The Lallantop
Advertisement
  • Home
  • News
  • what is land for job scam rela...

क्या है 'IRCTC घोटाला' जिसमें लालू यादव, राबड़ी देवी को समन भेजा गया है?

भर्तियों के लिए कोई विज्ञापन या पब्लिक नोटिस 'नहीं' जारी हुआ, और पटना में रहने वाले मुंबई, जबलपुर, कोलकाता और हाजीपुर में अलग-अलग जोनल में नियुक्त हो गए.

Advertisement
lalu prasad yadav summon irctc scam
लालू यादव और राबड़ी देवी की पुरानी तस्वीर (इंडिया टुडे)
pic
आर्यन मिश्रा
28 फ़रवरी 2023 (Updated: 28 फ़रवरी 2023, 12:37 IST)
font-size
Small
Medium
Large
font-size
Small
Medium
Large
whatsapp share

नौकरियों के बदले जमीन घोटाले में बिहार के पूर्व मुख्यमंत्री और राष्ट्रीय जनता दल (RJD) के अध्यक्ष लालू यादव और उनकी पत्नी राबड़ी देवी को समन जारी हुआ. सोमवार, 27 फरवरी को जारी हुए समन में लालू यादव और राबड़ी देवी समेत केस के 14 आरोपियों को दिल्ली की राउज एवेन्यू अदालत में पेश होने को कहा गया है. इनमें लालू की बेटी मीसा भारती भी शामिल हैं. सभी आगामी 15 मार्च को अदालत में पेश होंगे.

क्या है IRCTC स्कैम?

रेलवे में कथित रूप से नौकरी के बदले जमीन मांगने से जुड़े इस घोटाले को IRCTC स्कैम भी कहा जाता है. 2004 से 2009 के बीच लालू प्रसाद यादव यूपीए सरकार में रेल मंत्री थे. आरोप है कि उनके रेल मंत्री रहते हुए रेलवे भर्ती में घोटाला हुआ. आरोप लगा कि रेलवे में नौकरी लगवाने के बदले आवेदकों से जमीन और प्लॉट लिए गए थे. मामले में CBI की तरफ से दर्ज FIR में लालू यादव, राबड़ी यादव और उनकी दो बेटियों मीसा भारती और हेमा यादव का नाम है. इसके अलावा कुछ प्राइवेट प्लेयर्स को भी आरोपी बनाया गया. उन पर नौकरी के बदले जमीन देने का आरोप है.

घोटाले के शुरुआत कैसे हुई?
मई, 2004 में लालू यादव यूपीए-1 सरकार में रेल मंत्री बने. इसके आठ महीने बाद फरवरी, 2005 में रेल मंत्रालय आईआरसीटीसी के दो होटल किराए पर चलाने देने का फैसला करता है. दी लल्लनटॉप से जुड़े रहे अनिरुद्ध की एक रिपोर्ट के मुताबिक लीज के फैसले के कुछ ही दिनों बाद पटना में एक जमीन बिकती है. कथित तौर पर यहीं से घोटाले की शुरुआत हुई. ये जमीन थी मेसर्स सुजाता होटल्स नाम की कंपनी की. यही कंपनी पटना में होटल चाणक्या चलाती है. रिपोर्टों के मुताबिक कंपनी ने पटना के सगुना मोड़ पर 3 एकड़ जमीन बेची. एक छोटी सी कंपनी डिलाइट मार्केटिंग को, एक करोड़ 47 लाख रुपए की कीमत पर. बताया गया कि ये डिलाइट मार्केटिंग कंपनी थी लालू के खास और राज्यसभा सांसद प्रेमचंद गुप्ता की.

नियमों में क्या बदलाव किए गए? 
नवंबर, 2006 में रेलवे फाइनली लीज का टेंडर निकालती है. रांची और पुरी स्थित उन्हीं दो होटलों के लिए, जिनका पहले जिक्र किया. टेंडर की शर्तें ऐसी थीं कि सुजाता होटल्स बिड के लिए योग्य नहीं थी. आरोप लगाया गया कि टेंडर निकाले जाने के कुछ ही हफ्तों के अंदर टेंडर की शर्तों में बदलाव कर दिया गया. नई शर्तों के बाद सुजाता होटल्स बिडिंग के लिए इलिजिबल हो जाती है. करीब डेढ़ महीने बाद दिसंबर 2006 में सुजाता होटल्स को रांची और पुरी वाले होटल चलाने के लिए लीज मिल जाती है.

अनिरुद्ध की रिपोर्ट के मुताबिक आठ साल बाद डिलाइट मार्केटिंग, वही कंपनी जिसे सुजाता होटल्स ने पटना की जमीन बेची थी, अपनेआपको बेच देती है. डिलाइट के सारे शेयर किसने खरीदे. लारा प्रोजेक्ट्स नाम की कंपनी ने. लारा मतलब? 'ला' से लालू, 'रा' से राबड़ी. दोनों के नाम का पहला अक्षर जुड़ा तो बना 'लारा'. आरोपों के मुताबिक इस कंपनी के मालिक हैं तेजस्वी यादव और राबड़ी देवी. डिलाइट कंपनी ने महज 64 लाख रुपए में सारे शेयर बेचे. फिर लारा ने फैसला किया डिलाइट की खरीदी सगुना रोड वाली जमीन पर मॉल बनाने का. वही जमीन, जो पहले सुजाता होटल्स की थी. फिर डिलाइट की हुई और उसके बाद लारा की.

बीजेपी के सुशील मोदी ने लालू परिवार पर गड़बड़ी करने का आरोप लगाया था. उनके मुताबिक इस जमीन की असली कीमत 94  करोड़ रुपए थी, लेकिन लालू यादव ने सुजाता होटल्स को लीज पर रेलवे के होटल देकर बदले में ये जमीन ले ली. पहले किसी और की कंपनी के जरिए, और फिर उस कंपनी को अपनी कंपनी में मिलाकर.

साल 2018 में सीबीआई और ईडी, सुशील मोदी के आरोपों के आधार पर केस फाइल करते हैं. ईडी की अदालत में मनी लॉन्ड्रिंग का केस चलता है. चार्जशीट फाइल होती है. वहीं सीबीआई की अदालत में भ्रष्टाचार और आपराधिक साजिश का केस शुरू होता है. रिपोर्टों के मुताबिक सारी जमीनें राबड़ी देवी और मीसा भारती के नाम पर ली गई थीं. CBI की जांच में पता चला था कि आरोपियों ने सेंट्रल रेलवे के तत्कालीन जनरल मैनेजर और CPO के साथ मिलकर घोटाले की साजिश रची थी. जांच एजेंसी का कहना था कि इन भर्तियों के लिए कोई भी विज्ञापन या पब्लिक नोटिस नहीं जारी किया गया था. बावजूद इसके, पटना में रहने वाले लोगों को मुंबई, पटना, जबलपुर, कोलकाता और हाजीपुर में अलग-अलग जोनल रेलवे सब्स्टिट्यूट के रूप में नियुक्त किया गया था.

केस की सुनवाई के दौरान आरोपियों को जमानत मिल गई थी. अब फिर से समन जारी हुआ है. देखते हैं 15 मार्च को अदालत में क्या होता है.

वीडियो: क्या है IRCTC घोटाला जिसमें तेजस्वी और राबड़ी देवी को बेल मिली

Comments
thumbnail

Advertisement

Advertisement