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अमेरिका ने भारत को 1400 से ज्यादा प्राचीन चीजें लौटाई हैं, कीमत करोड़ों में है

US के Manhattan District Attorney ने एक बयान जारी कर इसकी ख़बर दी है. उन्होंने बताया है कि मूर्तियां और दूसरी प्राचीन वस्तुएं, तस्करी के नेटवर्क पर की जा रही जांचों के बाद बरामद की गई हैं.

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US returns over 1400 looted antiques
आने वाले महीनों में ये वस्तुएं वापस भेजी जाएंगी. (फ़ोटो क्रेडिट - manhattanda.org)
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हरीश
17 नवंबर 2024 (Updated: 17 नवंबर 2024, 11:37 IST)
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अमेरिका ने भारत को 1,400 से ज़्यादा प्राचीन वस्तुएं लौटा दी हैं. इन वस्तुओं की कुल क़ीमत 10 मिलियन डॉलर यानी लगभग 84.50 करोड़ रुपये बताई गई है. इन वस्तुओं में 1980 के दशक में मध्य प्रदेश से लूटी गई बलुआ पत्थर की एक मूर्ति और 1960 के दशक में राजस्थान से लूटी गई हरे-भूरे रंग की एक मूर्ति भी शामिल है. आने वाले महीनों में इन्हें भारत वापस भेजा जाएगा.

इसे लेकर मैनहट्टन डिस्ट्रिक्ट अटॉर्नी एल्विन एल. ब्रैग जूनियर ने एक बयान जारी किया है. इस बयान के अनुसार,

अमेरिका में एक समारोह में ये कलाकृतियां लौटाई गईं. इस दौरान भारतीय महावाणिज्य दूतावास के मनीष कुल्हारी और न्यूयॉर्क सांस्कृतिक संपत्ति, कला और पुरावशेष ग्रुप की होमलैंड सिक्योरिटी इनवेस्टीगेशन ग्रुप सुपरवाइज़र एलेक्जेंड्रा डीअर्मास भी उपस्थिति रहे. इस कार्यक्रम में कम से कम 1,440 पुरावशेष भारत को लौटाये गए, जिनकी कुल क़ीमत 10 मिलियन डॉलर है.

Madhya Pradesh से नर्तकी की मूर्ति लूटी गई

इन वस्तुओं में एक नर्तकी को दर्शाती बलुआ पत्थर की मूर्ति भी है. इसे 1980 के दशक की शुरुआत में मध्य प्रदेश के एक मंदिर से लूटा गया था. लुटेरों ने तस्करी और अवैध बिक्री को सुविधाजनक बनाने के लिए मूर्ति को दो हिस्सों में बांट दिया था. फरवरी 1992 तक दोनों हिस्सों को अवैध रूप से लंदन से न्यूयॉर्क भेजा. बाद में इसे जोड़ा गया और मेट्रोपॉलिटन म्यूज़ियम ऑफ़ आर्ट (Met) को दान कर दिया गया. ये Met में तब तक प्रदर्शन के लिए रखी गई, जब तक कि 2023 में इसे पुरावशेष यातायात इकाई (Antiquities Traffic Unit) ने जब्त नहीं कर लिया.

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Celestial Dancer. (फ़ोटो क्रेडिट - manhattanda.org)
Rajasthan की Tanesar Mata Devi

दूसरी मूर्ति, तनेसर माता देवी की है. जो हरे-भूरे रंग की शिस्ट से बनी है. ये राजस्थान के तनेसर-महादेवा गांव से लूटी गई थी. 13 नवंबर को जारी एल. ब्रैग जूनियर के बयान में कहा गया कि 1950 के दशक के अंत में इसकी चोरी हुई थी. जब एक भारतीय ऑर्कियोलॉजिस्ट ने 11 अन्य मूर्तियों के साथ-साथ तनेसर माता देवी की मूर्ति को चुरा लिया था. 1968 तक, तनेसर माता देवी की मूर्ति मैनहट्टन गैलरी में थी.

न्यूयॉर्क में दो अन्य संग्रहकर्ताओं से गुजरने के बाद Met ने 1993 में इस मूर्ति को अपने अधिकार में ले लिया. यहां ये मूर्ति 2022 में ATU के जब्त किए जाने तक प्रदर्शन पर रही. बयान में कहा गया कि ये मूर्तियां, तस्करी के नेटवर्क पर की जा रही जांचों के तहत बरामद की गई हैं. इससे पहले, तस्करी के आरोपी सुभाष कपूर और दोषी तस्कर नैन्सी वीनर को भी पकड़ा गया था. इंडियन एक्सप्रेस की ख़बर के मुताबिक़, मेट में एक खजाने का पता एंटीक डीलर कपूर से लगाया गया था, जो तमिलनाडु में जेल की सजा काट रहा है.

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तनेसर माता देवी. (फ़ोटो क्रेडिट - manhattanda.org)

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30 देशों की 230 मिलियन डॉलर की वस्तुएं बरामद

बयान में कहा गया है कि ब्रैग के कार्यकाल के दौरान, ज़िला अटॉर्नी की यूनिट ने 30 से ज़्यादा देशों से चुराई गए 2,100 से ज़्यादा पुरावशेष बरामद किए. इन सबकी कुल क़ीमत लगभग 230 मिलियन डॉलर है. इसमें कहा गया है कि लगभग एक हजार पुरावशेष - जिनमें भारत से लूटे गए और इस साल की शुरुआत में बरामद किए गए 600 से ज़्यादा पुरावशेष शामिल हैं, को आने वाले महीनों में वापस भेजा जाएगा.

(न्यूज़ एजेंसी PTI के इनपुट के साथ)

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