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बस एक लाइक, शेयर और आपका बैंक अकाउंट खाली

सबसे बचा जा सकता है, बस आपको लालच में नहीं फंसना है.

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सांकेतिक तस्वीर- आजतक
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लल्लनटॉप
19 मई 2023 (Updated: 19 मई 2023, 22:16 IST)
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आप वॉट्सऐप चलाते हैं. चलाते ही होंगे. आपके लिए एक कहानी

23 साल के एक लड़के को वॉट्सऐप पर एक मैसेज आता है. सामने वाला कहता है कि आपके लिए हमारे पास एक नौकरी है. वो भी घर बैठे. WORK FROM HOME. काम क्या है? वही फेसबुक, इस्टाग्राम, ट्विटर, टेलीग्राम. यानी काम कुछ नहीं है बस सोशल मीडिया चलाना है. वो तो आप वैसे भी करते हैं. और इस काम के लिए पैसे मिलेंगे. हर रोज के हजार से लेकर दो हजार तक. उसने कहा वाह! काम भी नहीं है और घर बैठे पैसे भी बढ़िया. लड़का काम करने के लिए मान गया. रजिस्ट्रेशन हो जाता है. फिर अकाउंट डीटेल्स मांगी जाती हैं. उसके अकाउंट में 150 रुपये आते हैं. फिर 150 रुपये आते हैं. लड़के को लगता है कि ये तो अच्छा काम है. एक दो लाइक करके आराम से पैसे कमाने हैं. फिर जैसा-जैसा उससे कहा जाता है वैसा-वैसा वो करता जाता है. लेकिन कुछ दिन बाद उसे लगता है वो तो फंस गया. उसके तो पैसे लुट गए. कितने. हजार, दो हजार या 10 हजार नहीं. “20 लाख रुपये.”

राह चलते अगर कोई आपसे दुआ सलाम करे. फिर बातचीत शुरू कर दे. और अचानक से आपका बहुत बड़ा हमदर्द हो जाएगा. तो आपको शक होता है. कि आखिर ये इतना घुसने की कोशिश क्यों कर रहा है. ये सच में मदद करना चाह रहा है कि या ठगने की फिराक में है. इतनी सतर्कता जायज भी है. लेकिन क्या आप अपनी डिजिटल लाइफ में भी इतने ही सतर्क रहते हैं. अगर नहीं, तो आप लंबा फंस सकते हैं. देश में साइबर फ्रॉड के मामलों में तेजी देखी जा रही है.  मामलों में किस तरह से तेजी आ रही है, इसका अंदाजा आप ख़बरों की दुनिया में चल रहे आंकड़ों से लगा सकते हैं. इंडिया टुडे की रिपोर्ट के मुताबिक़ पिछले एक साल में cybercrime.gov.in पर 20 लाख से अधिक शिकायतें दर्ज कराई गईं और 40 हजार एफआईआर दर्ज की गईं. और साइबर क्राइम का जरिया बन रहा है वॉट्सऐप और टेलीग्राम. बातचीत करने वाले इन प्लेटफॉर्म्स पर लाखों करोड़ो की ठगी का गंदा खेल चल रहा है.

पहली कहानी सोनाक्षी की. बदले हुए नाम के साथ.

16 मई की दोपहर 2 बजकर 48 मिनट पर सोनाक्षी को वॉट्सऐप पर मैसेज आता है. मैसेज करने वाली अपना नाम हर्षिता बताती है. वो कहती है कि एक एडवर्टाइजिंग कंपनी में HR है वो. सोनाक्षी ने कुछ दिन पहले LinkedIn पर जॉब के लिए अप्लाई किया था. उसे लगा किसी HR ने CV देखी होगी. HR ने कंपनी का नाम बताया WATConsult. गूगल सर्च किया तो कि कंपनी दिख भी रही थी.

शाम 5 बजकर 10 मिनट पर एक सोनाक्षी को एक टेलिग्राम ग्रुप पर जुड़ने को कहा जाता है. उससे पहले एक यूट्यूब वीडियो को लाइक करने को कहा जाता है. वीडियो लाइक करने के लिए लिंक भी दिया जाता है. इसके बाद टेलीग्राम ग्रुप पर ही उसे कुछ टास्क दिए जाते हैं. कुछ इंटरनेशनल डिज़ाइनर्स जैसे राहुल गुप्ता का ऑनलाइन रिव्यू लिखना, लाइक करना और सब्सक्राइब करना. बदले में उसे मिले 150 रुपये. इसके बाद सोनाक्षी से कहा गया कि एक प्री पेड टास्क है. इसमें उन्हें 1200 रुपये देने होंगे. बदले में उन्हें ज्यादा पैसे मिलेंगे. सोनाक्षी ने पैसे दे दिए. फिर उससे कहा गया कि 5 हजार और दो. बदले में 7 हजार मिलेंगे. सोनाक्षी ये भी मान गई. और सिलसिला शुरू हो गया. पहले 3 हजार और मांगे गए. फिर 5 हजार और फिर “डेढ़ लाख रुपये.”

