अतीक के मर्डर में यूज हुई इंडिया में बैन 7 लाख की जिगाना पिस्टल, शूटर्स को कैसे मिली?
तुर्की में बनने वाली इस पिस्टल में एक साथ 15 गोलियां लोड होती हैं.
अतीक अहमद और अशरफ हत्याकांड (Atiq Ahmed Ashraf Murder) दसियों कैमरों पर कई एंगल से कैद हुआ. महज 40 सेकेंड और 18 राउंड फायरिंग के बाद मौके पर पुलिस के सामने थीं अतीक और अशरफ की लाशें, तीन शूटर्स और उनकी बंदूकें. इस हत्याकांड में यूज की गई इन बंदूकों को लेकर अब नई जानकारियां सामने आई हैं.
दरअसल, शूटर्स ने जो पिस्टल यूज की वो तुर्की में बनने वाली जिगाना पिस्टल (ZIGANA PISTOL) हैं. मीडिया रिपोर्ट्स के मुताबिक, ये गन मलेशिया और तुर्की साथ मिलकर बनाते हैं. जिगाना पिस्टल भारत में बैन है. इसे गैरकानूनी तरीके से बॉर्डर क्रॉस कर भारत लाया जाता है. कई रिपोर्ट्स के मुताबिक, ये पाकिस्तान से ड्रोन के जरिए भारत लाई जाती है. इसकी कीमत करीब 5 से 7 लाख रुपए बताई जाती है.
इस पिस्टल की खासियत यह है कि इसमें एक बार में 15 गोलियां लोड होती हैं. अतीक अहमद हत्याकांड में दनादन फायरिंग का यही कारण था. खबरों के मुताबिक, इस पिस्टल को आधिकारिक तौर पर मलेशियाई सेना, अज़रबैजान सशस्त्र बल, फिलीपींंस राष्ट्रीय पुलिस और यूएस कोस्ट गार्ड इस्तेमाल करते हैं.
शूटर्स को कैसे मिली 7 लाख की गन?अब पुलिस के सामने सबसे बड़ा सवाल यही है कि इतनी आधुनिक और महंगी बंदूकें लवलेश, अरुण और सनी जैसे शूटर्स के पास कैसे आईं. पुलिस इसपर तीनों आरोपियों से पूछताछ कर रही है. इधर, पता चला है कि तीनों आरोपियों की लंबी क्रिमिनल हिस्ट्री है. एक आरोपी पर तो GRP पुलिसकर्मी की हत्या का आरोप है. पुलिस के मुताबिक, आरोपियों ने पूछताछ में बताया है कि उन्होंने बड़ा माफिया बनने के लिए इस हत्याकांड को अंजाम दिया है. हालांकि, पुलिस उनके बयानों पर यकीन नहीं कर रही है. पुलिस ने कहा है कि उनके बयानों में विरोधाभास है.
इससे पहले, 15 अप्रैल को अतीक अहमद और उसके भाई अशरफ की गोली मारकर हत्या कर दी गई. तीन आरोपी लवलेश, अरुण और सनी पत्रकार बनकर मौके पर पहुंचे थे. फिलहाल तीनों आरोपी पुलिस कस्टडी में हैं. उत्तर प्रदेश के मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ ने हत्याकांड की जांच के लिए 3 सदस्यीय न्यायिक आयोग का गठन किया है. पूरे उत्तर प्रदेश में धारा 144 लागू कर दी गई है.
वीडियो: अतीक और अशरफ की हत्या करने वाले शूटर्स ने क्या प्लान बनाया था?