नड्डा की टीम की ये आदिवासी महिला क्या छत्तीसगढ़ की मुख्यमंत्री बनने वाली हैं?
लता उसेंडी कोंडागांव सीट से तीसरी बार विधायक बनकर आई हैं. रमन सिंह की सरकार में सिर्फ 31 साल की उम्र में उन्हें मंत्री बनाया गया था.
तो क्या छत्तीसगढ़ को पहली महिला मुख्यमंत्री मिलने जा रही है? 15 साल छत्तीसगढ़ के सीएम रहे रमन सिंह का नाम रेस में तो है लेकिन ये साफ हो चला है कि बीजेपी नए चेहरे की तलाश भी कर रही है. अरुण साव, विजय बघेल, रेणुका सिंह समेत कई नामों पर बीजेपी आलाकमान माथापच्ची कर रहा है. और इसी लिस्ट में एक नाम लता उसेंडी का भी है. जिनके बारे में कहा जा रहा है धीरे-धीरे ही सही लेकिन मुख्यमंत्री पद के लिए इनका नाम भी लिस्ट में ऊपर की ओर बढ़ रहा है.
कौन हैं लता उसेंडी?लता उसेंडी कोंडागांव सीट से तीसरी बार विधायक बनकर आई हैं. इससे पहले 2003 और 2008 में वो इसी सीट से चुनाव जीती थी. तब रमन सिंह की सरकार में सिर्फ 31 साल की उम्र में उन्हें मंत्री बनाया गया था. लता छत्तीसगढ़ में महिला एवं बाल विकास मंत्री का पद संभाल चुकी हैं.
छत्तीसगढ़ के आदिवासी समाज से आने वाली लता को इसी साल जेपी नड्डा ने अपनी टीम में शामिल किया था. नड्डा की टीम में छत्तीसगढ़ से तीन नाम हैं. रमन सिंह, सरोज पांडे और लता उसेंडी. तीनों बीजेपी में राष्ट्रीय उपाध्यक्ष के पद पर हैं. इससे पहले लता भारतीय जनता युवा मोर्चा की भी राष्ट्रीय उपाध्यक्ष रह चुकी हैं.
इस बार के विधानसभा चुनाव में लता कोंडागांव सीट पर कांग्रेस के मोहन मरकाम को हरा कर विधायक बनी हैं. उन्होंने मरकाम को साढ़े 18 हजार वोट से हराया. लता और मरकाम के बीच ये प्रतियोगिता पिछले 20 साल से चल रही है. 2003 और 2008 में लता, मरकाम को हराकर ही विधानसभा पहुंची थी. तो 2013 और 2018, दोनों विधानसभा चुनाव में मरकाम ने लता को पटखनी दी थी.
लेकिन इस बार लता की जीत के मायने अलग हैं. मरकाम 2019 से 2023 तक छत्तीसगढ़ कांग्रेस के अध्यक्ष थे. भूपेश बघेल सरकार में वो कैबिनेट मंत्री भी रहे. बावजूद इसके, इस बार वो अपनी सीट नहीं बचा पाए. और लता उसेंडी ने उन्हें हरा दिया.
मुख्यमंत्री की रेस में लता के नाम की चर्चा की वजह उनका आदिवासी समाज से आना भी है. इससे पहले छत्तीसगढ़ में आदिवासी समाज से मुख्यमंत्री 20 साल पहले बना था. अजित जोगी राज्य के पहले मुख्यमंत्री थे. वो आदिवासी समाज से आते थे. उनके बाद आए रमन सिंह और भूपेश बघेल गैर आदिवासी समाजों से आते थे.
बीजेपी 2024 के लोकसभा चुनाव पर फोकस कर रही है. छत्तीसगढ़ में करीब 30 फीसदी आबादी आदिवासी समाज की है. इस साल ही 11 जातियों को अनुसूचित जनजाति की श्रेणी में शामिल किया गया है. ऐसे में अगर आदिवासी समाज से कोई महिला मुख्यमंत्री बनती है तो पूरे समाज में संदेश जाता है.
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