अब एक बात पर ध्यान दीजिए. ये सब कहां चल रहा था. टेलीग्राम पर. सारी चैट टेलीग्राम पर. और एक-एक चैट डिलीट होती जा रही थी. यानी आपसे पैसे तो मांगे गए. लेकिन मांगने के बाद मैसेज डिसअपीयर हो गया. सोनाक्षी को अब समझ आने लगा था कि कुछ गड़बड़ है. उसने आगे पैसे देने से मना करना शुरू किया तो धमकी मिली. उससे कहा गया और पैसे दो वरना जितना दिया है उसमें से एक भी पैसा वापस नहीं मिलेगा. और उससे साढ़े 4 लाख रुपये और वसूले जाएंगे. और साथ में लीगल फ्रॉड का केस भी किया जाएगा. सोनाक्षी ने इसका कोई जवाब नहीं दिया. लेकिन जब तक वो जागीं उनके खाते से 3 लाख रुपये जा चुके थे.

-केस नंबर - 2
नोएडा के सेक्टर 74 स्थित सुपरटेक केपटाउन सोसायटी की रहने वाली 33 साल की महिला को टेलीग्राम पर एक मैसेज आता है. मैसेज में घर बैठे पैसे कमाने की बात लिखी थी. उसके साथ एक ऑनलाइन लिंक (www.alamoratel.com/login) भी था. महिला ने बताया कि उसे मैसेज में फिल्मों को रेटिंग देने के लिए एक लिंक पर क्लिक करने को कहा गया था. रेटिंग देने के बदले बैंक अकाउंट में पैसे दिए जाने का ऑफर था.

फिर उन्हें एक टेलीग्राम ग्रुप में जोड़ा जाता है. ग्रुप में पहले से सेटिंग रहती है. टोटल 25 लोग थे. और वो ग्रुप पर क्या लिखते हैं कि उन्होंने हजारों रुपये कमाए हैं. फिर उस महिला से कहा गया कि10 हजार रुपये जमा करो. और एक लिंक पर 30 बार क्लिक करो. इस क्लिक से क्या होगा. कहा गया कि 30 फिल्मों की रेटिंग हो जाएगी. और इससे उस महिला को क्या मिलेगा. उससे कहा गया कि आपका पैसा दोगुना हो जाएगा. फिर उनसे कहा गया कि 10 हजार और दो. अब देखिए. कैसी सधासधी है ग्रुप पर. ग्रुप के लोग कह रहे हैं कि कभी-कभी अपना पैसा डबल करने के लिए हमें दो बार पेमेंट करनी होती है.

टाइम्स ऑफ इंडिया की रिपोर्ट के मुताबिक महिला बताती हैं कि ऐसा करते-करते जनवरी से मार्च तक तीन महीने में उन्होंने 12 लाख रुपये से ज्यादा दे दिए. जब भी वो अपना पैसा वापस मांगती तो उसे टाल दिया जाता. उससे ये कहा जाता था कि उसकी रेटिंग अच्छी है, इसलिए उसके बैंक अकाउंट में पैसे भेजने में देरी हो रही है.

एक और मामला
संदीप - गुड़गांव का एक सॉफ़्टवेयर इंजीनियर. उसे तो 42 लाख रुपये का चूना लग गया. कैसे? बताते हैं. वही फ़ॉर्मैट था. पार्ट टाइम काम के बदले एक्सट्रा इनकम का लालच दिया गया. करना भी वही था, यूट्यूब पर वीडियो लाइक करो. 24 मार्च को दिव्या नाम की एक लड़की ने उसे मेसेज किया. उसे ऑफ़र देकर टेलिग्राम ग्रुप में जोड़ लिया. फिर उससे निवेश करने के लिए कहा और quick and assured रिटर्न्स का वादा कर, उसे पैसे देने के लिए मना भी लिया. उसका भरोसा और पक्का हो, इसके लिए उस टेलिग्राम ग्रुप पर कमल, अंकित और हर्ष नाम के लोगों ने ग्रुप पर ही ऐसे स्क्रीनशॉट शेयर किए कि उन्हें बेतहाशा फ़ायदा हुआ है. संदीप ने अपने और अपनी पत्नी के अकाउंट से 42 लाख 31 हज़ार 600 रुपये ट्रांस्फ़र कर दिए. इसके बाद भी उससे और पैसे मांगे गए. तब उसे मामला गड़बड़ लगा. फ़ौरन पुलिस के पास गया, मगर तब तक देर हो चुकी थी.

