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'अपने बच्चों से ये काम न करवाएंगे', मजदूरों की जान बचाने वाले रैटमाइनर ने रोते हुए सुनाई असल कहानी

Uttarkashi tunnel हादसे के बचाव अभियान के हीरो बताए जा रहे Munna qureshi ने रैट माइनिंग के बारे में बताया है. अपनी बात कहते-कहते कुरैशी फूट-फूट कर रोने लगे. बताया कैसे हैं हालात?

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uttarkashi tunnel rescue rat mining hero munna qureshi
अपनी बात पूरी करते हुए मुन्ना कुरैशी फूट-फूट कर रोने लगे. (तस्वीर साभार: इंडिया टुडे)
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रवि सुमन
30 नवंबर 2023 (Published: 13:40 IST)
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उत्तरकाशी सुरंग हादसे (Uttarkashi Tunnel Collapse) के बचाव अभियान में रैट माइनिंग का बड़ा योगदान रहा. रैट माइनर्स की टीम को लीड किया मुन्ना कुरैशी (Munna Qureshi) ने. कुरैशी के योगदान के लिए उनकी खूब तारीफ हुई. इंडिया टुडे से बात करते हुए कुरैशी ने रैट माइनिंग के काम के पीछे की हकीकत बयां की.

इंडिया टुडे के एंकर शिव अरूर ने मुन्ना से पूछा कि अब आप सरकार से क्या कहना चाहते हैं? इस पर जवाब मिला कि भारत के सभी मजदूरों को इतनी सैलरी दी जाए कि उनकी सारी परेशानियां दूर हो जाएं. मजदूरों को इतनी कम सैलरी ना दी जाए कि कल को उनको दिक्कतों का सामना करना पड़े. आजकल जिन कंपनियों को टेंडर मिलता है वो मजदूरों का पैसा रोक देते हैं. कभी आधे पैसे दे देते हैं, कभी देते भी नहीं. बेचारे मजदूर भटकते रहते हैं और कुछ कर भी नहीं पाते. इससे मजदूर तंग हो जाते हैं और उनके परिवार को भी दिक्कतें होती हैं. 

ये भी पढ़ें: मुन्ना कुरैशी को सुरंग ऑपरेशन का हीरो क्यों बताया जा रहा है?

फूट-फूट कर रोने लगे मुन्ना

अगला सवाल था कि आप अपने बच्चों को इस बचाव अभियान के बारे में क्या बताएंगे? कैसे बताएंगे कि सुरंग के अंदर क्या हुआ था? इस पर जवाब मिला, ‘मैं कुछ नहीं बताउंगा. मैं नहीं चाहता कि वो ये सब देखें.’ इतना कहते ही मुन्ना कुरैशी की आंखों से आंसू निकल आए. उन्होंने रोते हुए कहा कि हर मां-बाप चाहते हैं कि उनका बेटा इंजीनियर बने, पढ़े-लिखे. उन्होंने आगे कहा कि वो अपने बच्चों से रैट माइनिंग का काम नहीं करवाना चाहते. 

कुरैशी ने आगे कहा,

‘मैं अपने बच्चों को कहूंगा कि अगर कभी ऐसा मौका आए तो ही वहां जाना. क्योंकि दूसरों की जान बचाना पुण्य का काम होता है. उन्होंने कहा कि वो चाहते हैं कि उनके बच्चे कोई और काम करें. एक इंसान की भी जान बचाना पुण्य का काम होता है, ऐसे में 41 जान बचाना बहुत बड़ी बात है.’ 

अपनी बात पूरी करते हुए मुन्ना फूट-फूट कर रोने लगे. मुन्ना कुरैशी दिल्ली के खजूरी खास के रहने वाले हैं. वे सीवर और वॉटर लाइन्स को साफ करने का काम करते हैं.

क्या है रैट माइनिंग?

उत्तरकाशी के बचाव अभियान में ऑगर मशीन के खराब होने के बाद रैट माइनिंग के प्रोसेस से मैन्यूल ड्रिलिंग की गई. आमतौर पर रैट माइनिंग का इस्तेमाल कोयला खनन के लिए किया जाता है. इसमें माइनर्स छोटे-छोटे और तंग गड्ढों में खुदाई करते हैं. इस प्रक्रिया में पहले गड्ढे खोदे जाते हैं फिर रस्ससियों या बांस की सीढ़ियों का उपयोग किया जाता है. इसके बाद गैंती, फावड़े और टोकरियों जैसे छोटे उपकरणों की सहायता से मैन्युअली खुदाई की जाती है. रैट माइनिंग को विवादास्पद और खतरनाक प्रक्रिया माना जाता है.

ये भी पढ़ें: 12 रैट माइनर्स ने कैसे की मैनुअल ड्रिलिंग?

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