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अब विनेश फोगाट ने वापस किए अपने अवॉर्ड, PM मोदी को लिखा- 'बस 5 मिनट उस आदमी के...'

पीएम मोदी के नाम इस पत्र में विनेश फोगाट ने लिखा है कि उन्हें मिले मेजर ध्यानचंद खेल रत्न और अर्जुन अवॉर्ड का अब उनकी जिंदगी में कोई मतलब नहीं रह गया है.

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Wrestler Vinesh Phogat open letter to PM Modi
विनेश फोगाट ने भी अवॉर्ड वापस करने का ऐलान किया है. (फाइल फोटो: PTI)
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सुरभि गुप्ता
26 दिसंबर 2023 (Updated: 26 दिसंबर 2023, 24:03 IST)
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पहलवान बजरंग पूनिया के बाद अब विनेश फोगाट (Vinesh Phogat) ने भी अपने अवॉर्ड लौटाने का ऐलान किया है. उन्होंने कहा है कि वह अपना मेजर ध्यानचंद खेल रत्न और अर्जुन अवॉर्ड वापस कर रही हैं. बजरंग पूनिया की तरह ही विनेश फोगाट ने भी प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के नाम खत जारी किया है. इसमें उन्होंने PM मोदी से BJP सांसद बृजभूषण शरण सिंह के मीडिया को दिए बयान सुनने की अपील की है.

पत्र में विनेश फोगाट ने लिखा है कि उन्हें मिले मेजर ध्यानचंद खेल रत्न और अर्जुन अवॉर्ड का अब उनकी जिंदगी में कोई मतलब नहीं रह गया है. कॉमनवेल्थ और एशियाई खेलों में गोल्ड पदक जीतने वाली विनेश ने लिखा कि हर महिला सम्मान से जिंदगी जीना चाहती है, इसलिए वो अपना अवॉर्ड वापस करना चाहती हैं ताकि सम्मान से जीने की राह में ये अवॉर्ड उनके ऊपर बोझ न बन सकें.

ये भी पढ़ें- साक्षी मलिक का कुश्ती से संन्यास, रोते हुए बताई फैसले की वजह

विनेश बोलीं- 'इस हालत में पहुंचाने के लिए…'

विनेश फोगाट ने अपने अवॉर्ड वापस करने की जानकारी देते हुए X पर लिखा,

"मैं अपना मेजर ध्यानचंद खेल रत्न और अर्जुन अवार्ड वापस कर रही हूं. इस हालत में पहुंचाने के लिए ताकतवर का बहुत-बहुत धन्यवाद"

वहीं PM मोदी के नाम खत में उन्होंने साक्षी मलिक के संन्यास और बजरंग पूनिया के पद्मश्री लौटाने का जिक्र करते हुए लिखा,

"साक्षी मलिक ने कुश्ती छोड़ दी है और बजरंग पूनिया ने अपना पद्मश्री लौटा दिया है. देश के लिए ओलंपिक मेडल जीतने वाले खिलाड़यों को ये सब करने के लिए मजबूर होना पड़ा, यह सब सारे देश को पता है और आप तो देश के मुखिया हैं तो आप तक भी ये मामला पहुंचा होगा. प्रधानमंत्री जी, मैं आपके घर की बेटी विनेश फोगाट हूं और पिछले एक साल से जिस हाल में हूं ये बताने के लिए आपको पत्र लिख रही हूं."

PM से कहा- 'सिर्फ 5 मिनट उस आदमी के बयान सुन लीजिए'

विनेश फोगाट ने बृजभूषण शरण सिंह के बारे में बताते हुए लिखा,

"कुश्ती की महिला पहलवानों ने पिछले कुछ सालों में जो कुछ भोगा है, उससे समझ आता ही होगा कि हम कितना घुट-घुट कर जी रही हैं. जो शोषणकर्ता है उसने भी अपना दबदबा रहने की मुनादी कर दी है, बल्कि बहुत भौंडे तरीके से नारे भी लगवाए हैं. आप अपनी जिंदगी के सिर्फ 5 मिनट निकालकर उस आदमी के मीडिया में दिए गए बयानों को सुन लीजिए, आपको पता लग जाएगा कि उसने क्या-क्या किया है."

