(यहां बताई गई बातें, इलाज के तरीके और खुराक की जो भी सलाह दी जाती है, वोविशेषज्ञों के अनुभव पर आधारित है. किसी भी सलाह को अमल में लाने से पहले अपनेडॉक्टर से ज़रूर पूछ लें. लल्लनटॉप आपको अपने आप दवाइयां लेने की सलाह नहीं देता.)अदिति 35 साल की हैं. जयपुर की रहने वाली हैं. उनका हमें मेल आया. अप्रैल के महीनेमें उन्हें और उनके परिवार को कोविड 19 हुआ था. उनके मम्मी-पापा और भाई, तीनों कोकोविड निमोनिया हो गया था. मम्मी-पापा की हालत भी सीरियस हो गई थी. अब वो ठीक हैं.जब से कोविड शुरू हुआ है, तब से निमोनिया का बहुत ज़िक्र हो रहा है. कोरोना की सेकंडवेव में कई मौतों के पीछे कोविड निमोनिया ज़िम्मेदार है. इसलिए चलिए आज निमोनिया परही बात करते हैं.क्या और क्यों होता है निमोनिया?ये हमें बताया डॉक्टर दिवाक्स ओज़ा ने.डॉक्टर दिवाक्स ओज़ा, पल्मनोलॉजिस्ट, गीतांजलि मेडिकल कॉलेज एंड हॉस्पिटल, उदयपुरफेफड़े के संक्रमण को निमोनिया कहा जाता है. निमोनिया के अलग-अलग प्रकार होते हैं-बैक्टीरियल निमोनिया, वायरल निमोनिया, फंगल निमोनिया. कोविड निमोनिया वायरलनिमोनिया का प्रकार है. संक्रमण करने वाले तत्व यानी एजेंट के नाम से निमोनिया कानाम रखा जाता है. टीबी निमोनिया भी एक निमोनिया का प्रकार है. लेकिन वोMycobacterium Tuberculosis नाम के बैक्टीरिया के कारण होता हैहमारे फेफड़े सांस की नली के द्वारा वातावरण से सीधा जुड़े हुए हैं. शरीर कीइम्युनिटी जब कमज़ोर हो जाती है तब कोई भी संक्रात्मक तत्व सांस के द्वारा शरीर मेंप्रवेश करके फेफड़ों को संक्रमित कर सकता है.लक्षण-खांसी-बुखार आना-छाती में दर्द-सांस लेने में दिक्कत-कभी-कभी फेफड़ों के आसपास पसलियों में पानी का भराव भी हो जाता हैकोविड निमोनिया क्या है?-कोविड निमोनिया SARS-CoV-2 नाम के वायरस के कारण होता है. ये वायरस शुरुआत में गलेमें रहकर मल्टीप्लाय होता है. इस दौरान हल्का बुखार, गले में ख़राश या दर्द होता है.कभी-कभी फेफड़ों के आसपास पसलियों में पानी का भराव भी हो जाता हैजब वायरस फेफड़े में उतर जाता है तब दोनों फेफड़ों को नुकसान पहुंचाना शुरू कर देताहै. आमतौर पर जो दूसरे निमोनिया होते हैं, वो फेफड़े के कुछ-कुछ भागों को हीसंक्रमित करते हैं. पर कोविड निमोनिया दोनों फेफड़ों को एक साथ बड़े पैमाने पर नुकसानपहुंचाता है. इसे मेडिकल भाषा में ARDS ( Acute respiratory distress syndrome)कहते हैं.इलाज-निमोनिया का इलाज करने के लिए एंटीबायोटिक दवाइयों का इस्तेमाल किया जाता है-निमोनिया से बचने के लिए बच्चों को लंबे समय से न्यूमोकोकल वैक्सीन लगाई जाती है.अब 18 साल से ज़्यादा उम्र वाले लोगों के लिए भी न्यूमोकोकल वैक्सीन उपलब्ध है. जोलोग डायबिटीज, बीपी, कैंसर, COPD (Chronic obstructive pulmonary disease), अस्थमा,लिवर प्रॉब्लम या गुर्दे की प्रॉब्लम से पीड़ित हैं उन्हें ये वैक्सीन लगवानी चाहिए.जिन लोगों की उम्र 65 या 65 साल से ज़्यादा है, वो डॉक्टर की सलाह लेकर न्यूमोकोकलवैक्सीन लगवा सकते हैं.निमोनिया का इलाज करने के लिए एंटीबायोटिक दवाइयों का इस्तेमाल किया जाता है-कोविड निमोनिया से बचने के लिए कोविड वैक्सीन उपलब्ध हैं. जब भी आपकी बारी आए,वैक्सीन ज़रूर लें. कोविड वैक्सीन के दोनों डोज़ लगाना बहुत ज़रूरी है.आपको ये तो समझ में आ गया होगा कि कोविड के दौरान होने वाला निमोनिया इतना ख़तरनाकक्यों है. इसलिए बेहद ज़रूरी है कि आप लक्षणों पर ख़ास ध्यान दें. ख़ासतौर पर अगर आपकोकोविड हुआ है, ताकि आप एकदम सही समय पर और सही इलाज ले सकें. जल्दी ठीक हों.--------------------------------------------------------------------------------वीडियो