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भीषण गर्मी में पंचाग्नि तपस्या करने वाले 'पागल बाबा' की मौत कैसे हुई?

उत्तर प्रदेश के संभल में भीषण गर्मी में तपस्या कर रहे एक साधु की मौत हो गई है. वो एक अनुष्ठान के तहत अपने आसपास आग जलाकर तपस्या कर रहे थे. यह तपस्या 23 से 27 मई तक होनी थी. इसके पहले भी 23 बार वो इस तरह की तपस्या कर चुके थे.

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Uttar pradesh sambhal a sadhu dies doing tapasya around fire flames
उत्तर प्रदेश के संभल में भीषण गर्मी में तपस्या कर रहे एक साधु की मौत हो गई है. क्रेडिट - इंडिया टुडे
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आनंद कुमार
27 मई 2024 (Published: 12:58 IST)
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उत्तर प्रदेश के संभल में भीषण गर्मी में तपस्या कर रहे एक साधु की मौत हो गई है. वो एक अनुष्ठान के तहत अपने आसपास आग जलाकर तपस्या कर रहे थे. इसी दौरान अचानक उनकी तबीयत बिगड़ गई. और अस्पताल ले जाने के दौरान उनकी मौत हो गई.

आजतक की रिपोर्ट के मुताबिक, ये साधु अमेठी के रहने वाले थे.और ‘कमलीवाले पागल बाबा’ के नाम से मशहूर थे. पागल बाबा संभल के कैला देवी इलाके में विश्व शांति और नशा मुक्ति के लिए 'पंचाग्नि' तपस्या कर रहे थे. यह तपस्या 23 से 27 मई तक होनी थी. इसके लिए उन्होंने संभल के सब डिविजनल मजिस्ट्रेट विनय कुमार मिश्रा से मंजूरी ली थी.

विनय कुमार मिश्रा ने बताया,  

26 मई को अचानक बाबा की तबीयत बिगड़ गई. जिसके बाद स्थानीय ग्रामीणों ने उन्हें जिला अस्पताल ले जाने की कोशिश की. लेकिन रास्ते में ही उनकी मौत हो गई. 

स्थानीय निवासियों ने बताया कि वे अपने चारों ओर अलाव जलाकर तपस्या कर रहे थे. वहीं पागल बाबा के अनुयायियों ने बताया कि वह विश्व शांति और नशीली दवाओं की लत से मुक्ति के लिए समर्पित थे. और इसके लिए ही तपस्या कर रहे थे. 

ये भी पढ़ें - यूपी : साधुओं ने बंदे को बहलाकर समाधि दिलवा दी, पुलिस पहुंची तो इस हाल में मिला!

संभल जिला प्रशासन के मुताबिक,

बाबा ने इसके पहले उन्होंने अलग-अलग स्थानों पर 23 बार इस तरह की तपस्या  कर चुके थे.

प्रशासन ने आगे बताया कि पागल बाबा के परिवार वालों को उनकी मौत की खबर दे दी गई है.

बाबा की मौत के बाद लोग इस पर सवाल उठा रहे हैं कि आखिर इतनी गर्मी में प्रशासन ने आग जलाकर तपस्या करने की अनुमति कैसे दे दी. और अनुमति देने के बाद वहां चिकित्सा के इंतजाम क्यों नहीं किए गए. उनके सेवादारों ने भी प्रशासन और स्वास्थ्य विभाग के रवैये के प्रति नाराजगी जताई है.

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