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जिस लाश का कोई नहीं उसकी पूजा शर्मा है, BBC की प्रभावशाली महिलाओं की लिस्ट में शामिल

कांग्रेस विधायक और पूर्व ओलंपियन विनेश फोगाट और सामाजिक कार्यकर्ता अरुणा राय के अलावा दिल्ली की पूजा शर्मा ने इस लिस्ट में अपनी जगह बनाई है. पूजा जो काम करती हैं, उसे करने से बहुत सारे लोग कतराते हैं.

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pooja sharma included in bbc influential list has done last rites of more than thousand people
बीबीसी की प्रभावशाली महिलाओं की सूची में जगह बनाने वाली पूजा शर्मा कौन हैं?(तस्वीर:पूजा शर्मा का इंस्टाग्राम)
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शुभम सिंह
4 दिसंबर 2024 (Published: 20:01 IST)
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बीबीसी ने साल 2024 के लिए ‘दुनिया की 100 प्रभावशाली महिलाओं’ की सूची जारी कर दी है. इसमें तीन भारतीय महिलाओं को जगह मिली है. इनमें से दो हैं पूर्व ओलंपियन विनेश फोगाट और सामाजिक कार्यकर्ता अरुणा राय. दुनियाभर में इन्हें खूब प्रसिद्धि मिली है. लेकिन तीसरा नाम इनकी तरह बहुत ज्यादा चर्चा में नहीं रहा है. दिल्ली की पूजा शर्मा ने भी इस लिस्ट में जगह बनाई है. वो जो काम करती हैं, उसे करने से बहुत सारे लोग कतराते हैं.

‘खुद का सहारा छिना तो बनीं बेसहारों का सहारा’

7 जुलाई, 1996 को दिल्ली के एक मिडिल क्लास परिवार में पूजा शर्मा का जन्म हुआ था. जीवन बाकी लोगों की तरह ही सामान्य चल रहा था कि 13 मार्च, 2022 को हुई एक घटना ने उनको अंदर से झकझोर कर रख दिया. बड़े भाई रामेश्वर की दिल्ली के शाहदरा में पूजा के घर के ही पास रोड रेज में हत्या कर दी गई. पूजा के पिता बेटे की हत्या की खबर मिलते ही बेहोश होकर गिर पड़े. इसके बाद जो हुआ, उसी से पूजा शर्मा के बीबीसी की प्रभावशाली महिलाओं की सूची में आने की कहानी शुरू हुई.

हिंदू रीति-रिवाज में आमतौर पर महिलाएं अंतिम संस्कार नहीं करतीं, लेकिन पूजा के पास कोई विकल्प नहीं था. उन्होंने अपने भाई का अंतिम संस्कार किया. ब्रिटिश अखबार ‘द गार्डियन’ ने पूजा से बातचीत की थी. उन्होंने बताया था कि जिस दिन उन्होंने अपने भाई का अंतिम संस्कार किया, तभी अपने दुःख से इतना उबर गईं कि उन्होंने उसकी राख को अपने चेहरे और बालों पर लगा लिया. उस दिन के बाद से उन्होंने अपने लिए एक अलग रास्ता चुना. पूजा एक सरकारी अस्पताल में HIV काउंसल के रूप में काम करती थी. लेकिन उन्होंने अपनी नौकरी छोड़ दी. पिछले तीन सालों से वो गुमनाम शवों का अंतिम संस्कार कर रही हैं.

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काम का हुआ विरोध, लेकिन अपने रास्ते से भटकी नहीं

बीबीसी ने अपनी रिपोर्ट में लिखा है कि पूजा शर्मा ने जब ये काम शुरू किया तो उन्हें पुजारियों समेत अन्य लोगों का विरोध झेलना पड़ा था. लेकिन तमाम विरोधों के बाद भी पूजा ने अपने काम से मुंह नहीं मोड़ा. रिपोर्ट के मुताबिक, वो अब तक अलग-अलग धर्मों के चार हज़ार से अधिक लोगों का अंतिम संस्कार करा चुकी हैं.

पूजा ने निश्चय किया कि वो उन लोगों के लिए हमेशा तत्परता से खड़ी रहेंगी जिनका कोई नहीं होता. पूजा पुलिस और हॉस्पिटल से मिले गुमनाम शवों का भी अंतिम संस्कार करती हैं. इन शवों की अस्थियों को हर महीने की अमावस्या को हरिद्वार में बहाने ले जाती हैं. पूजा इन शवों का पिंडदान भी करती हैं.

पूजा ने ‘Bright The Soul Foundation’ नाम से एक गैर सरकारी संस्था (NGO) की स्थापना की. यह संस्था वंचित समुदायों की बेहतरी के लिए काम करती है. जरूरतमंद लोगों के लिए मुफ्त में कपड़े, भोजन और मेडिकल सुविधाओं का इंतज़ाम करती है.

पूजा इस बात पर भरोसा करती हैं कि मरने के बाद व्यक्ति को पूरे सम्मानपूर्वक दुनिया से विदाई दी जानी चाहिए. वो अपने काम को सोशल मीडिया अकाउंट पर भी साझा करती हैं. इंस्टाग्राम पर उनके साढ़े 3 लाख से अधिक फॉलोअर्स हैं.

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