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BJP को इलेक्टोरल बॉन्ड से सबसे ज्यादा चंदा किसने दिया, SBI के नए डेटा से क्या पता चला?

Electoral Bond से सबसे ज्यादा चंदा देने वाली टॉप-10 की लिस्ट में शामिल कंपनियों ने किस पार्टी को कितने का चंदा दिया?

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ECI ने इलेक्टोरल बॉन्ड से जुड़ा डेटा जारी कर दिया है. (फोटो: इंडिया टुडे)
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रवि सुमन
22 मार्च 2024 (Updated: 22 मार्च 2024, 17:06 IST)
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सुप्रीम कोर्ट (Supreme Court) के आदेश के बाद SBI ने इलेक्टोरल बॉन्ड (Electoral Bond) से जुड़ा सारा डेटा जारी कर दिया. ECI ने उसे पब्लिश भी कर दिया. इस नए डेटा से पता चलता है कि भारतीय जनता पार्टी (BJP) को कुल 487 डोनर्स ने इलेक्टोरल बॉन्ड से चंदा दिया है. BJP को चुनावी बॉन्ड से सबसे अधिक कुल 8,252 करोड़ रुपए का चंदा मिला है. पार्टी को सबसे ज्यादा चंदा देने वाले टॉप-10 डोनर्स ने 2,119 करोड़ रुपए दान दिए हैं. भाजपा को मिले कुल चंदे का 35 प्रतिशत टॉप-10 डोनर्स ने दिया है. 

‘फ्यूचर गेमिंग एंड होटल सर्विसेज लिमिटेड’ ने सबसे ज्यादा इलेक्टोरल बॉन्ड खरीदे थे. कंपनी ने कुल 1,368 करोड़ का बॉन्ड दान किया था. इंडियन एक्सप्रेस की एक रिपोर्ट के मुताबिक, इस कंपनी ने BJP को 100 करोड़ की फंडिंग दी है. तृणमूल कांग्रेस (TMC) और DMK को भी चंदा दिया गया है. फ्यूचर गेमिंग कंपनी ने TMC को 542 करोड़ और DMK को 503 करोड़ रुपए की फंडिंग दी है.

Top-10 में और कौन?

टॉप-10 की लिस्ट में दूसरे नंबर पर है- मेघा ग्रुप. इसने BJP और कांग्रेस दोनों को फंडिंग दी है. मेघा ग्रुप ने 1,192 करोड़ के चुनावी बॉन्ड खरीदे. 110 करोड़ रुपया कांग्रेस को दिया गया. और इससे लगभग पांच गुना ज्यादा भाजपा को मिला. भाजपा को मेघा ग्रुप से 584 करोड़ की फंडिंग मिली है. भाजपा को ओवरऑल सबसे ज्यादा इसी कंपनी से चंदा मिला है.

ये भी पढ़ें: इलेक्टोरल बॉन्ड लिस्ट में नंबर-1 लॉटरी किंग ने किसे दिया सबसे ज्यादा चंदा, पता चल गया

इलेक्टोरल बॉन्ड से सबसे ज्यादा चंदा देने वाली कंपनियों के लिस्ट में तीसरे नंबर पर है- MKJ समूह. इसका मुख्यालय कोलकाता में है. इस कंपनी समूह ने कुल 617 करोड़ के बॉन्ड खरीदे थे. कंपनी ने इनमें से आधे से अधिक बॉन्ड BJP को दिए थे. भाजपा को 372 करोड़ के बॉन्ड मिले. कांग्रेस को 161 करोड़ और तृणमूल कांग्रेस को 47 करोड़ के चुनावी बॉन्ड मिले.

अगला नंबर है RPSG ग्रुप का. इस ग्रुप की अलग-अलग कंपनियों ने कुल 584 करोड़ रुपए के चुनावी बॉन्ड खरीदे. हल्दिया एनर्जी ने 377 करोड़ रुपये, धारीवाल इंफ्रास्ट्रक्चर ने 115 करोड़ रुपये, फिलिप्स कार्बन ने 35 करोड़ रुपये और क्रिसेंट पावर ने 34 करोड़ रुपये का बॉन्ड खरीदा था. सिर्फ इन चारों कंपनियों ने कुल मिलाकर 561 करोड़ रुपए के बॉन्ड खरीदे. इनमें से 419 करोड़ रुपये TMC को मिले, बीजेपी को 126 करोड़ और कांग्रेस को 15 करोड़ रुपये मिले. 

Quick Supply Chain ने कितना दान दिया?

लिस्ट में अगला नाम है- क्विक सप्लाई चेन प्राइवेट लिमिटेड का. जो रिलायंस इंडस्ट्रीज लिमिटेड की सहयोगी कंपनी है. कंपनी ने बॉन्ड पर 410 करोड़ रुपये खर्च किए. इसमें से भाजपा को 375 करोड़ रुपये और शिवसेना को 25 करोड़ रुपये मिले.

सबसे ज्यादा बॉन्ड खरीदने वाली सातवीं सबसे बड़ी कंपनी वेदांता लिमिटेड ने 401 करोड़ रुपए खर्च किए. सबसे ज्यादा लाभ पाने वाली पार्टी भाजपा रही, जिसे 227 करोड़ रुपए मिले. कांग्रेस को 104 करोड़ और BJD को 40 करोड़ रुपए मिले.

भारती समूह की चार कंपनियों ने 247 करोड़ रुपए के बॉन्ड खरीदे थे.  BJP को 197 करोड़ रुपए मिले. इस ग्रुप की कंपनी ‘भारती एयरटेल लिमिटेड’ ने बॉन्ड पर 183 करोड़ रुपए खर्च किए थे.

जिंदल ग्रुप की चार कंपनियों ने 192 करोड़ रुपए के बॉन्ड दान किए. BJD को सबसे ज्यादा 100 करोड़ रुपए मिले. कांग्रेस को 20 करोड़ और BJP को 3 करोड़ रुपए मिले. ग्रुप के सबसे बड़े खरीदार जिंदल स्टील एंड पावर ने 123 करोड़ रुपए खर्च किए. 

टॉप-10 की लिस्ट में दसवें नंबर पर है- अहमदाबाद की टोरेंट ग्रुप. इस ग्रुप की तीन कंपनियों ने 184 करोड़ रुपए के बॉन्ड दान किए. इस समूह से भाजपा को 107 करोड़ रुपये मिले. कांग्रेस को 17 करोड़ और आप को 7 करोड़ रुपये मिले. सबसे ज्यादा इस ग्रुप के टोरेंट पावर लिमिटेड ने 107 करोड़ रुपए का बॉन्ड खरीदा था. 

वीडियो: पड़ताल: पुलवामा हमले के बाद पाकिस्तानी कंपनी ने इलेक्टोरल बॉन्ड से क्या BJP को चंदा दिया?

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