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साहित्य उत्सव में किताब प्रेमियों का ऐसा 'प्यार' देख, किताबें भी मांगने लगीं माफी!

Literature Fest का ये वीडियो देख बुक लवर बोले, 'एक ही वक़्त में रोना भी आ रहा है और गुस्सा भी!'

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Decoration of a gate of a Literature Fest by Kirori Mal College.
किरोड़ी मल कॉलेज के Literature Fest का वीडियो वायरल. Credits : Instagram/soumil_sehgal
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अभिलाष प्रणव
6 दिसंबर 2023 (Updated: 6 दिसंबर 2023, 23:35 IST)
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पोथी पढ़ि पढ़ि जग मुवा, एस्थेटिक भया न कोय,
ढाई आखर डेकोरेशन का, करे सो एस्थेटिक होय

हमने कबीर के सुन्दर से दोहे का चीड़-फ़ाड़ क्यों किया? क्योंकि DU के बच्चों ने तो सजावट के लिए किताबों के ही चीथड़े उड़ा दिए. इंस्टाग्राम पर एक वीडियो दिखा, पता चला कि दिल्ली यूनिवर्सिटी के किरोड़ी मल कॉलेज में Literature Fest यानी साहित्य का उत्सव मनाया जा रहा है. एंट्री गेट पर किताबें रखी हैं. मगर किताबों के रखने का स्टाइल कैज़ुअल नहीं, वीभत्स था. कई सारी किताबों में छेद किया गया और एक माला की तरह गूंथ दिया गया. ऐसा एक नहीं दर्जनों किताबों के साथ किया गया. जहां ज़्यादातर किताबों को फाड़ कर सजाया गया वहीं कुछ किताबें नीचे ज़मीन में बिखरी भी दिखीं. 
वायरल वीडियो Soumil Sehgal और DU__CLUB नाम के इंस्टाग्राम एकाउंट्स के बीच कोलैब था, पहले आप वो वायरल वीडियो  देखिए :

वीडियो में दिख रहा है कि पीछे मंच से शायद कोई किताबों की ज़रूरत के बारे में ही बता रहा है लेकिन आगे गेट पर किताबों का ये हाल है. उसपर किसी का भी ध्यान शायद इसलिए नहीं गया होगा क्योंकि वाइब आ रही है. फेस्ट में माहौल एस्थेटिक दिख सके, तस्वीर अच्छी आ सकें, सब कुछ सुन्दर लगे, यहां फोटो खिंचवा के इंस्टाग्राम में लोग डालें तो सबको झोला भर के लाइक कमेंट मिले, इसलिए ऐसी सजावट की गयी होगी. लेकिन, किताबों का ये हाल देख सब गुस्सा ही नज़र आये. लोग इस वीडियो के कमेंट बॉक्स में ऐसा करने वालों को सुनाते हुए मिले.

ये भी पढ़ें: जब 'चुड़ैल की चोली' जैसी किताबें लिखने वाले को प्यार हो जाए

एक कमेंट आया कि आप जानते हैं कि जिन लोगों ने इस सजावट को मंजूरी दी, उन्होंने कभी भी अपनी कोर्स के बाहर कभी कोई किताब नहीं पढ़ी.

 

एक यूज़र ने लिखा कि ये उन किताबों का अपमान है जिन्हें हम भगवान की तरह मानते हैं.
 

एक कमेंट दिखा जिसमें कहा गया कि मुझे एक ही वक़्त में रोना भी आ रहा है और गुस्सा भी!
 

एक यूज़र ने इसकी तुलना ईशनिंदा से की, कमेंट किया, ये सजावट किसी 'बुक लवर' ने ना किया होगा ना अप्रूव किया होगा.
 

इसके अलावा ऐसे भतेरे कमेंट्स थे, जिनमें कहा गया कि आखिर कोई ऐसा करने की सोच भी कैसे सकता है! इस डेकोरेशन के बारे में आपका क्या ख़्याल है, हमें कमेंट करके बताएं.

वीडियो: वो दस किताबें जो इंडिया में बिल्कुल बैन हैं

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