3 लाख. 12 लाख और 42 लाख. ये सिर्फ गिनती के केस नहीं हैं. नोएडा-गुड़गांव के साइबर क्राइम थाने में जाएंगे. तो ऐसे केसेज़ की फाइलों का अंबार लग गया

स्ट्रैटेजिक कंसल्टेंसी और थिंक टैंक डीपस्ट्रैट के को-फ़ाउंडर आनंद वेंकटनारायणन ने इंडियन एक्सप्रेस में अपने लेख में लिखते हैं- 

“आधुनिक जीवन में तीन कॉन्स्टैंट हैं - मृत्यु, टैक्स और ठग. मृत्यु टल नहीं सकती. टैक्स हमने तब ही तय कर दिए, जब विकासवादी सीढ़ी पर हमने राज्य और राजाओं की स्थापना की. और, ठग तब भी थे. आज भी हैं. पहले वो भीड़ भरे बाज़ारों में काम करते थे, लेकिन डिजिटल युग में डिजिटल प्लेटफ़ॉर्म पर ऑपरेट करते हैं. उन्होंने डिजिटल क्रांति की ताक़त सरकारों, नियामकों और पूंजीपतियों से पहले पहचान ली. उनके केवल तीन सरल नियम हैं: अपने टार्गेट्स को फ़ॉलो करो, उनकी कमज़ोरियों पहचानो और उन्हें लूटो.”

कितना सरल ये है धोखा. मेट्रो सिटी में रहने वाले. MNC में नौकरी करने वाले. पढ़े लिखे लड़के-लड़कियां. कौन वॉट्सऐप नहीं चलाते. मां-बाप, भाई-बहन, दोस्त-यारों से सब वॉट्सऐप पर ही तो चैटियाते हैं. लेकिन इसी वॉट्सऐप के जरिए आपको कंगाल कर दिया जा रहा है. और आप मुंह खोले देखते रह जाते हैं.

लेकिन क्या आपको सिर्फ वॉट्सऐप और टेलीग्राम के जरिए ही ठगा जा सकता है. बिल्कुल नहीं. ठगों ने पूरा कोर्स तैयार किया हुआ कि हमारे आपके जैसे लोगों को फोन स्क्रॉल करते-करते कैसे लूटा जाए.  सबसे पहला तो वर्क फ्रॉम होम का लालच. कोरोना के साथ ही देश-दुनिया में वर्क फ्रॉम होम का कल्चर बढ़ा है. साइबर अपराधी इसी का फायदा उठा रहे हैं. घर से काम करने की सुविधा और अच्छे वेतन की बात कहकर लोगों को फंसाया जाता है. बाकायदा ऑफर लेटर देकर काम भी करवाया जाता है. कुछ महीने सैलरी भी दी जाती है. जब सामने वाला पूरी तरह झांसे में आ जाता है तो उससे किसी बहाने से उलटे पैसे लिए जाते हैं. जिसने समझदारी दिखाई वो बच गया. जिसने पैसे दे दिए उसकी कहानी आप जानते ही है.

एक और तरीका. वॉलेट में पैसा भेजकर. ये एकदम यूनीक तरीका निकाला है अपराधियों ने. कहीं से भी आपके अकाउंट में/ वॉलेट में कुछ सौ या हजार रुपये क्रेडिट होंगे. इसके बाद आपके पास फोन आएगा. संभवत: रोते हुए फोन आएगा. सामने से कहा जाएगा कि गलती से आपके अकाउंट में पैसे चले गए हैं. प्लीज वापस कर दीजिए. मां का इलाज कराना है या फिर बहन की शादी है. अगर आपने बात मान ली तो फिर लिंक या कोड के जरिए पैसे वापस मांगे जाएंगे. आप पैसे देंगे. और आपका अकाउंट खाली.

फिर आता है OTP. घर के दरवाजे पर घंटी बजेगी और एक आदमी पार्सल के साथ सामने खड़ा होगा. आप कहोगे मेरा नहीं है या फिर मैंने ऑर्डर ही नहीं किया है. डिलिवरी वाला दुखी सा चेहरा बनाकर कहेगा- ठीक है, कैंसिल कर देता हूं. बस आपके पास एक OTP आया होगा वो बता देना. हम में से कुछ लोग OTP बता देते हैं. और आपके अकाउंट से पैसे उड़ने शुरू हो जाते हैं.

