उत्तरकाशी: ढही सुरंग में फंसे 40 मजदूरों से हुई बात, कब तक बाहर निकल आएंगे?
12 और 13 नवंबर की दरमियानी रात को 2 बजे फंसे मजदूरों से सपंर्क स्थापित किया गया था, जिसके बाद उन्हें खाना-पानी पहुंचाया गया. सभी मजदूर सुरक्षित हैं.
उत्तरकाशी में सिल्क्यारा सुरंग का हिस्सा ढहने (Uttarkashi Tunnel Collapse) के चलते वहां करीब 40 मजदूर फंसे हुए हैं. खबर है कि रेस्क्यू ऑपरेशन में जुटी टीम ने लगभग आधा मलबा साफ कर लिया है. इस बीच अंदर फंसे मजदूरों से सपंर्क भी साधा गया है. पता चला है कि वहां सभी लोग सुरक्षित हैं. उम्मीद है कि 13 नवंबर की शाम को सभी को सुरक्षित बाहर निकाल लिया जाएगा.
NDRF के असिस्टेंट कमांडेंट करमवीर सिंह भंडारी ने मीडिया को बताया,
सुरंग के अंदर फंसे सभी 40 लोग सुरक्षित हैं. हमने उन्हें पानी और खाना मुहैया कराया है. बचाव कार्य जारी है. गीले मलबे के चलते हमें थोड़ी दिक्कत हो रही है लेकिन हमारी टीम कोई कसर नहीं छोड़ रही है.
जानकारी है कि 12 और 13 नवंबर की दरमियानी रात को 2 बजे फंसे मजदूरों से सपंर्क स्थापित किया गया था, जिसके बाद उन्हें खाना-पानी पहुंचाया गया. उत्तरकाशी के सर्किल ऑफिसर प्रशांत कुमार ने बताया कि वो सुरंग के अंदर लगभग 15 मीटर तक चले गए हैं और लगभग 35 मीटर दूरी अभी भी तय करना बाकी है. सुरंग के अंदर जाने के लिए बगल में रास्ता बनाया जा रहा है.
फंसे मजदूर बिहार, झारखंड, उत्तर प्रदेश, पश्चिम बंगाल, ओडिशा, उत्तराखंड और हिमाचल प्रदेश से हैं. SDRF ने बताया था कि बचाव दल ने फंसे हुए मजदूरों को ऑक्सीजन देने के लिए मलबे के बीच एक पाइप भी डाली है.
इससे पहले, 12 नवंबर को सुबह 6 से 7 बजे के बीच सिल्क्यारा को डंडालगांव से जोड़ने वाली निर्माणाधीन सुरंग का एक हिस्सा ढह गया था. शुरुआती जांच में पता चला कि हादसा भूस्खलन के चलते हुआ. भूस्खलन प्रवेश द्वार से 200 मीटर की दूरी पर हुआ और मजदूर प्रवेश द्वार से 2,800 मीटर सुरंद के अंदर थे.
जो सुरंग ढही है, वो ऑल-वेदर-रोड प्रोजेक्ट के तहत बन रही है. राष्ट्रीय राजमार्ग और बुनियादी ढांचा विकास निगम लिमिटेड (NHIDCL) की देख-रेख में नवयुग इंजीनियरिंग कंपनी लिमिटेड ये 4.5 किलोमीटर लंबी सुरंग बना रही है. बचाव टीमों के साथ कंपनी भी मलबा हटाने में जुटी है. पहले इस टनल का काम सितंबर 2023 में पूरा होना था लेकिन प्रोजेक्ट में देरी हो गई है. अब इसे मार्च 2024 तक पूरा करने का टारगेट रखा गया है. सुरंग के बनने से उत्तरकाशी से यमुनोत्री धाम तक का सफर 26 किलोमीटर कम हो जाएगा.
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