भारत की संस्कृति में विनम्रता की बड़ी वैल्यू है. किसी से मिलो तो कैसे मिलो, इसकीअलग-अलग परंपराएं हैं. कोई बड़ा हो, तो नमस्ते कीजिए. कई जगहों पर पैर छूने कीरवायत है और कहीं दुआ-सलाम की. अभी ये सारी बातें बताने का कॉन्टेक्स्ट हैंप्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी. उनकी कुछ तस्वीरों के साथ एक पोस्ट वायरल हो रही है.पोस्ट लिखने वालों का दावा है कि तस्वीरों में मोदी एक शेख और एक मुस्लिम नेता केपैर छू रहे हैं. इन तस्वीरों में कुछ ऐसा है, जिसकी वजह से इनको शेयर करने वाले एकलड़के पर केस दर्ज हो चुका है. बावजूद इसके ये फोटो खूब वायरल हो रही हैं.क्या है वायरल पोस्ट में? दो अलग-अलग तस्वीरों का कोलाज है. दोनों में पीएम मोदीकमर झुकाकर हाथ आगे की तरफ बढ़ा रहे हैं. वैसे ही, जैसे लोग पैर छूने के लिए झुकतेहैं. एक तस्वीर में मोदी के सामने हैं सऊदी अरब के किंग सलमान. दूसरी में काली टोपीऔर बंद गले का सूट पहने मंच पर खड़े हैं ऑल इंडिया मजलिस-ए-इत्तेहादुल मुसिलिमीन(AIMIM) के नेता अकबरुद्दीन ओवैसी. मोदी जी उनके सामने पैर छूने के लिए हाथ बढ़ातेनजर आ रहे हैं. मगर ओवैसी की आंखें कहीं और देख रही हैं.पेज को देखकर लगता है कि पोस्ट शेयर करने वाला कांग्रेस का सपोर्टर है.इन्हें शेयर करने वालों का कहना है कि मोदी इनके पैर छू रहे हैं. वो इस बात परप्रधानमंत्री की खिल्ली उड़ा रहे हैं. साथ में, उनके समर्थकों को चिढ़ा भी रहे हैं.कि देखो, तुम्हारा नेता किस-किस के पैर छूता है.सच क्या है? पहले बात उस फोटो की, जिसमें मोदी को सऊदी अरब के सुल्तान के पैर छूनेके लिए झुकते हुए दिखाया गया है. ये तस्वीर आज की नहीं है. न ही ये पहली बार वायरलहो रही है. करीब तीन साल पहले 2015 में भी ये वायरल हुई थी. ये फोटो असली नहीं है.दो अलग-अलग तस्वीरों को आपस में जोड़कर, उन्हें एडिट करके तैयार की गई है. पहले येदेखिए कि किंग सलमान का फोटो कहां से लिया गया है-ये फोटो 2015 में ली गई थी. इसमें किंग सलमान को देखिए. उनके कपड़े, हाथ वगैरह. अबइसे वायरल फोटो में नजर आ रहे किंग सलमान के पोश्चर से मिलाइए. है न डिट्टो मैचिंग.इस तस्वीर में सऊदी अरब के सुल्तान सलमान बिन अब्दुल अज़ीज़ पाकिस्तान के पूर्वप्रधानमंत्री नवाज शरीफ के साथ हैं. नवाज तीन दिन की आधिकारिक यात्रा पर सऊदीपहुंचे थे. तब उनका विमान रियाद स्थित किंग खालिद एयरपोर्ट पर लैंड हुआ था. किंगसलमान खुद उन्हें रिसीव करने वहां पहुंचे थे. ये तस्वीर उसी वक्त की है. एडिटिंग कीमदद से इस फोटो से किंग सलमान का हिस्सा क्रॉप करके इसे मोदी की एक तस्वीर के साथजोड़ दिया गया है. मोदी की वो तस्वीर ये वाली है-2013 की ये फोटो न्यूज एजेंसी पीटीआई की है. मोदी मंच पर अपने साथ खड़े आडवाणी काआशीर्वाद लेने के लिए झुके हुए हैं. अब देखिए कि क्या खेल हुआ ये बड़ी चर्चित फोटो है. सितंबर 2013 में खींची गई थी.