संसद के विशेष सत्र के दूसरे दिन लोकसभा में महिला आरक्षण बिल (Women reservationbill) पेश कर दिया गया. इसे ‘नारी शक्ति वंदन विधेयक' भी कहा जा रहा है. नए संसदभवन में शुरू हुई कार्यवाही के दौरान इस बिल को लाया गया. संसद और राज्य विधानसभाओंमें महिलाओं के लिए 33 फीसदी आरक्षण के लिए ये प्रावधान किया जा रहा है. केंद्रीयकानून मंत्री अर्जुन राम मेघवाल ने इसके लिए संविधान संशोधन (128वां) विधेयक 2023पेश किया. इस बिल पर 20 सितंबर को बहस होगी.जानिए इस बिल में क्या प्रावधान हैं: 1. लोकसभा और राज्य विधानसभा में महिलाओं के लिए 33 फीसदी आरक्षण.2. महिला आरक्षण की समय सीमा 15 साल होगी. संसद में संशोधन के जरिये इस आरक्षण कोबढ़ाया जा सकेगा.3. लोकसभा और राज्य विधानसभाओं में अनुसूचित जाति और अनुसूचित जनजाति के लिए सीटेंआरक्षित हैं. अब इन आरक्षित सीटों में एक तिहाई एससी-एसटी महिलाओं के लिए रिजर्वहोगा.हालांकि इस बिल के क्लॉज-5(3) में ये भी लिखा है कि संसद या विधानसभा में महिलाआरक्षण तब प्रभावी होगा, जब तक परिसीमन की प्रक्रिया पूरी नहीं होगी. यानी साल 2024के चुनाव में महिला आरक्षण लागू होगा या नहीं, ये अभी स्पष्ट नहीं है. इसलिए कईविपक्षी दल इस बिल को लेकर सरकार की नीयत पर सवाल उठा रहे हैं.महिला आरक्षण बिल 27 साल से लोकसभा में अटका हुआ है. इसे सबसे पहले सितंबर 1996 मेंएचडी देवगौड़ा की सरकार के दौरान पेश किया गया था. इसके बाद अटल बिहारी वाजपेयीसरकार के दौरान भी ये बिल कई बार लोकसभा में पेश हुआ लेकिन पारित नहीं हो सका.कांग्रेस के नेतृत्व वाली UPA सरकार के दौरान मार्च 2010 में ये बिल राज्यसभा मेंपास भी हो गया था. लेकिन लोकसभा में इस पर बहस भी नहीं हो सकी थी. अब एक बार फिरमहिला आरक्षण का मुद्दा जोर पकड़ गया है.'महिला सांसदों की संख्या 181 हो जाएगी'केंद्रीय मंत्री अर्जुन राम मेघवाल ने बिल पेश करते हुए बताया कि अभी लोकसभा मेंमहिला सांसदों की संख्या 82 है, कानून बनने के बाद ये संख्या 181 हो जाएगी.उन्होंने कहा कि कांग्रेस सरकार ने जानबूझकर इसे लोकसभा से पास नहीं कराया. अर्जुनराम मेघवाल ने बिल पेश करने के दौरान देश के पहले कानून मंत्री डॉ भीम राव आंबेडकरका भी जिक्र किया. उन्होंने बताया, “बाबासाहेब से किसी ने पूछा था कि आप किसी समाज के उत्थान की प्रगति कैसे नापते हो.उन्होंने कहा कि महिलाएं अगर किसी देश में प्रगति कर रही हैं तो मैं समझता हूं किवो समाज प्रगति कर रहा है.”इस बिल को राज्यसभा में भी पेश किया जाएगा. इसके बाद ये कानून की शक्ल लेगा.इससे पहले प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने बिल के बारे में जानकारी देते हुए कहा थाकि महिलाओं को अधिकार देने और उनकी शक्ति का उपयोग करने के इस पवित्र काम के लिएशायद ईश्वर ने उन्हें चुना है. उन्होंने कहा कि आज 19 सितंबर की ये तारीख इसलिएइतिहास में अमरत्व को प्राप्त करने जा रही है.