UP STF ने अनूप चौधरी को अरेस्ट किया, खुद को रेल मंत्रालय का सदस्य बता ठगी का आरोप
STF काफी समय से इसके पीछे थी. उन्हें लंबे समय से सरकारी काम कराने के बदले पैसे लूटने वाले गिरोह के बारे में सूचना मिल रही थी. जो संगठित तौर पर सरकार की योजनाओं को लोगों तक पहुंचान के नाम पर अपराध कर रहे थे.
उत्तर प्रदेश पुलिस की स्पेशल टास्क फोर्स ने अयोध्या से अनूप चौधरी को ठगी के आरोप में गिरफ्तार (Anoop Chaudhary Arrested) कर लिया है. आरोप है कि वो खुद को रेल मंत्रालय का सदस्य बताकर करोड़ों रुपये लूट चुका है. यही नहीं, वो इस दम पर हर जगह VVIP प्रोटोकॉल हासिल कर लेता था. साथ ही अपने फर्जी रसूख के चलते वो एक एक सरकारी गनर भी लेकर चलता था.
इंडिया टुडे से जुड़े आशीष श्रीवास्तव की रिपोर्ट के मुताबिक, STF काफी समय से इसके पीछे थी. उन्हें लंबे समय से सरकारी काम कराने के बदले पैसे लूटने वाले गिरोह के बारे में सूचना मिल रही थी. जो संगठित तौर पर सरकार की योजनाओं को लोगों तक पहुंचान के नाम पर अपराध कर रहे थे.
ये गिरोह खुद को सरकार के मंत्रालयों का सदस्य बताता था. कई बार ये खुद को राजनीतिक दल के वरिष्ठ कार्यकर्ता बताते. फिर लोगों से सरकारी काम कराने के नाम पर पैसे लूटते. STF की कई टीमें इस गिरोह को पकड़ने में लगी हुई थीं. इस दौरान उन्हें अनूप चौधरी के बारे में सूचना मिली. उन्हें पता चला कि वो 23 अक्टूबर को अयोध्या के सर्किट हाउस में रुका हुआ है.
कारोबारी के साथ अयोध्या पहुंचा अनूपइसके बाद STF की टीमें सर्किट हाउस पहुंच गईं. लेकिन उन्हें यहां अनूप नहीं मिला. STF की टीमों ने कुछ देर इंतजार किया. थोड़ी देर बाद एक सफेद रंग की स्कॉर्पियो आती हुई दिखाई दी. इसका नंबर UP 42 AB 1800 है. गाड़ी की आगे की सीट पर एक गनर बैठा हुआ था.
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स्कॉर्पियो रुकने के बाद गनर नीचे उतरा और उसने अपना नाम पवन कुमार बताया. उसने बताया कि उसकी तैनाती गाजियाबाद जिले में है. गनर ने ये भी बताया कि अंदर अनूप चौधरी बैठा हुआ है और वो भारत सरकार के रेल मंत्रालय का सदस्य है. गाड़ी में अनूप और पवन के साथ ड्राइवर फिरोज आलम और एक दूसरा व्यक्ति सतेंद्र वर्मा भी मौजूद थे.
सतेंद्र वर्मा लखनऊ में कारोबार करते हैं. अनूप उन्हें झांसा देकर अयोध्या लाया था. उसने उन्हें यहां राम मंदिर में VIP दर्शन कराने का झांसा दिया था. सतेंद्र वर्मा ने STF को बताया,
रेल मंत्रालय का सदस्य बन करता था फर्जीवाड़ा!"अनूप चौधरी से मेरी मुलाकात एयरपोर्ट पर हुई. उसने मुझसे अलग-अलग तीर्थ स्थानों के हेलीकॉप्टर से दर्शन कराने के लिए एक कंपनी बनाने में मदद मांगी. वो चाहता था कि मैं उसके साथ इस कंपनी में पार्टनर बनकर पैसा लगाऊं. आज उसने अयोध्या दर्शन की बात की तो मैं भी साथ में अयोध्या आ गया."
वहीं, अनूप ने बताया कि वो उत्तर रेलवे की क्षेत्रीय रेल उपयोगकर्ता परामर्शदात्री समिति और खाद्य एवं सार्वजनिक वितरण उपभोक्ता मंत्रालय के भारतीय खाद्य निगम का अशासकीय सदस्य है. फिलहाल वो गाजियाबाद के वैशाली सेक्टर 5 में रहता है. वो चेन्नई से लखनऊ होता हुआ अयोध्या आया है.
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STF की पूछताछ में अनूप चौधरी ने बताया कि वो खुद को रेलवे मंत्रालय का सदस्य बताकर फर्जी लेटर पैड पर लिखकर या ईमेल भेजकर संबंधित अधिकारियों से VIP प्रोटोकॉल की मांग करता था. अधिकारी उसकी बातों में आ जाते थे. हाल ही में उसने तमिलनाडु घूमने के दौरान भी यही किया. इसी तरह उसने गाजियाबाद के SSP को लेटर लिखकर सरकारी गनर रखने की मांग की. जो उसे मिल भी गया.
अनूप पर उत्तर प्रदेश, उत्तराखंड और राजस्थान में 10 से भी ज्यादा केस दर्ज हैं. उत्तराखंड पुलिस ने तो उसके सिर पर 15,000 रुपये का ईनाम भी घोषित किया है. STF ने अनूप चौधरी और उसके ड्राइवर फिरोज आलम को हिरासत में लेकर स्पेशल रिमांड मजिस्ट्रेट के सामने पेश किया. जज ने फिलहाल दोनों को जेल भेज दिया है. STF ने यूपी पुलिस के गनर पवन कुमार को अभी वापस भेज दिया है. इस मामले की जांच जारी है.
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