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ब्रिटेन के गृह मंत्री बदले, तुरंत ही भारत ने खालिस्तान पर क्या मांग लिया? Video भी दिखाया

ब्रिटेन के प्रधानमंत्री ऋषि सुनक ने 13 नवंबर को अपनी कैबिनेट की सबसे वरिष्ठ मंत्रियों में से एक सुएला ब्रेवरमैन को बर्खास्त कर दिया. उनकी जगह जेम्स क्लेवरली नए गृह मंत्री बनाए गए हैं. इस फेरबदल के पहले ही दिन भारत ने ब्रिटेन से खालिस्तान मामले पर क्या मांग की?

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India asks for evidence against suspects involved in violence at Indian High Commission in London.
लंदन में 19 मार्च को भारतीय उच्चायोग में भारत के झंडे की जगह खालिस्तान का झंडा लगाने की कोशिश की गई थी. (फोटो क्रेडिट - इंडिया टुडे/X)
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प्रज्ञा
14 नवंबर 2023 (Updated: 14 नवंबर 2023, 12:33 IST)
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ब्रिटेन में गृह मंत्री बदले जाने के पहले ही दिन भारत ने वहां के अधिकारियों से बड़ी मांग कर दी. ये मांग जुड़ी है खालिस्तान के समर्थकों से. भारत ने कुछ वीडियो दिखाकर ये मांग रखी है. इसमें मांगे गए हैं कुछ सबूत. वो सबूत जिनमें लंदन में हिंसा करते कुछ लोग दिख रहे हैं. भारत को ये क्यों चाहिए? क्या है पूरा मामला? आइए जानते हैं. लेकिन उससे पहले जान लीजिए कि सुएला ब्रेवरमैन की जगह ब्रिटेन के नए गृह मंत्री कौन बने हैं? इनका नाम जेम्स क्लेवरली. क्लेवरली इससे पहले विदेश मंत्री के पद पर थे. वहीं, उनके पद पर अब पूर्व प्रधानमंत्री डेविड कैमरन को लाया गया है. इस फैसले के बाद डेविड कैमरन की ब्रिटेन की राजनीति में फिर से वापसी मानी जा रही है.

भारत ने ब्रिटेन से क्या-क्या मांगा?

इंडियन एक्सप्रेस की एक रिपोर्ट के मुताबिक, भारत सरकार ने ब्रिटेन से 19 मार्च को खालिस्तान समर्थक प्रदर्शन के दौरान लंदन में भारतीय उच्चायोग पर हुई हिंसा में शामिल संदिग्धों के खिलाफ सबूत मांगे हैं. भारत की राष्ट्रीय जांच एजेंसी(NIA) ने ब्रिटेन के अधिकारियों से म्युचअल लीगल असिस्टेंट ट्रीटी(MLAT) के तहत ये अनुरोध किया है. NIA ने इस घटना में शामिल लोगों और उनके सहयोगियों की सभी जानकारियां साझा करने के लिए कहा है.

NIA ने ब्रिटेन दौरे में जुटाए सबूत

MLAT के तहत कोई भी देश किसी आरोपी के खिलाफ सबूत इकट्ठा करने के लिए दूसरे देश से संपर्क कर सकता है. रिपोर्ट में गृह मंत्रालय के सूत्रों के हवाले से बताया गया कि NIA के अधिकारी मई में ब्रिटेन गए थे, उन्हें वहां 19 मार्च की हिंसा के बारे में कुछ जरूरी सुराग मिले हैं.

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इस मामले में ज्यादा जानकारियां जुटाने के लिए NIA ने MLAT के तहत 24 सवालों का एक सेट तैयार किया है. इसमें विरोध प्रदर्शन, उसका आयोजन करने वाले लोगों, उनकी जानकारियों और प्रदर्शन के लिए मिली अनुमति के बारे में पूछा गया है.

NIA ने मई 2023 में ब्रिटेन का दौरा किया. उन्होंने यहां भारतीय उच्चायोग पर हुए हमले से जुड़े कई अहम सबूत इकट्ठे किए. इसमें CCTV फुटेज भी शामिल हैं. भारत लौटने पर NIA ने इसमें से 5 वीडियो जारी किए थे. उन्होंने वीडियो में दिखाई देने वाले संदिग्धों की पहचान करने के लिए आम लोगों से मदद मांगी थी. इसके लिए एजेंसी को 1,050 से भी ज्यादा फोन आए थे.

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अमेरिका से भी सबूत मांगने की तैयारी

इसके अलावा भारत ने अमेरिका से भी इस तरह की जानकारी मांगने का प्रस्ताव तैयार किया है. NIA ने इसमें 2 जुलाई को सेन फ्रांसिस्को में भारतीय कॉनस्यूलेट पर हुए हमले में शामिल लोगों के बारे में सबूत मांगने की बात कही है.

NIA ने अगस्त में अमेरिका का दौरा किया था. इस दौरान सेन फ्रांसिस्को में हुए हमले पर सबूत इकट्ठा किए गए. NIA ने CCTV फुटेज की मदद से कुछ हमलावरों की पहचान की है. इनमें से कुछ के खिलाफ लुकआउट सर्कुलर भी जारी किया गया है. NIA ने MLAT तहत इस हमले की जांच के लिए भी सवाल तैयार किए हैं.

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