पूजा खेडकर ने तीन साल में बनवाए 3 विकलांगता सर्टिफिकेट, UPSC परीक्षा में ऐसे हासिल किया आरक्षण!
ट्रेनी IAS अधिकारी पूजा खेडकर के मेडिकल सर्टिफिकेट में कई तरह की गड़बड़ियां सामने आई हैं. विकलांगता सर्टिफिकेट देने के लिए आवेदन करते समय भी उन्होंने दो अलग-अलग नामों का इस्तेमाल किया था.
ट्रेनी IAS अधिकारी पूजा खेडकर पर सेलेक्शन के लिए कथित तौर पर फर्जी विकलांगता और जाति प्रमाण पत्र देने का आरोप है. इस मामले में उनके परिवार पर आरोपो की बाढ़ आ गई है. अब उनकी मुश्किलें और बढ़ती नजर आ रही हैं. क्योंकि दिल्ली पुलिस ने UPSC की शिकायत के बाद उनके खिलाफ मामला दर्ज कर लिया है.
विवाद शुरू होने के बाद से ही उनके मेडिकल सर्टिफिकेट में कई तरह की गड़बड़ियां सामने आई हैं. विकलांगता सर्टिफिकेट देने के लिए आवेदन करते समय भी उन्होंने दो अलग-अलग नामों का इस्तेमाल किया. खेडकर पूजा दिलीप राव और पूजा मनोरमा दिलीप खेडकर. अब जानकारी ये भी सामने आ गई है कि उन्होंने कब कहां से विकलांगता सर्टिफिकेट बनाया है.
कब कब बनवाया फर्जी सर्टिफिकेट?- 2019 में पूजा खेडकर ने अहमदनगर जिला अस्पताल से दृष्टिबाधित प्रमाण पत्र हासिल किया. और 2021 में उन्हें अहमदनगर जिला अस्पताल से दृष्टिबाधित और मानसिक बीमारी दोनों का संयुक्त सर्टिफिकेट मिला.
- 2022 में UPSC की परीक्षा के लिए अपनी विकलांगता साबित करने के लिए उन्होंने पिंपरी के यशवंतराव चव्हाण मेमोरियल अस्पताल में लोकोमोटर विकलांगता के लिए आवेदन किया. अस्पताल ने पुराने ACL टियर के आधार पर उनके बाएं घुटने में 7 प्रतिशत लोकोमोटर विकलांगता का सर्टिफिकेट दे दिया.
- सर्टिफिकेट के लिए आवेदन करते समय पूजा खेडकर ने फर्जी राशन कार्ड दिखाया. और खुद को पिंपरी-चिंचवाड़ का निवासी बताया. उन्होंने गलत पता भी दिया. जिसमें उनका पता था. प्लॉट नंबर 53, देहू-आलंदी, तलवडे. हालांकि बाद में पता चला कि यह पता थर्मोवेरिटा इंजीनियरिंग प्राइवेट लिमिटेड का था. और यह कोई रिहायशी प्रॉप्रटी नहीं थी. नगर निगम ने दो लाख रुपए का टैक्स न चुकाने के कारण इस प्रॉप्रटी को सील कर दिया है.
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- खेडकर ने YCM अस्पीताल के साथ-साथ औंध सिविल अस्पताल से भी लोकोमोटर विकलांगता सर्टिफिकेट के लिए आवेदन किया था. लेकिन YCM अस्पताल ने विकलांगता सर्टिफिकेट जारी कर दिया था. इसलिए औंध के सिविल अस्पताल में ऑनलाइन आवेदन 11 अक्तूबर 2022 को खारिज कर दिया गया था.
- यशवंतराव चव्हाण अस्पताल से प्राप्त सर्टिफिकेट के आधार पर पूजा खेडकर ने 'बेंचमार्क विकलांगता कैटेगरी' के अंतर्गत मिलने वाले छूट के लिए आवेदन किया. और सिविल सर्विसेज की परीक्षा दी.
इंडिया टुडे की रिपोर्ट के मुताबिक, खेडकर इस महीने की शुरुआत में पहली बार सुर्खियों में आईं. जब उन्हें पुणे से वाशिम जिले में ट्रांसफर कर दिया गया था. क्योंकि उनके अनुचित व्यवहार की शिकायत मिली थी. जिसमें ट्रेनिंग पीरियड के दौरान लाल बत्ती वाली निजी कार का उपयोग करना भी शामिल था. उन्होंने एक अलग ऑफिस, एक सरकारी गाड़ी और स्टाफ की भी मांग की थी. ये सारी सुविधाएं किसी ट्रेनी अधिकारी को नहीं दी जाती है.
वीडियो: पूजा खेडकर मामले में पुलिस ने अब कौन-सा एक्शन लिया? पूरा मामला समझ लीजिए