एक नया तरीका. भैया दीदी कहता एक शख्स आपके पास आता है. आपसे कहता है फोन बंद हो गया. खराब हो गया या फिर चोरी हो गया है. एक फोन कर लेने दीजिए. हम जो रीचार्ज कराते हैं उसमें फोन कॉल फ्री होती हैं. आप फोन थमा देते हैं. बस यहीं खेला हो जाता है. बातों बातों में आपके फोन पर कुछ नंबर डायल होते हैं और फिर आपका नंबर किसी दूसरे नंबर पर फॉरवर्ड. इसके आगे क्या-क्या होगा वो अपराधी के मूड पर.

यानी एक बात तो साफ है. आप लालच में भी फंस सकते हैं और दया भावना में भी. बचने का सिर्फ ही तरीका है. जागरूकता, समझदारी और सतर्कता. इस बारे में हमारे इन-हाउस टेक एडिटर सूर्यकांत से. सुनिए वो क्या कहते हैं.

एक बात और. वॉट्सऐप पर अगर आपको इस तरह के कॉल या मैसेज आ रहे हैं तो उन्हें ब्लॉक करें. लेकिन सिर्फ ब्लॉक करने से काम नहीं चलेगा. उसे रिपोर्ट भी कीजिए. ब्लॉक करने से सिर्फ आपको छुटकारा मिलेगा लेकिन जब ऐसे नंबर बहुत ज्यादा रिपोर्ट होंगे तो उम्मीद है कि वॉट्सऐप के AI को भी समझ आएगा कि कुछ तो गड़बड़ है. वैसे अनजाने नंबर वाली गड़बड़ का पता मेटा के मालिकाना हक वाले वॉट्सऐप को भी है. कंपनी जल्द ही अनजान नंबर से कॉल को ऑटो-ब्लॉक करने वाला फीचर लाने वाली है.

अब तक साइबर क्राइम मामलों में आपने जामताड़ा का नाम तो खूब सुना था. जामताड़ा के लड़के सिम कार्ड के जरिए फ्रॉड करते थे. लेकिन जामताड़ा में भी अब वॉट्सऐप मॉडल शुरू हो चुका है. इस पर हमने बात की जामताड़ा के डीएसपी मंजरुल से. उन्होंने हमें बताया कि ये स्कैमर्स वॉट्सऐप के ज़रिए मेसेज करते हैं कि आपकी बिजली कट जाएगी. और लोगों को झांसे में लेकर एनीडेस्क या टीम-व्यूअर जैसे स्क्रीन शेयरिंग प्लेटफॉर्म पर आपको खींच कर लाते हैं. एक बार आप उन्हें अपने सिस्टम का एड्रेस दे दें तो वो कितनी भी रकम उड़ा सकते हैं. पुलिस ने इस तरह के ऐप्स के बारे में जनता में जागरूकता बढ़ाई है. इस वजह से जब भी कोई एनीडेस्क या टीम व्यूअर का नाम लेता है, तो लोग समझ जाते हैं कि उनके साथ फ्रॉड हो रहा है. लेकिन स्कैमर्स भी चालाक हैं. तो उन्होंने नए और एप्स खोज लिए हैं जैसे रस्क डेस्क.

जामताड़ा तो साइबर क्राइम के मामलों में बदनाम है ही. लेकिन दिल्ली से सटे हरियाणा के मेवात में तो फ्रॉड करने की सीधे ट्रेनिंग दी जा रही है. हरियाणा के नूह में इसी महीने पुलिस ने कई साइबर ठगों को पकड़ा. लेकिन ये जाल कितना बड़ा था, आप सोच भी नहीं सकते. नूह के गांवों में कोचिंग सेंटर चल रहे हैं. इस कोचिंगों में साइबर ठगी की ट्रेनिंग दी जाती है. ठगी की वारदात को कैसे अंजाम दिया जाए, ये सीखने के लिए हैकर 40 हजार से एक लाख रुपये तक की फीस देते हैं. 

ये तो बात हुई कि कैसे फ्रॉड हो रहे हैं. किस तरह से लोगों को फंसाया जा रहा है. और कैसे आप बच सकते हैं. एक और जरूरी सवाल है. अगर फ्रॉड हो गया तो क्या एक भी पैसा नहीं मिलेगा? यानी एक बात साफ़ है कि सारे केस प्रिवेंटिव हैं. सबसे बचा जा सकता है, बस आपको लालच में नहीं फंसना है. और किसी कारण आपके साथ ऐसा हो भी जाता है तो जल्द से जल्द साइबर पुलिस में रिपोर्ट करें. जितनी जल्दी रिपोर्ट करवाएंगे, उतनी संभावना है कि आपके ज्यादा पैसे वापस आ जाएं.

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