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‘बीच चौराहे पर मार देना चाहिए, बचा है यही काफी है’- बहराइच एनकाउंटर पर गिरिराज सिंह का बयान

बहराइच में राम गोपाल मिश्रा की हत्या के 5 आरोपियों को मुठभेड़ के बाद पुलिस ने गिरफ्तार किया है. दो आरोपियों के पैर में गोली लगी है.

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union minister giriraj singh on bahraich encounter said such criminals should be eliminated
गिरिराज ने कहा है कि ऐसा काम करने वाले अपराधियों को खत्म कर देना चाहिए. (फोटो- X)
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प्रशांत सिंह
17 अक्तूबर 2024 (Published: 23:09 IST)
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उत्तर प्रदेश के बहराइच (Bahraich Violence) में दुर्गा पूजा विसर्जन कार्यक्रम के दौरान हुई हिंसा में राम गोपाल मिश्रा नाम के युवक की मौत हुई थी. हत्याकांड के बाद उत्तर प्रदेश पुलिस की STF टीम ने मुठभेड़ के बाद पांच आरोपियों को गिरफ्तार किया. मुठभेड़ में दो आरोपी घायल भी हुए. मुठभेड़ को लेकर केंद्रीय गृह मंत्री गिरिराज सिंह ने एक बयान दिया है. गिरिराज ने कहा है कि ऐसा काम करने वाले अपराधियों को खत्म कर देना चाहिए.

बहराइच हत्याकांड को लेकर केंद्रीय गृह मंत्री गिरिराज सिंह ने ANI को बताया,

“वैसे अपराधियों को तो बीच चौराहे पर खत्म कर देना चाहिए. लेकिन वो बचा हुआ है यही काफी है.”

गोली क्यों मारी?

बहराइच हत्याकांड के बाद उत्तर प्रदेश पुलिस की STF टीम से मुठभेड़ में जिन आरोपियों को गोली लगी है, उनका नाम सरफराज उर्फ रिंकू और मोहम्मद तालीम उर्फ सबलू है. बहराइच SP वृंदा शुक्ला ने बताया,

“मामले में पहले पकड़े गए आरोपियों की निशानदेही पर जब पुलिस हत्या में इस्तेमाल किए गए हथियार बरामद करने पहुंची तो अवैध हथियारों से पुलिस टीम पर फायरिंग की गई. पुलिस ने जवाबी फायरिंग की, जिसमें इस हिंसा और हत्या के मुख्य आरोपी सरफराज और फहीन को गोली लग गई. मामले में पुलिस ने एनकाउंटर के बाद कुल पांच लोगों को गिरफ्तार किया है.”

अधिकारी ने बताया कि ये हथियार नेपाल सीमा के पास नानपारा क्षेत्र में छिपा कर रखा गया था. उन्होंने बताया कि दोनों आरोपियों को इलाज के लिए अस्पताल ले जाया गया है. मामले में आगे की कार्रवाई की जा रही है. वृंदा शुक्ला ने ये भी बताया कि दंगा करने वाले आरोपियों पर NSA एक्ट लगाया जाएगा.    

पूरा मामला क्या है?

13 अक्टूबर, 2024 की शाम बहराइच के रेहुआ मंसूर गांव में दुर्गा प्रतिमा विसर्जन सांप्रदायिक हिंसा हुई थी. इस दौरान जुलूस में शामिल रामगोपाल ने दूसरे समुदाय के एक घर की छत पर जाकर नारेबाजी की और वहां भगवा झंडा लहराया, उसने वहां पहले से लगे एक झंडे को भी निकाल दिया. इसके बाद ही रामगोपाल की हत्या कर दी गई.

घटना के बाद दो दिन तक रह-रहकर बहराइच में हिंसक घटनाएं होती रही. पत्थरबाजी और आगजनी की खबरें भी आईं. पुलिस की भारी तैनाती के बाद हालात पर काबू पाया गया. लेकिन राम गोपाल की हत्या स्तब्ध कर देने वाली घटना थी. लोकल मीडिया में पहले पोस्टमार्टम के रिपोर्ट के हवाले से बताया गया कि राम गोपाल के साथ हत्या से पहले काफी बर्बरता की गई है. हालांकि, 16 अक्टूबर, 2024 को पुलिस ने इन सभी खबरों का खंडन जारी किया.

वीडियो: बहराइच हिंसा में मारे गए रामगोपाल मिश्रा के परिजनों ने बेटे की हत्या पर क्या बताया?

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