मौका था भोपाल में आयोजित एक रैली का. इसमें आडवाणी, मोदी, राजनाथ सिंह, शिवराजसिंह चौहान सब शरीक हुए थे. ये उन मौकों में से था, जब आडवाणी की मोदी के प्रतिनाराजगी खुलकर जाहिर हो गई थी. हुआ यूं कि मोदी और आडवाणी एक मंच पर थे तभी मोदी नेझुककर आडवाणी के पैर छुए, मगर आडवाणी ने उन्हें आशीर्वाद नहीं दिया. वे सामने कीतरफ देखते रहे. इस तस्वीर की बड़ी खबरें बनी थीं. इसी फोटो में से किसी ने मोदीवाला हिस्सा क्रॉप किया है. और उसे किंग सलमान वाली क्रॉप्ड फोटो के साथ एक फ्रेममें जोड़ दिया है. कट-पेस्ट और फोटो शॉप से ऐसी फोटो तैयार हुई, जिसे देखकर लगता हैकि मोदी किंग सलमान के पैर छू रहे हैं.आपको समझने में आसानी हो, इसके लिए हमने दोनों तस्वीरों को एक फ्रेम में जोड़ दियाहै. अब सोचिए कि फ्रेम से नवाज शरीफ और आडवाणी को हटा दिया जाए. फिर मोदी और किंगसलमान को अगल-बगल खड़ा कर दिया जाए, तो देखने में क्या लगेगा? यही न कि मोदी किंगसलमान के पैर छू रहे हैं. लोगों ने एडिटिंग का गलत इस्तेमाल करके ये करतूत की है. ओवैसी वाली फोटो का क्या चक्कर है? इसमें भी वही खेल किया गया है. वही भोपाल मेंआडवाणी के पैर छू रहे मोदी की फोटो क्रॉप करके किसी ने उसे ओवैसी की तस्वीर के साथजोड़ा है. आप दोनों वायरल फोटो को गौर से देखिए. दोनों का बैकग्राउंड एक ही है.दोनों तस्वीरों में पीछे खड़े लोग सेम हैं. यहां तक कि मोदी के हाथ और पैरों के बीचसे पीछे की तरफ रखी चीजें- गुलदस्ता और पानी की बोतल भी वही हैं. अब समझे कि खेलक्या हुआ है. कहीं की ईंट, कहीं का रोड़ा और इस तरह भानुमती ने कुनबा जोड़ा.बाईं तरफ वाली तस्वीर असली है. इसमें मोदी के पैर और हाथ के बीच की खाली जगह मेंपीछे की तरफ रखी पानी की दो बोतलें दिख रही हैं. बाकी दोनों फोटो देखिए. लाल घेरेके अंदर आपको वो दोनों बोतलें नजर आईं. वही फ्रेम है न. बस सामने खड़े आडवाणी कोरिप्लेस कर दिया गया है. इस पोस्ट को शेयर करने पर जेल में चक्की पीसनी पड़ सकती है इसे हल्के में कतई मतलीजिएगा. कर्नाटक के कोप्पल में एक 25 साल का लड़का था. नाम था मोहम्मद महबूब. उसनेये पोस्ट अपने फेसबुक पर शेयर की थी. इस पर बीजेपी के कुछ कार्यकर्ताओं की नजर गईऔर उन्होंने पुलिस में शिकायत की. पुलिस ने ऐक्शन लिया. महबूब पर इंडियन पीनल कोड(IPC) के सेक्शन 153 ए के तहत मामला दर्ज हुआ. उसे जेल जाना पड़ा था. जरूरी थोड़ेहै कि खुद गलती करके सीखो. औरों की गलती से भी सीखना चाहिए. फेक न्यूज के प्रतिजागरूकता दिखाने की समझदारी न सही, कम से कम जेल जाने की परवाह से ऐसी फर्जीपोस्ट्स शेयर करने से बचिए.--------------------------------------------------------------------------------भोपाल में आयुर्वेद कॉलेज से होगा फेक न्यूज का इलाज़प्राइमरी पर काम करने वाले बता रहे हैं MP में पढ़ाई का गुड़ गोबर कैसे हुआ?