कश्मीर पर पाकिस्तानी हमले की वजह से इस विलय से जुड़ी बाकी चीजें मुकम्मल होने मेंदेरी हुई. उधर कश्मीर को लेकर संघर्ष चल रहा था, इधर भारत का संविधान बन रहा था.ऐसे में ज़रूरत महसूस की गई कि संविधान में एक ऐसी व्यवस्था की जाए, जो भारत औरजम्मू-कश्मीर के रिश्तों में ट्रांजिशन का इंतज़ाम देखे. ये एक अंतरिम व्यवस्थाहोनी थी. तब तक, जब तक कि भारत के साथ अपने रिश्तों के स्वभाव को तय करने के लिएजम्मू-कश्मीर में एक कॉन्स्टिट्यूऐंट असेंबली चुन नहीं ली जाती. यही व्यवस्था थी,जिसने जम्मू-कश्मीर को एक विशेष दर्ज़ा दिया.