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TMC प्रवक्ता साकेत गोखले अरेस्ट, जयपुर से गुजरात पुलिस ने पकड़ा, अहमदाबाद ले गई

क्या साकेत गोखले ने मोरबी हादसे को लेकर झूठ फैलाया था?

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TMC spokesperson Saket Gokhale arrested claims party MP
TMC प्रवक्ता साकेत गोखले गिरफ्तार (फोटो-आजतक)
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ज्योति जोशी
6 दिसंबर 2022 (Updated: 6 दिसंबर 2022, 10:22 IST)
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गुजरात पुलिस ने तृणमूल कांग्रेस के प्रवक्ता साकेत गोखले को सोमवार, 5 दिसंबर को गिरफ्तार किया है (TMC Saket Gokhale Arrested). मामला मोरबी हादसे से जुड़ा है. आरोप है कि गोखले ने प्रधानमंत्री के मोरबी दौरे को लेकर गलत जानकारी फैलाई. गिरफ्तारी की ये जानकारी उनकी पार्टी के सहयोगी और राज्यसभा सांसद डेरेक ओ ब्रायन ने एक ट्वीट में दी है.

ट्वीट के मुताबिक, साकेत गोखले को राजस्थान के जयपुर एयरपोर्ट से गुजरात पुलिस द्वारा अरेस्ट किया गया है. डेरेक ओ ब्रायन ने मामले पर जानकारी देते हुए ट्वीट किया,

“टीएमसी के राष्ट्रीय प्रवक्ता साकेत गोखले को गुजरात पुलिस ने गिरफ्तार किया है. सोमवार को उन्होंने नई दिल्ली से जयपुर के लिए रात 9 बजे की फ्लाइट ली. जब वो उतरे तो गुजरात पुलिस राजस्थान के हवाई अड्डे पर उनका इंतजार कर रही थी. वहीं उन्हें पकड़ा गया.”

एक अन्य ट्वीट में उन्होंने लिखा,

“मंगलवार को दोपहर 2 बजे गोखले ने अपनी मां को फोन किया और बताया कि पुलिस उन्हें अहमदाबाद ले जा रही है. वो दोपहर तक अहमदाबाद पहुंच जाएंगे. पुलिस ने उन्हें दो मिनट का फोन कॉल करने दिया और फिर फोन समेत उनका सारा सामान जब्त कर लिया.”

उन्होंने आगे लिखा,

“मोरबी पुल के ढहने पर साकेत के ट्वीट को लेकर अहमदाबाद साइबर सेल में बना बनाया मामला दर्ज किया गया है. बीजेपी राजनीतिक प्रतिशोध को अलग लेवल पर ले जा रही है. टीएमसी और विपक्ष चुप नहीं रह सकता.”

पूरा मामला गोखले के एक ट्वीट का है. ट्वीट में दावा किया गया कि पीएम के मोरबी दौरे पर 30 करोड़ रुपये खर्च किए गए थे.  साकेत गोखले ने किसी RTI के हवाले से ये दावा ट्विटर पर किया था.

गुरूवार, 1 दिसंबर को TMC नेता ने ट्विटर पर लिखा था,

"RTI से पता चलता है कि मोदी के कुछ घंटों के मोरबी दौरे पर 30 करोड़ रुपये खर्च हुए. इसमें से 5.5 करोड़ रुपये विशुद्ध रूप से "वेलकम, इवेंट मैनेजमेंट और फोटोग्राफी" के लिए थे. मरने वाले 135 पीड़ितों में प्रत्येक को चार लाख रुपये की मुआवजा राशि दी गई, यानी कुल पांच करोड़ रुपये. सिर्फ मोदी के इवेंट मैनेजमेंट और पीआर की कीमत 135 लोगों की जान से ज्यादा है."

केंद्र सरकार के सूचना कार्यालय PIB ने इस दावे को गलत बताया. PIB के मुताबिक, ऐसा कोई RTI जवाब नहीं दिया गया है.

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