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बिहार जातिगत जनगणना: सरकार को 'श्राप' देने की बात कौन कर रहा है?

एक समुदाय की ओर से जाति जनगणना का विरोध शुरू हो गया है.

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transgender community says bihar caste census data not upto the mark
प्रसाद ने बताया कि ट्रांसजेंडर समुदाय के लोग हजार से ज्यादा लोग पटना में हैं. फिर भी पूरे बिहार में सिर्फ 825 ट्रांसजेंडर बता दिए गए. (फोटो- आजतक/PTI)
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प्रशांत सिंह
2 अक्तूबर 2023 (Published: 23:05 IST)
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2 अक्टूबर को बिहार की नीतीश कुमार सरकार (Bihar Government) ने जातिगत जनगणना (Caste Census) के आंकड़े जारी किए. जनगणना के आंकड़े सामने आते ही राजनीतिक गलियारों से लेकर आम लोगों के बीच चर्चा शुरू हो गई. और इसी चर्चा के बीच एक हलके से आया विरोध. ट्रांसजेंडर एक्टिविस्ट रेशमा प्रसाद ने बिहार सरकार के इस सर्वे को फर्जी बता दिया है. 

आजतक की खबर के मुताबिक प्रसाद ने दावा किया कि ट्रांसजेंडर समुदाय के 1 हजार से ज्यादा लोग अकेले पटना में हैं. लेकिन सर्वे रिपोर्ट में पूरे बिहार में ट्रांसजेंडर्स की संख्या महज़ 825 बताई गई है जो कि बिल्कुल फर्जी है. उन्होंने कहा,

“सरकार ट्रांसजेंडर्स के साथ न्याय नहीं करना चाहती. उन्हें ट्रांसजेंडर्स व्यक्ति नहीं दिखते. किसी भी ट्रांसजेंडर को आईडेंटिफाई नहीं किया गया है. मेरे खुद के घर को भी आईडेंटिफाई नहीं किया गया, न ही आधार नंबर मांगा गया.”

रेशमा प्रसाद ने आगे कहा कि उन्होंने खुद हाई कोर्ट और सुप्रीम कोर्ट में याचिका दायर की है. उसके बाद भी ये स्थिति है. नेता कहते हैं कि ट्रांसजेंडर्स के आशीर्वाद से कुछ अच्छा होता है, तो वो सरकार को आशीर्वाद नहीं श्राप देंगी. सरकार उनकी जिंदगी के साथ अन्याय कर रही है.  

जनगणना के आंकड़े

बिहार में जनगणना के आंकड़ों के मुताबिक सबसे ज्यादा आबादी अति-पिछड़ा वर्ग की है. करीब 36 फीसदी. वहीं पिछड़ा वर्ग 27 फीसदी है, अनुसूचित जाति 19 फीसदी से ज्यादा, 15.52 फीसदी सवर्ण (अनारक्षित) और 1.68 फीसदी अनुसूचित जनजाति की जनसंख्या है.

बिहार सरकार में विकास आयुक्त विवेक सिंह ने प्रेस कॉन्फ्रेंस में बताया कि, बिहार सरकार ने जातीय जनगणना का काम पूरा कर लिया है.  बिहार सरकार ने राज्य में जातिगत जनसंख्या 13 करोड़ से ज्यादा बताई है. अधिकारियों के मुताबिक जाति आधारित गणना में कुल आबादी 13 करोड़ 7 लाख 25 हजार 310 है. आंकड़ों के मुताबिक बिहार में यादव 14 फीसदी, ब्राह्मण 3.66 फीसदी, राजपूत 3.45 फीसदी, कुर्मी 2.87 फीसदी, मुसहर 3 फीसदी और भूमिहार 2.86 फीसदी हैं.

(ये भी पढ़ें: 'बिहार में मुस्लिम 17 फीसदी, अति पिछड़ा 36', और किसकी कितनी आबादी जातिगत जनगणना में पता चला?)

वीडियो: बिहार के लड़कों ने सरकारी नौकरी की चाहत में जो बताया, वो सोचने पर मजबूर कर देगा

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