जाती है. इससे हम जो खाना खाते हैं, वो अटक सकता है. खून की उल्टी भी हो सकती है.

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acidity caues symptoms reatment and diagnosis
एसिडिटी को हल्के में बिल्कुल न लें
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सरवत
9 जुलाई 2024 (Published: 16:09 IST)
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हमारी लाइफस्टाइल आजकल इतनी खराब हो गई है कि खाने-पीने का कोई टाइम ही नहीं रह गया है. देर रात खाना खाते हैं. वो भी तला-भुना. मसालों में लिपटा हुआ. और फिर तुरंत ही सोने चले जाते हैं. लेटते ही भयंकर एसिडिटी महसूस होती है. खट्टी डकारें आती हैं. सीने में दर्द और जलन होती है. दिक्कत भले बढ़ जाए, लेकिन हम डॉक्टर के पास नहीं जाते. घर पर ही ठीक होने की कोशिशें करते हैं. घरेलू उपचार अपनाते हैं. मेडिकल स्टोर से दवाएं ले आते हैं. एंटासिड खाते रहते हैं. फिर भी आराम नहीं मिलता.

आपको पता है, अगर आप सही समय पर एसिडिटी का इलाज डॉक्टर से नहीं लेते हैं तो सर्जरी करवाने की नौबत तक आ सकती है. इसलिए, इसे हल्के में मत लीजिए. आज डॉक्टर से जानेंगे कि सीने में दर्द और जलन किन वजहों से होती है, सही समय पर इलाज न किया तो क्या समस्याएं हो सकती हैं और ये रिस्क सीरियस कब और क्यों बन जाता है. साथ ही जानेंगे बचाव और इलाज के तरीके. 

सीने में दर्द, जलन किन वजहों से होती है?

ये हमें बताया डॉक्टर मंगेश बोरकर ने.

Doctor Mangesh Borkar
डॉ. मंगेश बोरकर, कंसल्टेंट, गैस्ट्रोएंटरोलॉजी, मणिपाल हॉस्पिटल, पुणे

हमारे जीआई ट्रैक्ट का पहला अंग खाने की नली होता है, जिसे एसोफैगस कहते हैं. जीआई ट्रैक्ट में वो हिस्से आते हैं जो खाना निगलते, पचाते, सोखते और बाहर निकालते हैं. इसके नीचे हमारा पेट और फिर छोटी आंत होती है. हमारे खाने की नली और पेट के बीच में एक वॉल्व होता है. इसे लोअर एसोफैगल स्फिंक्टर कहते हैं. हमारे पेट में एसिड पैदा होता है. अगर हमारा वॉल्व ढीला है या हाइटस हर्निया (Hiatus Hernia) है. तब ये एसिड ऊपर आने लगता है. अगर ये बार-बार या ज़्यादा मात्रा में ऊपर आए तो इससे हमें सीने में जलन महसूस हो सकती है. कुछ कारणों से एसिड ज़्यादा पैदा होता है, जैसे ज़्यादा स्ट्रेस, कोई इंफेक्शन, खासतौर से हेलिकोबैक्टर पाइलोरी बैक्टीरिया इंफेक्शन और अल्सर. 

अगर इलाज न हो तो कैसी समस्याएं आ सकती हैं?

अगर बार-बार सीने में जलन हो रही है तो इसका मतलब पेट में ज़्यादा एसिड बन रहा है. अगर ये एसिड बार-बार ऊपर आता है तो इससे कई तरह की समस्याएं हो सकती हैं. जैसे हमारे खाने की नली पतली हो जाती है. इससे हम जो खाना खाते हैं, वो अटक सकता है. खून की उल्टी भी हो सकती है. ऐसा इसलिए क्योंकि एसिड की वजह से एसोफैगस को नुकसान पहुंचता है. इसे एसोफैगिटिस कहते हैं. व्यक्ति को अल्सर भी हो सकता है.

Food Pipe Issue
अगर खाना निगलने में दिक्कत हो रही, तब ये सीरियस हो सकता है (सांकेतिक तस्वीर)
ये रिस्क सीरियस कब और क्यों बन सकता है?

- अगर मरीज़ को हमेशा उल्टी महसूस होती है और उल्टी में खून आता है, तब ये एक गंभीर दिक्कत बन जाती है.

- अगर मरीज़ को खाना निगलने या पानी पीने में तकलीफ हो रही है तो इसका मतलब एसिड बार-बार ऊपर आने से खाने की नली काफी पतली हो गई है और ये एक गंभीर स्थिति है.

बचाव और इलाज

इसका इलाज तीन हिस्सों में बांटा जा सकता है. सबसे पहला लाइफस्टाइल में बदलाव है. इसमें मरीज़ को स्ट्रेस कम लेने के लिए कहा जाता है. दूसरा, खाना खाने के दो घंटे बाद तक न लेटें. हर थोड़ी देर में थोड़ा-थोड़ा खाने की सलाह दी जाती है. मसालेदार खाना, जंक फूड और मैदा जैसी चीज़ों से परहेज़ करें. फिर दवाइयों से इलाज होता है. जैसे प्रोटॉन पंप इनहिबिटर्स.

आखिर में एंडोस्कोपी और सर्जरी से इलाज किया जाता है. इसमें हमारे खाने की नली और पेट के बीच में जो वॉल्व होता है, उसे एंडोस्कोपिक सर्जरी से कसा जा सकता है. GERDX नाम के सिस्टम का इस्तेमाल होता है. इसके ज़रिए वॉल्व को टाइट करके एसिड को ऊपर आने से रोक सकते हैं. अगर इससे भी ठीक न हो तो लेप्रोस्कोपिक सर्जरी से वॉल्व टाइट किया जाता है. हालांकि इनमें सबसे ज़रूरी लाइफस्टाइल में बदलाव है.

अगर आपके सीने में बार-बार जलन होती है. और, आप तला-भुना मसालेदार खाना बहुत खाते हैं. तो, सबसे पहले तो अपने खान-पान में बदलाव करिए. अगर फिर भी दिक्कत बरकरार रहती है तो डॉक्टर को ज़रूर दिखाएं. नहीं तो ये गंभीर बीमारी का रूप ले सकता है.

(यहां बताई गई बातें, इलाज के तरीके और खुराक की जो सलाह दी जाती है, वो विशेषज्ञों के अनुभव पर आधारित है. किसी भी सलाह को अमल में लाने से पहले अपने डॉक्टर से जरूर पूछें. दी लल्लनटॉप आपको अपने आप दवाइयां लेने की सलाह नहीं देता.)

वीडियो: सेहत: गर्मियों में बार-बार यूरिन इंफेक्शन क्यों होता है?

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