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टॉर्च की रोशनी में हुआ बच्चों का जन्म, एक नवजात की मौत भी हो गई! दिल्ली के अस्पताल पर लगा आरोप रौंगटे खड़ा कर देगा

Delhi के Kasturba Hospital पर मोबाइल के टॉर्च की रोशनी में बच्चे की डिलीवरी करवाने का आरोप लगा है. अस्पताल अस्पताल प्रशासन ने Power cut की बात तो मानी है. लेकिन टॉर्च की रोशनी में डिलीवरी के आरोपों को नकार दिया है.

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Two deliveries performed in torchlight Kasturba Hospital in Daryaganj
कस्तूरबा अस्पताल पर टॉर्च की रोशनी में डिलीवरी करने का आरोप लगा है. (कस्तूरबा अस्पताल)
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आनंद कुमार
23 अगस्त 2024 (Updated: 23 अगस्त 2024, 17:41 IST)
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दिल्ली के दरियागंज स्थित MCD के कस्तूरबा अस्पताल (Delhi mcd hospital) पर टॉर्च की रोशनी में बच्चे की डिलीवरी करवाने का आरोप लगा है. दरअसल 22 अगस्त को अस्पताल में मरम्मत के लिए दिन में बिजली काटी गई थी.इस दौरान कई वार्डों में अंधेरा छा गया. जिससे मरीजों को काफी परेशानी हुई. मरीजों को आरोप है कि इस दौरान मोबाइल के टॉर्च की रोशनी में दो बच्चों की डिलीवरी की गई. आरोप है कि इलाज के दौरान एक नवजात बच्चे की मौत भी हो गई.

इंडिया टुडे की रिपोर्ट के मुताबिक, दिल्ली MCD के अधिकारियों ने बताया कि कस्तूरबा गांधी अस्पताल में कुछ समय तक बिजली की सेवा बाधित रही. और इसकी वजह से अस्पताल में थोड़ी अव्यवस्था भी रही. लेकिन अस्पताल के OT में बिजली बैकअप उपलब्ध था. और 22 अगस्त को अस्पताल में तीन डिलीवरी हुई. जिसमें दो डिलीवरी दिन की रोशनी में हुई. और एक शाम के समय हुई तब तक अस्पताल में बिजली की व्यवस्था बहाल हो गई थी.

MCD अधिकारियों ने टॉर्च की रोशनी में डिलीवरी होने की बात का खंडन किया है. उन्होंने  बताया कि बिजली कटौती के बारे में पहले से सूचना दी गई थी. और उसके अनुसार व्यवस्था भी की गई थी. लेकिन कटौती कुछ घंटों के लिए बढ़ गई. और फिर शाम 7.45 बजे के आसपास बिजली बहाल हुई.

अस्पताल से जुड़े सूत्रों ने बताया कि अस्पताल परिसर में ही ट्रांसफर्मर है. जिससे पावर सप्लाई काट दी गई थी. ताकि अस्पताल में स्विच गियर्स लगाने का काम हो सके. इसके लिए बकायदा सर्कुलर भी जारी किया गया था. अस्पताल परिसर में 22 अगस्त को दोपहर 1 बजे से 4 बजे तक कंप्लीट शटडाउन किया गया था. और इस दौरान सभी डिपार्टमेंट को इसके हिसाब से तैयारी करने का आदेश दिया गया था.
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वहीं एक बच्चे की मौत पर MCD अधिकारियों ने बताया कि डिलीवरी के बाद बच्चे को सांस संबंधी दिक्कत थी. इसलिए उसको NICU में वेंटीलेटर पर रखा गया था. और NICU में पावर बैकअप की व्यवस्था है. और यह 22 अगस्त को ठीक से काम भी कर रहा था. अधिकारियों ने आगे बताया कि बच्चे को सांस लेने में तकलीफ हो रही थी. और इसके बारे में बच्चे के माता-पिता को इसके बारे में बता दिया गया था. पांच दिनों तक वेंटीलेटर पर रहने के बाद बच्चे की मौत हो गई.

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