अयोध्या डेवलपमेंट प्रोजेक्ट का पैसा किसके गल्ले में गया? CAG का एक और 'धमाका'
19 करोड़ 73 लाख रुपये का अनुचित लाभ किसे मिला?
पेंशन योजना के फंड की ‘हेराफेरी’, आयुष्मान भारत योजना की खामियों के बाद CAG ने एक और खुलासा किया है. नया खुलासा अयोध्या डेवलपमेंट प्रोजेक्ट से जुड़ा है. CAG ने अपनी ऑडिट रिपोर्ट में बताया है कि अयोध्या डेवलपमेंट प्रोजेक्ट में ठेकेदारों को अनुचित लाभ पहुंचाया गया है. रिपोर्ट में कई और अनियमितताओं की भी बात की गई है.
CAG ने जनवरी 2015 से मार्च 2022 के बीच स्वदेश दर्शन योजना की परफॉर्मेंस ऑडिट की. ये रिपोर्ट 9 अगस्त को लोकसभा में पेश की गई. इसमें CAG ने बताया है कि योजना के तहत छह राज्यों में चल रहे छह प्रोजेक्ट्स के तहत ठेकेदारों को ‘19 करोड़ 73 लाख रुपये’ का अनुचित लाभ पहुंचाया गया.
रिपोर्ट में बताया गया है कि प्रोजेक्ट के मुताबिक उत्तर प्रदेश राजकीय निर्माण निगम लिमिटेड को ठेके की 5 प्रतिशत राशि गारंटी के रूप में जमा करनी थी. ये 3 करोड़ 11 लाख रुपये थी. लेकिन उत्तर प्रदेश राजकीय निर्माण निगम लिमिटेड ने सिर्फ 1 करोड़ 86 लाख रुपये ही जमा किए थे. इसके लिए कोई कारण भी नहीं बताया गया था.
विभाग को हुआ नुकसानCAG ने आगे बताया कि अयोध्या के गुप्तार घाट पर 14 हिस्सों में काम होना था. ये काम अलग-अलग ठेकेदारों को दिया गया था. रिपोर्ट के मुताबिक राज्य के सिंचाई विभाग द्वारा इन ठेकों का आवंटन किया गया था. महालेखा परीक्षक ने बताया कि सिंचाई विभाग ने ठेकेदारों द्वारा पेश की गई बिड का कोई आकलन नहीं किया था. बिना आकलन के ही ठेके आवंटित कर दिए गए. इस कारण विभाग 19 लाख 13 हजार रुपये बचाने में नाकाम रहा.
रजिस्ट्रेशन रद्द, फिर भी मिली GST की राशिरिपोर्ट में ये भी खुलासा किया गया कि राज्य सरकार ने स्वत: संज्ञान लेते हुए तीन ठेकेदारों का रजिस्ट्रेशन रद्द कर दिया था. इससे वो ठेकेदार GST लेने के हकदार नहीं थे. इसके बावजूद इनमें से एक ठेकेदार को 19 लाख 57 हजार रुपये का अनियमित भुगतान किया गया था. वहीं बाकी दो ठेकेदारों का GST भुगतान विभाग द्वारा काटा नहीं गया था.
गुप्तार घाट में विकास के लिए किए जा रहे कार्यों पर CAG रिपोर्ट में बताया गया कि ठेकेदारों को उन कामों के लिए भी भुगतान कर दिया गया था, जिसका काम उनके द्वारा किया ही नहीं गया.
सरकार ने वसूली की बात कहीजुलाई 2022 में उत्तर प्रदेश सरकार के पर्यटन विभाग और सिंचाई विभाग ने एक एग्जिट कॉन्फ्रेंस आयोजित की थी. जहां प्रदेश सरकार और पर्यटन विभाग ने CAG की ऑडिट रिपोर्ट में किए गए खुलासों को स्वीकार किया था. सरकार ने विभाग को ये निर्देश भी दिया था कि अतिरिक्त भुगतान की वसूली शुरू की जाए.
CAG ने अपनी ऑडिट रिपोर्ट में अयोध्या डेवलपमेंट प्रोजेक्ट में अनावश्यक खर्चे की बात भी की है. उसने बताया कि प्रोजेक्ट में 8 करोड़ 22 लाख रुपयों का अनावश्यक खर्च किया गया है. इतना ही नहीं रिपोर्ट में इस प्रोजेक्ट की मॉनिटरिंग व्यवस्था पर भी सवाल खड़े किए गए हैं.
अयोध्या डेवलपमेंट प्रोजेक्ट स्वदेश दर्शन योजना के तहत रामायण सर्किट का हिस्सा है. इसे 27 सितंबर 2017 को 127 करोड़ 21 लाख रुपये की लागत से मंजूरी दी गई थी. इसमें से 115 करोड़ रुपये अभी तक जारी किए जा चुके हैं. रामायण सर्किट के तहत अयोध्या के अलावा चित्रकूट और श्रंगवेरपुर का भी विकास किया जा रहा है.
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