मुंबई के एक स्पेशल पॉक्सो कोर्ट ने एक आदमी को नाबालिग लड़की से शादी करने औरशारीरिक संबंध बनाने के आरोप में दस साल की सज़ा सुनाई है. हालांकि दोषी व्यक्ति कादावा था कि लड़की और उसके बीच पहले से प्रेम संबंध था. उसका ये भी कहना था कि उसे इसबात का पता नहीं था कि लड़की नाबालिग है. इसके बाद भी कोर्ट ने उसे पॉक्सो एक्ट केतहत सजा सुनाई. इसकी वजह आगे बताएंगे, पहले मामला जान लीजिए.8 साल पहले हुई थी शादीमामला मुंबई के कुरार इलाके का है. पीड़िता के पिता ने 19 अप्रैल 2014 को स्थानीयपुलिस स्टेशन में उसके गायब होने की रिपोर्ट लिखवाई थी. बताया कि 14 अप्रैल 2014को बेटी जल्द लौटने का वादा करके बाहर गई थी, लेकिन नहीं लौटी. शिकायत के बाद कुरारथाने के सब-इन्स्पेक्टर जगदीश गवीत ने मामले की छानबीन शुरू की. उन्होंने पुणे मेंआरोपी को ट्रैक किया और निगड़ी पुलिस स्टेशन की मदद से उसे पकड़ा. उस वक़्त लड़कीउसके साथ थी. पुलिस ने उसकी मेडिकल जांच करवाई. पता चला आरोपी ने लड़की के साथशारीरिक संबंध बनाए थे.कुरार पुलिस स्टेशन जहां मामले की शिकायत दर्ज हुई.जांच के बाद कोर्ट में सबमिट की गई चार्जशीट में आरोपी पर भारतीय दंड संहिता कीधारा 363 (अपहरण), 376 (बलात्कार) के अलावा POCSO अधिनियम की धारा 4 (नाबालिग केसाथ यौन शोषण) लगाई गई थी.आरोपी ने प्रेम संबंध का दावा किया इंडिया टुडे से जुड़ीं विद्या की रिपोर्ट के मुताबिक केस की सुनवाई के दौरान आरोपीने दावा किया था कि लड़की खुद उसके पास आई थी. उसके मुताबिक लड़की ने उससे कहा था किउसके घरवाले उसे प्रताड़ित करते हैं. आरोप ने ये भी कहा कि लड़की ने ही उससे कहा थाकि उसने (आरोपी) उससे शादी नहीं की तो वो आत्महत्या कर लेगी. आरोपी के मुताबिक इसपर उसने लड़की से पूछा था कि क्या वो बालिग है, तो लड़की ने अपनी उम्र 18 साल सेअधिक बताई थी.इसके बाद आरोपी उसे आजमगढ़ (उत्तर प्रदेश) स्थित अपने घर ले गया. वहां उन्होंने पहले1 जुलाई 2014 को कोर्ट मैरिज की. इसके बाद उन्होंने मंदिर में हिंदू रीति-रिवाजोंके साथ शादी की. आरोपी ने शादी के दस्तावेज़ सहित उसकी रिकॉर्डिंग भी कोर्ट में पेशकी थी. उसने कहा कि न तो लड़की का अपहरण किया गया न ही उसके साथ रेप हुआ. आरोपी केमुताबिक ये सब उसने लड़की की जान बचाने के लिए किया.यही नहीं, लड़की ने भी कोर्ट की सुनवाई के दौरान बताया कि उसने आरोपी के साथ शादी कीथी. उसने माना कि वो आरोपी को पहले से जानती थी और उससे स्कूल के एक ट्रिप पर मिलीथी. इसके बाद आरोपी कई बार उसके इलाके में आया था. इस दौरान दोनों में प्रेम संबंधबन गया. हालांकि लड़की और उसके पिता दोनों ने कोर्ट को ये भी बताया कि 2014 में लड़कीकी उम्र 13 वर्ष थी. तब वो स्कूल में आठवीं क्लास में पढ़ती थी. (सांकेतिक फोटो)कोर्ट ने क्या कहा?सुनवाई के बाद पॉक्सो कोर्ट जज डीडी कोचे ने भी कहा कि कोई भी सबूत ये साबित नहींकरता कि लड़की को कोई जबरन उसके घर से उठा ले गया था. लड़की ने खुद बताया कि उसनेअपनी मर्ज़ी से घर छोड़ा था. वो जानती थी कि वो कहां और किसके साथ जा रही है. इसलिएआरोपी पर किडनैपिंग के चार्ज नहीं लग सकते.लेकिन कोर्ट ने ये भी कहा कि आरोपी ने लड़की की उम्र की पड़ताल नहीं की. उसनेजल्दबाज़ी में उससे शादी की और एक नाबालिग के साथ शारीरिक संबंध बनाए. साल 2014 मेंहुई गिरफ़्तारी के बाद आरोपी लगातार जेल में रहा. कोर्ट की सुनवाई पूरी ना होने केकारण उसे बेल नहीं मिली. इन सब बातों को ध्यान में रखते हुए जज डीडी कोचे ने कहा,"आरोपी की उम्र 30-32 साल से अधिक नहीं है. उसने अपनी युवा आयु जेल में बितादी. उसे पॉक्सो एक्ट के सेक्शन 6 के तहत सज़ा सुनाई जा सकती है जो कि न्यूनतम 10 सालकी कैद है." भारतीय दंड संहिता में रेप के लिए धारा 376 है. बलात्कार के अपराधी कोइसी धारा के तहत सजा दी जाती है. लेकिन अगर रेप पीड़िता कोई नाबालिग हो, तो उसकेसाथ एक और धारा बढ़ जाती है. उसे रेप के अलावा पॉक्सो एक्ट के तहत भी सजा दी जातीहै. अगर कोई नाबालिग लड़की अपनी इच्छा से भी शारीरिक संबंध बनाती है तो भी संबंधबनाने वाले पर रेप के आरोप ही लागू होंगे. और वो पॉक्सो एक्ट के सेक्शन 6 के तहतआरोपी होगा.