बंगाल : 8 लोगों को जिंदा जलाने के बाद बीरभूम से पलायन शुरू!
बीजेपी ने बनाई जांच टीम, राष्ट्रपति शासन लगाने की मांग
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पश्चिम बंगाल (west bengal) के बीरभूम (Birbhum) जिले में तृणमूल कांग्रेस नेता (TMC Leader) की हत्या और उसके बाद आठ लोगों को जिंदा जलाने की घटना को लेकर बीजेपी सक्रिय हो गई है. बीजेपी ने घटना की जांच के लिए 5 सदस्यीय जांच समिति गठित की है. इस समिति में 4 रिटायर्ड आईपीएस समेत कुल 5 सदस्य हैं. जांच समिति में उत्तर प्रदेश के पूर्व डीजीपी बृजलाल, मुंबई के पूर्व पुलिस कमिश्नर व सांसद सत्यपाल सिंह, कर्नाटक के पूर्व आईपीएस और राज्यसभा सांसद केसी राम, पश्चिम बंगाल कैडर की पूर्व आईपीएस भारती घोष और पश्चिम बंगाल के बीजेपी प्रदेश अध्यक्ष सुकांता मजूमदार शामिल हैं. ये सभी बीरभूम के बागुटी गांव जाकर जांच करेंगे और फिर पार्टी अध्यक्ष जेपी नड्डा को अपनी रिपोर्ट सौंपेंगे.
उधर, बीरभूम की घटना में कुछ बच्चों के भी जिंदा जलने पर राष्ट्रीय बाल अधिकार संरक्षण आयोग ने भी संज्ञान लिया है. आयोग ने बीरभूम के पुलिस अधीक्षक (एसपी) और डीजीपी को नोटिस जारी कर तलब किया है. आयोग ने बीरभूम के एसपी से घटना की जांच करने और 3 दिनों के अंदर रिपोर्ट देने को भी कहा है. बीरभूम से पलायन शुरू हुआ बीरभूम (Birbhum) के बागुटी गांव में तृणमूल कांग्रेस के नेता (TMC Leader) भादू शेख की हत्या और फिर आठ लोगों को जिंदा जलाने की घटना के बाद से पूरे इलाके में तनाव है. बागुटी गांव से लोगों का पलायन भी शुरू हो गया है. आजतक ने ग्राउंड पर जाकर भादू शेख के भाई नूर अली से बात की. आजतक के साथ बातचीत करते हुए नूर अली ने कहा,
'मेरे भाई को कल मार दिया गया था, एक को गिरफ्तार कर लिया गया है. मेरे परिवार में महिलाएं हैं. मैं यहां डर के साए में नहीं रह सकता. मैंने परिवार के सदस्यों को खो दिया है. मैं अपने परिवार के साथ बाहर जा रहा हूं.'
हिंसा के बाद गांव से पलायन करते लोग (फोटो: आजतक)
भादू शेख के एक रिश्तेदार खैरुल अली ने कहा,
'हम अपनी जान बचाने के लिए जा रहे हैं. पुलिस ने हमें जाने के लिए कहा है. इन सबके पीछे तृणमूल कांग्रेस के भीतर एक प्रतिद्वंद्वी धड़े का हाथ है. हिंसा को रोकने के लिए पुलिस कुछ भी नहीं कर पाई.'हाई कोर्ट पहुंची बीजेपी मंगलवार, 22 मार्च को इस मामले को लेकर बंगाल भाजपा प्रमुख सुकंता मजूमदार के साथ केंद्रीय गृह मंत्री अमित शाह ने बैठक की. बैठक के बाद मजूमदार ने कहा कि मंत्रालय का एक संयुक्त सचिव स्तर का अधिकारी जल्द बंगाल का दौरा करेगा. केंद्रीय गृह मंत्रालय ने 72 घंटे के भीतर राज्य सरकार से रिपोर्ट भी मांगी है.
