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यूट्यूबर मनीष कश्यप 9 महीने बाद जेल से बाहर आए, फेक न्यूज मामले में अंदर पहुंचे थे

जेल से निकलने के बाद मनीष कश्यप ने कहा कि वो बिहार को बदलना चाहते हैं.

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youtuber manish kashyap released after nine months in prison beur jail targets bihar govt
मनीष कश्यप ने जेल से निकलते ही कहा- ये सजा कोर्ट ने नहीं नेताओं ने दी (फोटो- आजतक)
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ज्योति जोशी
23 दिसंबर 2023 (Published: 15:01 IST)
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फेक न्यूज मामले में गिरफ्तार हुए यूट्यूबर मनीष कश्यप (Manish Kashyap) नौ महीने बाद जेल से बाहर आए हैं. पटना हाई कोर्ट से उन्हें सशर्त जमानत मिली थी. बेऊर जेल से निकलने के बाद उनके समर्थकों ने उनका स्वागत किया. जेल से निकलने के बाद कश्यप ने बिहार सरकार पर निशाना साधा. उन्होंने कहा कि कंस की साजिश के चलते कृष्ण नौ महीने जेल में रहे, वैसे ही बिहार में भी कई कंस हैं जिन्होंने उनके खिलाफ साजिश रची. 

जेल से निकलते ही मनीष कश्यप ने राजनीति में एंट्री को लेकर भी बयान दिया है. उन्होंने कहा कि वो बिहार को बदलना चाहते हैं. आज तक से जुड़े सुजीत कुमार के साथ उन्होंने बात की. बताया,

“मेरे खिलाफ साजिश की गई थी जिसके चलते मैं नौ महीने जेल में रहा. जब कंस ने साजिश रची तब कृष्ण जेल में रहे. वैसे ही बिहार में कई कंस हैं जिन्होंने मेरे खिलाफ साजिश की थी. ये सजा कोर्ट ने नहीं, नेताओं ने दी. 1980 के बाद से कभी किसी पत्रकार या यूट्यूबर या सोशल वर्कर पर कभी NSA नहीं लगा. मेरे ऊपर लगाया गया. कोर्ट ने कहा कि ये गलत तरह से लगाया गया है. कोर्ट ने NSA हटा दिया.”

उन्होंने आगे कहा,

“ये लोग जो यहां इकट्ठा हुए हैं इन्हें सरकार से नहीं मनीष कश्यप से उम्मीद है.”

मनीष कश्यप से जब पूछा गया कि वो अब आगे क्या करना चाहते हैं. उन्होंने इस पर जवाब दिया, 

“जो भाग्य में होगा वो करूंगा. मैं बिहार को बदलना चाहता हूं. जो लोग बिहार को बदलना चाहते हैं उनके साथ काम करना चाहता हूं. चाहे नेता हो, चाहे पत्रकार हो, अफसर हो या चाहे कोई मजदूर-गरीब हो. हम सब मिलकर बिहार को बदलेंगे.”

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मनीष कश्यप पर बिहार के प्रवासी मजदूरों पर हमले और पिटाई के फेक वीडियो वायरल करने के आरोप लगे थे. इस आरोप के लिए उनके खिलाफ बिहार पुलिस और तमिलनाडु पुलिस ने केस दर्ज किया था. कई दिन फरार रहने के बाद उन्होंने 18 मार्च 2023 को सरेंडर कर दिया था. पहले बिहार पुलिस ने पूछताछ की. फिर तमिलनाडु पुलिस ने मनीष की कस्टडी ले ली. 3 अप्रैल को मदुरै की कोर्ट ने मनीष को न्यायिक हिरासत में जेल भेज दिया. तमिलनाडु पुलिस ने बाद में उसके खिलाफ राष्ट्रीय सुरक्षा कानून (NSA) के तहत भी मामला दर्ज किया था.

हालांकि पिछले महीने मदुरै कोर्ट ने NSA की धाराएं हटा दी थी. अगस्त में उनके खिलाफ एक मामले में पेशी के लिए उन्हें तमिलनाडु से बिहार लाया था. तब से वे बेऊर जेल में थे. नौ महीने बाद 23 दिसंबर की दोपहर को करीब 12 बजे जब वो जेल से बाहर निकले तो समर्थकों ने फूल-माला पहना कर उनका स्वागत किया.

जब सुप्रीम कोर्ट में NSA हटाने को लेकर सुनवाई हुई थी तो बिहार सरकार ने कहा था कि मनीष कश्यप एक आदतन अपराधी है. सरकार का कहना था कि उन पर उगाही के भी मामले हैं. इतना ही नहीं, उनके खिलाफ हत्या के प्रयास का भी केस दर्ज किया गया था.

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