GITN: निर्भया केस के आरोपी ने जेल में आत्महत्या की या करवाई गई? तिहाड़ के पूर्व जेलर ने क्या बताया?
निर्भया केस के आरोपी राम सिंह ने तिहाड़ जेल में आत्महत्या कर ली थी. अब तिहाड़ के जेलर रहे सुनील गुप्ता ने दिलचस्प जानकारी दी है.
दी लल्लनटॉप के चर्चित शो ‘गेस्ट इन दी न्यूज़ रूम’ में आप कई हस्तियों से मिल चुके हैं. उनकी कहानियां सुन चुके हैं. इस बार इस शो में हमसे अपने अनुभव साझा करने आए ‘जेलर’ सुनील गुप्ता. दिल्ली की तिहाड़ जेल में 25 साल कार्यरत रहे. कई बड़े अपराधी उनके कार्यकाल में तिहाड़ जेल में बंद रहे. ‘बिकिनी किलर’ चार्ल्स शोभराज और निर्भया केस के आरोपियों से जुड़े कई राज और किस्से सुनील गुप्ता ने हमसे साझा किए.
सुनील गुप्ता ने निर्भया केस के आरोपियों के बारे में भी चर्चा की. उन्होंने कहा,
“तिहाड़ जेल में कैदियों को तीन तरह से रखा जाता है. एक, जो पहली बार जेल में आते हैं उनके लिए. दूसरे वो कैदी होते हैं जो हैबिचुअल होते हैं. यानी बार-बार अपराध करते हैं. और तीसरे वो कैदी होते हैं जिन्हें सेल में रखा जाता है. ये आतंकवादी और गैंगस्टरों के लिए होता है. जब निर्भया केस के आरोपी जेल में आए तो उन आरोपियों को रखने की जगह मैंने चुनी थी. इसके लिए डीजी से मैंने अप्रूवल भी लिया था.”
निर्भया केस के आरोपियों में से एक राम सिंह के बारे में बताते हुए सुनील गुप्ता ने कहा कि जब वो तिहाड़ आया तो देश में पब्लिक सेंटीमेंट काफी खराब था. उन्होंने कहा,
“मैंने डीजी से कहा कि राम सिंह को हम हाई सिक्योरिटी वार्ड में रख देते हैं. क्योंकि जेलर की सबसे पहली ड्यूटी कैदियों की सेफ कस्टडी और प्रिज़न की सेफ्टी होती है. अगर किसी कैदी को जेल में मार दिया या कोई कैदी भाग गया, तो ये जेलर की सबसे बड़ी चूक होती है.”
सुनील ने बताया कि निर्भया केस के कैदियों के खिलाफ लोगों इतना गुस्सा था कि उन्हें जेल में भी मारा जा सकता था. वैसे भी रेप के आरोपी को जेल में अच्छी नज़र से नहीं देखा जाता है. उन्होंने आगे कहा,
“इस वजह मैंने डीजी से कहा कि राम सिंह को अलग सेल में रख देते हैं. ज्यादातर मेरी सलाह को मान लिया जाता था. लेकिन जब मैंने राम सिंह के बारे में डीजी से बात की, तो उन्होंने मना कर दिया. डीजी ने कहा कि इसे मरने दो, जहां भी जाता है. डीजी ने राम सिंह को तीन खुराफाती कैदियों के साथ रख दिया. मुझे लगा कि ये बहुत तगड़ी चूक हो रही है.”
राम सिंह की सुसाइड पर बताते हुए सुनील ने कहा,
“तिहाड़ जेल में जब भी कोई सुसाइड करता है तो हूटर बजता है. सारे कैदियों को एक जगह इकट्ठा होना होता है. रात को ऐसे ही हूटर बजा, तो मैं वहां पहुंचा. मैंने पता किया कि क्या हुआ? तो पता चला कि राम सिंह ने सुसाइड कर लिया है. मैं उसकी सुरक्षा के लिए जिम्मेदार नहीं था. इसलिए मैं जो सवाल पूछ सकता था, वो मैंने पूछे. सुसाइड के बारे में पूछने पर पता चला कि उसने बाल्टी के ऊपर चढ़कर फांसी लगा ली.”
सुनील गुप्ता ने बताया कि राम सिंह ने खुली जगह में सुसाइड की थी. उन्होंने कहा,
राम सिंह ने निर्भया रेप के बारे में क्या बताया?“तिहाड़ जेल में सेल 16X10 की होती है. उसके दरवाजे ग्रिल के होते हैं, जिससे कि आप अंदर देख सकें. इसके आगे 15-20 फिट की खाली जगह होती है, जिसमें आप टहल सकते हो. राम सिंह ने इसी खाली जगह पर सुसाइड की थी.”
सुनील गुप्ता ने राम सिंह से निर्भया केस के बारे में भी पूछा तो उसने बताया कि उन लोगों ने शराब पी रखी थी. वे बस खड़ी करने जा रहे थे, तभी निर्भया और उसके साथी को बस में बिठा लिया. पूर्व जेलर के मुताबिक राम सिंह ने बताया था कि वो दोनों बस में बैठकर कुछ ऐसी हरकत कर रहे थे जो हमसे देखी नहीं गई. फिर हमने उन पर हमला कर दिया.
सुनील गुप्ता ने राम सिंह के सुसाइड पर शक भी जताया. उनके मुताबिक कोई बाल्टी में चढ़कर कैसे सुसाइड कर सकता है. उन्होंने कहा कि किसी ने उसको ऊपर चढ़ाया और गले में रस्सी डालकर उसे नीचे फेंक दिया. बकौल गुप्ता, राम सिंह के विसरा टेस्ट में शराब पाई गई थी. उन्होंने बताया कि उसे पहले शराब पिलाई गई, फिर फांसी पर लटका दिया गया.
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