इसके अलावा बंगाल भाजपा ने बीरभूम की घटना को लेकर कलकत्ता हाई कोर्ट का भी दरवाजा खटखटाया है. पार्टी ने आरोप लगाया है कि कथित रूप से स्थानीय तृणमूल नेता की हत्या का बदला लेने के लिए हत्याकांड की योजना बनाई गई थी. पार्टी ने बंगाल में बढ़ती हिंसा को लेकर राज्य में राष्ट्रपति शासन लगाने की भी मांग की है.
हालांकि, टीएमसी प्रवक्ता कुणाल घोष ने दावा किया कि यह घटना राजनीति से जुड़ी नहीं है. उन्होंने कहा,
‘बीरभूम के रामपुरहाट के बागुटी गांव में आग लगने से हुई मौतें दुर्भाग्यपूर्ण हैं. लेकिन इसका राजनीति से कोई लेना-देना नहीं है. यह स्थानीय संघर्ष है. कल टीएमसी के डिप्टी ग्राम प्रधान की हत्या कर दी गई थी. वह लोकप्रिय थे. लोग गुस्से में थे. आग की घटना रात में हुई. पुलिस और दमकल अधिकारी कार्रवाई कर रहे हैं.’
बीरभूम में जलाया गया एक घर (फोटो: आजतक)
बीरभूम में क्या हुआ था? बीरभूम के रामपुरहाट के बागुटी गांव में बीते सोमवार, 21 मार्च को टीएमसी नेता भादू शेख की हत्या कर दी गई थी. वह रामपुरहाट ब्लॉक 1 के बारीशल ग्राम पंचायत में उप प्रधान थे. आजतक की रिपोर्ट के मुताबिक उन पर सोमवार रात को बम फेंका गया था.
भादू शेख के साथ जब यह घटना हुई उस समय वह बागुटी क्रॉसिंग लेन के पास खड़े थे. तभी दो मोटरसाइकिल पर चार लोग आए और उन पर देसी बम फेंक कर चले गए. शेख को गंभीर चोटें आईं और उन्हें रामपुरहाट के सरकारी अस्पताल में भर्ती कराया गया. वहां उन्हें मृत घोषित कर दिया गया. इस घटना के बाद कई घरों को जला दिया गया, इसलिए यह माना जा रहा है कि यह राजनीतिक प्रतिशोध है. अब तक क्या कार्रवाई हुई? इंडिया टुडे की रिपोर्ट के मुताबिक बंगाल पुलिस ने इस मामले में 11 लोगों को गिरफ्तार किया है. डीजीपी मनोज मालवीय ने बताया कि अब तक आठ शव बरामद किए गए हैं, जिसमें से सात शव एक ही घर से मिले हैं. उनके मुताबिक मामले की FIR दर्ज कर ली गई है, जांच के लिए एक एसआईटी का गठन किया गया है और रामपुरहाट के एसडीपीओ (सब-डिविजनल पुलिस अधिकारी) को निलंबित कर दिया गया है.
डीजीपी मालवीय ने कहा,
‘आग में सात से आठ घर जलकर खाक हो गए. बीती रात तीन घायलों को बचा लिया गया था. उनमें से एक की आज मौत हो गई. साथ ही, जब आग पर काबू पाया गया, तो पुलिस अधिकारियों की एक टीम को सात जले हुए शव मिले थे. एक ही घर से सातों शव बरामद किए गए. इस घटना में कुल आठ लोगों की मौत हो गई है...इस बात को लेकर जांच चल रही है कि स्थानीय उप ग्राम प्रधान की मौत का बदला लेने के लिए आग लगाई गई थी या किसी अन्य कारण से आग लगी थी. इस मामले में अब तक 11 लोगों को गिरफ्तार किया जा चुका है.'
फोटो: आजतक
डीजीपी मनोज मालवीय ने जानकारी देते हुए ये भी बताया कि राज्य की ममता बनर्जी सरकार ने घटना की जांच के लिए अतिरिक्त पुलिस महानिदेशक (सीआईडी) ज्ञानवंत सिंह की अध्यक्षता में एक विशेष जांच दल (एसआईटी) का गठन किया है.