विनेश ने आगे लिखा,

"उसने (बृजभूषण शरण सिंह) महिला पहलवानों को मंथरा बताया है, महिला पहलवानों को असहज कर देने की बात सरेआम टीवी पर कबूली है और हम महिला खिलाड़ियों को जलील करने का एक मौका भी नहीं छोड़ा है. उससे ज्यादा गंभीर ये है कि उसने कितनी ही महिला पहलवानों को पीछे हटने पर मजबूर कर दिया है. ये बहुत भयावह है."

बीती 21 दिसंबर को संजय सिंह के WFI का अध्यक्ष चुने जाने के बाद बृजभूषण शरण सिंह और साथ में उनके खेमे के अन्य लोगों ने ‘दबदबा है, दबदबा रहेगा’ का नारा लगाया था. बृजभूषण शरण सिंह के समर्थक ऐसे ही पोस्टर लहराते नज़र आए थे. उसी दिन साक्षी मलिक ने कुश्ती से संन्यास का ऐलान कर दिया था. अगले दिन, 22 दिसंबर को बजरंग पूनिया ने अपना पद्मश्री लौटाने का ऐलान किया. उन्होंने प्रधानमंत्री आवास के सामने फुटपाथ पर अपना मेडल रख दिया था.

सस्पेंड हो चुकी है WFI की नई कार्यकारिणी

हालांकि कुश्ती संघ की 21 दिसंबर को चुनी गई कार्यकारिणी को केंद्रीय खेल मंत्रालय ने अगले आदेश तक निलंबित कर दिया. इसमें WFI के नए अध्यक्ष संजय सिंह भी निलंबित हुए. इस निलंबन की वजह WFI के नवनिर्वाचित कार्यकारी निकाय द्वारा नियम के खिलाफ लिए गए फैसलों को बताया गया.

दरअसल, नवनिर्वाचित कुश्ती संघ ने जूनियर नेशनल चैंपियनशिप की घोषणा की थी. इस टूर्नामेंट का आयोजन 28 दिसंबर से यूपी के गोंडा में होना था. खेल मंत्रालय ने अपने आदेश में कहा कि नेशनल चैंपियनशिप का ऐलान जल्दबाजी में किया गया और उसके लिए सही प्रक्रिया का पालन भी नहीं हुआ. मंत्रालय के मुताबिक, इस तरह की प्रतियोगिता से पहले कम से कम 15 दिन का नोटिस देना जरूरी होता है, ताकि पहलवान इसके लिए तैयारी कर सकें. 

मंत्रालय ने ये भी कहा कि ये फैसले WFI के प्रावधानों और नेशनल स्पोर्ट्स डेवलेपमेंट कोड का उल्लंघन हैं. इन फैसलों से नए अध्यक्ष की मनमानी दिखाई देती है, जो सिद्धांतों के खिलाफ है और इसमें पारदर्शिता नहीं है. ये भी कहा गया कि नवनिर्वाचित कार्यकारिणी पर पूरी तरह से पुराने पदाधिकारियों का ही कंट्रोल है. कुश्ती संघ का काम पुराने पदाधिकारियों के परिसरों से चल रहा है. इसमें वे परिसर भी शामिल हैं, जहां महिला पहलवानों के साथ यौन उत्पीड़न होने की बात कही गई है.

ये भी पढ़ें- बृजभूषण ने कही, संजय सिंह ने मानी, वो फैसला जिसने कुश्ती संघ को सस्पेंड करवा दिया!

वीडियो: दी लल्लनटॉप शो: WFI के सस्पेंशन की पूरी कहानी, बृजभूषण सिंह पर क्या पता चला?

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