The Lallantop
Advertisement
  • Home
  • News
  • Who is Babloo Srivastava pakis...

कौन है बबलू श्रीवास्तव, जिस पर पाकिस्तान ने हाफिज़ के घर पर ब्लास्ट का आरोप लगाया है?

2021 में हाफिज़ सईद के घर के बाहर ब्लास्ट हुआ था, जिसमें 3 लोगों की मौत हुई थी.

Advertisement
Babloo Srivasatva
बबलू श्रीवास्तव. (क्रेडिट- आजतक)
pic
सौरभ
17 दिसंबर 2022 (Updated: 17 दिसंबर 2022, 13:10 IST)
font-size
Small
Medium
Large
font-size
Small
Medium
Large
whatsapp share

पाकिस्तान ने आरोप लगाया है कि हाफिज़ सईद (Hafiz Saeed) के घर बाहर बम धमाके (Bomb Blast) का मास्टरमाइंड एक भारतीय है. पाकिस्तान के गृह मंत्री राणा सनाउल्लाह खान ने एक प्रेस कॉन्फ्रेंस की. इस प्रेस कॉन्फ्रेंस में सनाउल्लाह ने आरोप लगाया कि जून 2021 में हुए इस बम धमाके में भारत का हाथ था. और इसकी साजिश रची थी बबलू श्रीवास्तव (Babloo Srivastava) ने.

सनाउल्लाह ने बबलू श्रीवास्तव को रॉ का एजेंट बताया है. उन्होंने कहा कि भारतीय खुफिया एजेंसी के दो एजेंट बबलू श्रीवास्तव और अली बुदेश ने ये धमाके कराया था. जिसमें से बबलू श्रीवास्तव यूपी की बरेली जेल में बंद है जबकि अली बुदेश बहरीन में था कुछ महीनों पहले बुदेश की बीमारी से मौत हो गई है.

क्या है पूरा केस?

23 जून, 2021 को मुंबई हमलों के मास्टरमाइंड और लश्कर-ए-तैयबा के मास्टर माइंड हाफिज़ सईद के घर के बाहर बम धमाका हुआ था. इस धमाके में तीन लोगों की मौत हुई,  24 घायल हुए. हालांकि हाफिज़ सईद सुरक्षित था. इस मामले में पाकिस्तान पुलिस का कहना है कि हमले में 200 किलोग्राम विस्फोटक का इस्तेमाल किया गया था. विस्फोट रिहायशी इलाके में हुआ. ऐसे में बाकी घरों को भी नुकसान पहुंच सकता था. कुछ लोग दावा ये भी कर रहते हैं कि धमाके के वक्त हाफिज़ सईद भी घर पर मौजूद था. फिलहाल हाफिज़ लाहौर की कोट लखपत जेल में बंद है.

पाकिस्तान के काउंटर टेररिज़्म डिपार्टमेंट ने इस मामले में केस दर्ज किया. पाकिस्तान का दावा है कि तीन लोगों को गिरफ्तार किया गया है. आरोपियों में पीटर पॉल डेविड की पहचान एक कार से हुई थी. आरोप है कि डेविड ने ही पूरे हमले का इंतजाम किया था. पाकिस्तान दावा करता है कि डेविड RAW के दो एजेंट से जुड़ा हुआ था. ये दोनों बबलू श्रीवास्तव और अली बुदेश ही थे. और यही एजेंट, डेविड को फंडिंग मुहैया करा रहे थे.

कौन है बबलू श्रीवास्तव?

उत्तर प्रदेश के गाजीपुर का रहने वाला ओम प्रकाश श्रीवास्तव अपराध की दुनिया में बबलू श्रीवास्तव के नाम से जाना-पहचाना जाता है. कॉलेज के दिनों से ही बबलू क्राइम की खबरों में दर्ज होने लगा था.  साल था 1982. आजतक के अरविंद ओझा की रिपोर्ट के मुताबिक बबलू लखनऊ यूनिवर्सिटी से वकालत की पढ़ाई कर रहा था. यूनिवर्सिटी में छात्रसंघ के चुनाव चल रहे थे. और इसी दौरान एक छात्र को चाकू मार दिया जाता है. घायल छात्र का संबंध था उस समय के लखनऊ में माफिया माने जाने वाले अरुण शंकर शुक्ला से. शुक्ला ने बबलू श्रीवास्तव पर आरोप लगाया और बबलू गिरफ्तार हो गया.

जेल में बबलू की मुलाकात हुआ गैंगस्टर राम गोपाल मिश्रा से. और यहां से उसने अपने अपराध के ग्राफ में J Curv बनाया. बबलू ने अपने क्राइम का साम्राज्य यूपी और बिहार से निकाल कर महाराष्ट्र तक फैलाया. अंडरवर्ल्ड के संपर्क में आया. और उसने अपनी 'निपुणता' बनाई अपहरण में. फिरौती के लिए बड़े-बड़े लोगों का अगवा कर लेना. कुछ ही समय में बबलू श्रीवास्तव को किडनैपिंग किंग कहा जाने लगा. पुलिस रिकॉर्ड में केस तो दर्ज हो रहे थे, लेकिन बबलू की सेहत में कोई फर्क नहीं पड़ रहा था.

दशक खत्म होते-होते बबलू डॉन बन चुका था. इसके बाद वो नेपाल चला गया. वहां कुछ समय रहने के बाद वो 1992 में दुबई गया. दुबई में उसकी मुलाकात हुई दाऊद इब्राहिम से. दाऊद की सरपरस्ती में आने के बाद बबलू का रुतबा और बढ़ गया. बड़े-बड़े नाम भी अब उससे दबने लगे थे. विदेश में बैठकर वो अपनी गैंग चलाता था. लेकिन 1993 में मुंबई बम धमाकों के बाद उसने दाऊद से नाता तोड़ लिया.

1995 में बबलू को सिंगापुर में गिरफ्तार किया गया. उसे भारत लाया गया. और फिलहाल वो यूपी के बरेली की जेल में बंद है.

लाहौर में हाफिज सईद के घर के पास धमाके के बाद इमरान खान ISI हेडक्वार्टर क्यों गए थे?

Comments
thumbnail

Advertisement

Advertisement