उत्तर प्रदेश में 3 रेलवे स्टेशनों के नाम किसके कहने पर बदले गए?
और कौन से रेलवे स्टेशनों के नाम बदल सकते हैं?
उत्तर प्रदेश में 3 रेलवे स्टेशनों के नाम बदल दिए (Railway stations name change in UP) गए हैं. इसकी घोषणा जुलाई 2023 में हुई थी. अब 5 अक्टूबर को उत्तर रेलवे ने इसका आधिकारिक आदेश जारी कर दिया है. ये तीनों स्टेशन प्रतापगढ़ जिले के प्रमुख धार्मिक स्थल हैं. स्थानीय मीडिया रिपोर्ट्स के अनुसार, भारतीय रेलवे ने इनके नाम धार्मिक स्थलों के नाम पर रखने का फैसला किया था. अब इसे लागू कर दिया गया है.
उत्तर रेलवे ने अपने आदेश में बताया,
सांसद भेज रहे हैं नाम बदलने का प्रस्ताव"प्रतापगढ़ स्टेशन को अब 'मां बेल्हा देवी धाम प्रतापगढ़ जंक्शन' कहा जाएगा. 'अंतू स्टेशन' का नाम 'मां चंद्रिका देवी धाम अंतू स्टेशन' होगा. साथ ही 'बिशनाथगंज स्टेशन' का नाम बदलकर 'शनिदेव धाम बिशनाथगंज' हो गया है. ये बदलाव तत्काल प्रभाव से लागू किया जाता है."
सांसद संगम लाल गुप्ता ने केंद्रीय रेल मंत्रालय को इन स्टेशनों का नाम बदलने का प्रस्ताव भेजा था. वे प्रतापगढ़ लोकसभा सीट से BJP सांसद हैं.
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इससे पहले साल 2020 में सांसद विनोद सोनकर ने भी कुंडा हरनामगंज स्टेशन का नाम बदलने का प्रस्ताव दिया था. उन्होंने इसे बदलकर कृपालु महाराज स्टेशन करने के लिए कहा था. उनका कहना था कि ये कृपालु महाराज का जन्मस्थान है, इसलिए उनके नाम पर स्टेशन होना चाहिए. विनोद सोनकर कौशांबी लोकसभा से BJP सांसद हैं.
लखनऊ के आलमनगर रेलवे स्टेशन का भी नाम बदला जा सकता है. सांसद कौशल किशोर ने भारतीय रेलवे बोर्ड के सामने इसका नाम बदलकर श्री बुद्धेश्वर धाम स्टेशन करने का प्रस्ताव रखा है. कौशल किशोर लखनऊ की ही मोहनलालगंज लोकसभा सीट से BJP सांसद हैं.
ये प्रस्ताव रेलवे बोर्ड के साथ ही गृह मंत्रालय को भी भेजे गए हैं. फिलहाल इनकी प्रक्रिया जारी है. इससे पहले उत्तर प्रदेश के झांसी जंक्शन का नाम भी बदला गया था. इस स्टेशन को अब वीरांगना लक्ष्मीबाई झांसी रेलवे स्टेशन कहा जाता है.
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