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कानपुर देहात में मां-बेटी के जलने तक बात कैसे पहुंच गई? 10 पॉइंट में जानिए

यूपी के कानपुर देहात से भयावह तस्वीरें सामने आईं, तस्वीर एक लाचार-बेबस बुजुर्ग की, आग में जिंदा जलीं मां-बेटी की

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बाएं से दाएं - कृष्ण गोपाल दीक्षित, नेहा दीक्षित और प्रमिला दीक्षित | फोटो: आजतक
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अभय शर्मा
14 फ़रवरी 2023 (Updated: 14 फ़रवरी 2023, 17:27 IST)
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कानपुर देहात (kanpur Dehat) से आई एक बुजुर्ग की हृदय विदारक तस्वीर ने झकझोर कर रख दिया है. ये बुजुर्ग एक घर का मुखिया था, उस घर का, जो अब नहीं है. वो घर जिसमें प्रशासन की कार्रवाई के दौरान ऐसी आग लगी कि बुजुर्ग की पत्नी और 21 साल की बेटी की जलकर मौत हो गई. फोटो में बुजुर्ग कृष्ण गोपाल दीक्षित की बेबसी और लाचारी का भाव और बेटी-पत्नी को न बचा पाने की टीस साफ झलक रही है. आग में वो खुद भी झुलस गए. आग क्यों लगी? ऐसा क्या हुआ? जो स्थिति इस भयावह घटना तक पहुंच गई. महज 10 पॉइंट में आपको शुरुआत से अब तक की कहानी बताते हैं.   

1- कानपुर देहात की मैथा तहसील के मड़ौली गांव में रहते हैं गेदनलाल. कुछ समय पहले गेदनलाल ने गांव के ही कृष्ण गोपाल दीक्षित और उनके बेटों अंश दीक्षित और शिवम दीक्षित आदि के खिलाफ शिकायत की. शिकायत में कहा गया कि इन लोगों ने सरकारी जमीन पर कब्जा कर मकान बनाया है.

2- शिकायत के बाद 13 जनवरी, 2023 को SDM मैथा के निर्देश पर राजस्व निरीक्षक नंद किशोर, लेखपाल अशोक सिंह चौहान ने जेसीबी से मकान ढहा दिया. आरोप है कि पुलिस प्रशासन के अधिकारियों ने बिना किसी पूर्व नोटिस और सूचना के ही घर गिरा दिया.

3- पीड़ित कृष्ण गोपाल दीक्षित और उनके पुत्र शिवम ने परिजनों के साथ लोडर से बकरियां लेकर माती में डीएम मुख्यालय में धरना दिया. उन्होंने नया आवास मुहैया कराए जाने की मांग की. आरोप है कि एसडीएम मैथा व ADM प्रशासन केशव गुप्ता ने उनको माफिया बता दिया. साथ ही बचा मकान भी ध्वस्त कराने की चेतावनी दी.

4- मकान गिराए जाने के बाद कृष्ण गोपाल दीक्षित का परिवार एक छप्पर डालकर रहने लगा. 14 जनवरी को तहसीलदार अकबरपुर रणविजय सिंह ने कृष्ण गोपाल दीक्षित, प्रमिला, शिवम, अंश, नेहा, शालिनी, आदित्य शुक्ला और गौरव शुक्ला के खिलाफ मुकदमा दर्ज करा दिया.  

5- सोमवार, 13 फरवरी को करीब 3 बजे SDM मैथा ज्ञानेश्वर प्रसाद, कानूनगो, लेखपाल अशोक सिंह, रूरा SHO दिनेश कुमार गौतम अपने 12 से 15 पुरुष-महिला सिपाहियों के साथ कृष्ण गोपाल के घर पर आए. परिवार के लोग छप्पर में ही आराम कर रहे थे. अन्दर 22 बकरियां भी थीं. जेसीबी ड्राइवर दीपक ने झोपड़ी को गिरा दिया.

6- कृष्ण गोपाल के बेटे शिवम ने बताया कि छप्पर गिराया जा रहा था तभी SDM मैथा द्वारा कहा गया कि आग लगा दो झोपड़ी में कोई बचने न पाए. इसके बाद लेखपाल अशोक सिंह ने उसमें आग लगा दी. शिवम के मुताबिक किसी तरह से वो और परिवार के कुछ लोग बचकर झोपड़ी से बाहर निकले. इसके बाद SHO दिनेश गौतम व अन्य 12 से 15 पुलिस कर्मियों ने उन्हें पीटा. इस दौरान शिवम की मां प्रमिला दीक्षित और बहन नेहा दीक्षित झोपडी के अंदर फंस गईं और आग में जलकर उनकी मौत हो गई. उधर, इस घटना के तुरंत बाद प्रशासन ने कहा कि आग मां-बेटी ने खुद लगाई.

7- दो महिलाओं की मौत के बाद ग्रामीण आक्रोशित हो गए. ग्रामीणों ने पुलिस-प्रशासनिक अफसरों को दौड़ा लिया. अफसरों ने भागकर अपनी जान बचाई. देर रात तक बवाल चलता रहा. फिर कानपुर कमिश्नर राज शेखर, डीएम नेहा जैन, ADG आलोक कुमार समेत अन्य अफसर मौके पर पहुंचे और देर रात तक डटे रहे. राज्य मंत्री प्रतिभा शुक्ला भी पहुंचीं. परिजनों की शिकायत पर एसडीएम मैथा ज्ञानेश्वर प्रसाद, रुरा एसएचओ दिनेश गौतम, लेखपाल अशोक सिंह समेत 40 लोगों के खिलाफ हत्या का मुकदमा दर्ज किया गया है. एफआईआर के अनुसार, रूरा थानाध्यक्ष दिनेश गौतम और अन्य 15 पुलिसकर्मियों ने बाहर बचकर निकले पिता और बेटे को आग में फेंकने की कोशिश की. इस पूरी घटना में मां-बेटी समेत 22 बकरियों की भी दर्दनाक मौत हो गई.

8- कृष्ण गोपाल के बेटे शिवम दीक्षित ने रूरा थाने में दर्ज कराई एफआईआर में जमीन को लेकर भी बताया है. शिवम के मुताबिक उनके दादा और घर के वर्तमान मुखिया कृष्ण गोपाल दीक्षित के पिता ने करीब 100 साल पहले एक बगीचा लगाया था. उसी जगह पर कृष्ण गोपाल ने 20 साल पहले अपना पक्का घर बनवाया था. ऐसे में किसी और की जमीन पर कब्जा करने का आरोप सही नहीं है.

9- मंगलवार, 14 फरवरी को जेसीबी ड्राइवर दीपक को पुलिस ने अरेस्ट किया. लेखपाल अशोक सिंह को भी हिरासत में लिया गया. लिखापढ़ी के बाद उन्हें गिरफ्तार कर जेल भेज दिया गया. एसडीएम को सस्पेंड कर दिया गया. आईजी रेंज कानपुर ने अन्य आरोपियों की गिरफ्तारी के लिए एक टीम का गठन किया.

10- मंगलवार को ही यूपी के डिप्टी सीएम बृजेश पाठक ने पीड़ित परिवार से वीडियो कॉल के जरिए बातचीत की. पीड़ित परिवार ने आरोपियों पर कार्रवाई, खेती के लिए जमीन, मुआवजा, सरकारी नौकरी और सुरक्षा की मांग की. बृजेश पाठक ने परिवार को कार्रवाई का आश्वासन दिया. डिप्टी सीएम से बातचीत के बाद पीड़ित परिवार अंतिम संस्कार के लिए तैयार हुआ.

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